बगोदर, गिरिडीहः लॉकडाउन का असर कृषि कार्यों में पड़ रहा है. पहले किसानों के फसल को बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने बर्बाद किया, और अब कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन ने किसानों की परेशानियां बढ़ा दी है.
लॉकडाउन में तरबूज की बिक्री नहीं होने से बगोदर प्रखंड के अटका में एक एकड़ में लगे तरबूज बर्बाद होने की कगार पर है. बेमौसम बारिश के साथ हुई बर्फबारी के कारण समय से पहले तरबूज नष्ट होने लगा है. इससे बगोदर प्रखंड के अटका के रहने वाले दिव्यांग शिक्षित किसान सरयू महतो की चिंता बढ़ गई है और वे अपने आंखों के सामने तरबूज की फसल को बर्बाद होता देख काफी परेशान हैं.
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उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और बेमौसम बारिश के साथ हुई ओलावृष्टी ने तरबूज की खेती को काफी नुकसान पहुंचाया है. खेतों में भारी मात्रा में तरबूज बर्बाद हो रहे हैं. खेतों से तोड़कर घर में स्टॉक किए गए तरबूज भी बर्बाद होने लगे हैं. लॉकडाउन के चलते तरबूज का बाजार में डिमांड नहीं होने के कारण व्यापारियों के द्वारा तरबूज की खरीददारी नहीं की जा रही है. किसान सरयू महतो ने कहा तरबूज का वितरण आस-पड़ोस में किया जा रहा है. काफी पूंजी और मेहनत से उपजाए गए तरबूज की बिक्री नहीं होने और उसे बर्बाद होता देख सरयू महतो की चिंता बढ़ गई है.
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सरयू ने बताया कि पिछले दिनों बेमौसम बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से तरबूज समय से पहले ही बर्बाद होने लगे हैं. बता दें कि सरयू महतो ने दो एकड़ की जमीन में तरह-तरह की सब्जियां लगाई हैं और जिसमें एक एकड़ में सिर्फ तरबूज की फसलें लगाई गई है. उन्होंने बताया कि एक एकड़ भू-भाग में तरबूज की खेती करने में एक लाख रुपए की पूंजी लगी है.