गांडेय, गिरिडीह: पंचायत चुनाव के कारण ग्रामीण इलाकों में सियासी हलचल तेज है. प्रत्याशी लोगों का मन जीतने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं, ताकि सीट जीत सकें. वहीं कुछ एक स्थानों पर पक्ष में मतदान के लिए प्रत्याशियों की ओर से तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. ऐसा ही मामला गिरिडीह जिले के बेंगाबाद प्रखंड से सामने आया है. यहां एक गांव में जिला परिषद प्रत्याशी के समर्थक और कुछ ग्रामीणों के साथ नोक झोंक का मामला सामने आया है. इस नोकझोंक का वीडियो भी वायरल है. हालांकि ईटीवी भारत इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. घटना बेंगाबाद के चपुवाडीह पंचायत स्थित बिशनपुर गांव की है.
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दरअसल, वायरल वीडियो के मुताबिक बेंगाबाद जिला परिषद भाग संख्या 42 की प्रत्याशी शोभा मंडल का प्रचार वाहन चपुवाडीह पंचायत के बिशनपुर गांव पहुंचा था. यहां गांव के कुछ युवकों द्वारा प्रचार वाहन का विरोध किया जाने लगा, जिसकी सूचना जिप सदस्य प्रत्याशी के पति जयप्रकाश मंडल को समर्थकों ने दी. सूचना के बाद जयप्रकाश मंडल एवं उनके अन्य समर्थक अन्य प्रचार वाहन के साथ वहां पहुंचे.
इस दौरान उनके कुछ समर्थकों के हाथ में लाठी होने की बात कही जा रही है. आरोप है कि जिप सदस्य के पति एवं उनके समर्थक लाठी डंडे की धौंस दिखा कर बल पूर्वक प्रचार वाहन को लेकर गांव में घुसे और जबरन अपने पक्ष में वोट करने की बात करने लगे. इसी बात को लेकर मामला बिगड़ने लगा और कुछ ग्रामीण युवकों ने विरोध किया. जिसके बाद मौके पर स्थानीय पंचायत की मुखिया प्रत्याशी की पत्नी सुमित्रा मंडल अपने समर्थकों के साथ पहुंचीं और जिप सदस्य प्रत्याशी के पति के साथ नोक-झोंक होने लगी.
सुमित्रा का आरोप-लाठी लेकर ग्रामीण को दिखाया भयः मुखिया प्रत्याशी की पत्नी सुमित्रा मंडल का कहना था कि वह ग्रामीणों के साथ अपने पक्ष में मीटिंग कर रहीं थीं. इसी दौरान जिप सदस्य प्रत्याशी का प्रचार वाहन वहां पहुंचा था. इसी दौरान पूर्व में किए गए वादे को नहीं निभाने की बात कहते हुए कुछ युवकों ने प्रचार वाहन को रोक दिया, जिसके बाद जिप सदस्य के पति अपने अन्य समर्थकों के साथ वहां आ धमके और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने लगे. आरोप है कि प्रकाश मंडल के समर्थक हाथों में लाठियां लेकर गांव आए थे और लोगों को भयभीत करने की कोशिश कर रहे थे.
जयप्रकाश मंडल का आरोप-बदनाम करने की साजिशः इस मामले में जिप सदस्य प्रत्याशी के पति का कहना है कि प्रचार वाहन को रोकने की सूचना पाकर वह वहां पहुंचे थे, वह लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे. उनके द्वारा किसी प्रकार का बल प्रयोग या शक्ति प्रदर्शन नहीं किया गया है और ना ही जनता से उनकी किसी प्रकार की बहस हुई है. उनका कहना है कि उनकी लोकप्रियता से घबरा कर उनके विपक्षियों ने मिलकर प्रायोजित ढंग से उन्हें उलझाने का प्रयास किया, मगर सूझबूझ से उन्होंने जनता से बातचीत कर मामले का निबटारा कर लिया.
जयप्रकाश मंडल का आरोप है कि जिला परिषद भाग संख्या 42 के अन्य प्रत्याशियों के समर्थक और सुमित्रा मंडल ने साठगांठ कर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. जबकि खुद सुमित्रा मंडल सहिया साथी होकर भी सरकारी भवन में अपने पति प्रकाश मंडल के पक्ष में मीटिंग कर रहीं थीं.