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करोड़ों खर्च के बावजूद खेतों तक नहीं पहुंच रहा नहर का पानी, मशीन लगाकर पटवन करने को लाचार किसान

गिरिडीह में करोड़ों रुपए खर्च कर कोनार नहर परियोजना का निर्माण हुआ था. इसका उद्देश्य था कि किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए कोई असुविधा ना हो. लेकिन किसान इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. किसानों को खुद खर्च कर पंप से पानी खेतों तक पहुंचाना पड़ रहा है.

Water of Konar Canal in giridih
Water of Konar Canal in giridih
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 25, 2023, 3:58 PM IST

Updated : Aug 25, 2023, 4:11 PM IST

जानकारी देते संवाददाता धर्मेंद्र पाठक

गिरिडीह: जिले में करोड़ों रुपए खर्च कर कोनार नहर सिंचाई परियोजना को पूरा किया गया. लेकिन बावजूद इसके इस सिंचाई परियोजना का लाभ हेठली बोदरा के किसानों को नहीं मिल रहा है. नहर में पानी भरे होने के बाद भी खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. इसका मुख्य कारण नहर निर्माण के दौरान बरती गई विसंगतियां हैं.

यह भी पढ़ें: मानसून सत्र में उठा गवई बराज सिंचाई परियोजना में अनियमितता का मुद्दा, विधायक अमर बाउरी ने की जांच की मांग

नहर बनकर तैयार है. उसमें पानी भी भरा हुआ है, लेकिन नहर का पानी खेतों तक पहुंचाने के लिए जिस आउट लेट की जरूरत होती है, उसका निर्माण नहीं किया गया है. लिहाजा किसानों को मशीन लगाकर नहर का पानी खेतों तक ले जाना पड़ रहा है. इसके लिए किसानों को अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ रहा है.

युवा किसान संतोष यादव बताते हैं कि नहर में पानी होने के बाद भी वे खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है. अगर, एक आउटलेट का निर्माण हुआ रहता तो शायद उन्हें परेशानी नहीं होती. वहीं किसान देव नारायण प्रजापति बताते हैं कि आउटलेट नहीं होने के कारण उन्हें पंप लगाकर पानी पटवन करना पड़ रहा है. इससे उनपर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है. नहर बनने के बाद भी इसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है.

2018 में नहर बनकर हुआ तैयार: नहर का पानी खेतों तक नहीं पहुंचने के कारण आज हजारों हेक्टेयर खेतिहर भूमि में धनरोपनी नहीं हुई है. जबकि खेतों में धान का बिचड़ा तैयार है. बता दें कि उतरी छोटानागपुर प्रमंडल के बंजर जमीन पर हरियाली लाने के उद्देश्य से कोनार नहर का निर्माण कार्य एकीकृत बिहार के समय शुरू हुआ था.

बगोदर डिवीजन के हेठली बोदरा और आसपास में नहर का निर्माण कार्य 2018 में पूरा कर लिया गया है. लेकिन हेठली बोदरा में निर्माण कार्य में किसानों की सुविधाओं की अनदेखी की गई है. यहां एक भी आउट लेट का निर्माण नहीं किया गया है. इससे इस परियोजना के लाभ से किसानों को ना सिर्फ वंचित रहना पड़ रहा है, बल्कि इसका उद्देश्य भी पूरा नहीं हो रहा है. बता दें कि मानसून की बेरुखी के कारण इलाके में धनरोपनी का कार्य प्रभावित है.

जानकारी देते संवाददाता धर्मेंद्र पाठक

गिरिडीह: जिले में करोड़ों रुपए खर्च कर कोनार नहर सिंचाई परियोजना को पूरा किया गया. लेकिन बावजूद इसके इस सिंचाई परियोजना का लाभ हेठली बोदरा के किसानों को नहीं मिल रहा है. नहर में पानी भरे होने के बाद भी खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. इसका मुख्य कारण नहर निर्माण के दौरान बरती गई विसंगतियां हैं.

यह भी पढ़ें: मानसून सत्र में उठा गवई बराज सिंचाई परियोजना में अनियमितता का मुद्दा, विधायक अमर बाउरी ने की जांच की मांग

नहर बनकर तैयार है. उसमें पानी भी भरा हुआ है, लेकिन नहर का पानी खेतों तक पहुंचाने के लिए जिस आउट लेट की जरूरत होती है, उसका निर्माण नहीं किया गया है. लिहाजा किसानों को मशीन लगाकर नहर का पानी खेतों तक ले जाना पड़ रहा है. इसके लिए किसानों को अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ रहा है.

युवा किसान संतोष यादव बताते हैं कि नहर में पानी होने के बाद भी वे खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है. अगर, एक आउटलेट का निर्माण हुआ रहता तो शायद उन्हें परेशानी नहीं होती. वहीं किसान देव नारायण प्रजापति बताते हैं कि आउटलेट नहीं होने के कारण उन्हें पंप लगाकर पानी पटवन करना पड़ रहा है. इससे उनपर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है. नहर बनने के बाद भी इसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है.

2018 में नहर बनकर हुआ तैयार: नहर का पानी खेतों तक नहीं पहुंचने के कारण आज हजारों हेक्टेयर खेतिहर भूमि में धनरोपनी नहीं हुई है. जबकि खेतों में धान का बिचड़ा तैयार है. बता दें कि उतरी छोटानागपुर प्रमंडल के बंजर जमीन पर हरियाली लाने के उद्देश्य से कोनार नहर का निर्माण कार्य एकीकृत बिहार के समय शुरू हुआ था.

बगोदर डिवीजन के हेठली बोदरा और आसपास में नहर का निर्माण कार्य 2018 में पूरा कर लिया गया है. लेकिन हेठली बोदरा में निर्माण कार्य में किसानों की सुविधाओं की अनदेखी की गई है. यहां एक भी आउट लेट का निर्माण नहीं किया गया है. इससे इस परियोजना के लाभ से किसानों को ना सिर्फ वंचित रहना पड़ रहा है, बल्कि इसका उद्देश्य भी पूरा नहीं हो रहा है. बता दें कि मानसून की बेरुखी के कारण इलाके में धनरोपनी का कार्य प्रभावित है.

Last Updated : Aug 25, 2023, 4:11 PM IST
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