गिरिडीह: कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. लेकिन अब जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी सामने आने लगी है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने कोरोना से संक्रमित एक मरीज की मौत होने के बाद उसके शव को बगैर पलास्टिक से पैक किए ही खुली अवस्था में शहर के श्मशान घाट पहुंचा दिया.
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सदर विधायक को दी गई लापरवाही की जानकारी
इस मामले को सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर कुमार ने सामने लाए. इसकी जानकारी सदर विधायक सुदिव्य कुमार और जेएमएम जिलाध्यक्ष संजय सिंह को दी गई. विधायक और जिलाध्यक्ष ने इसे गम्भीरता से लिया है. जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने सिविल सर्जन से बात की और इस लापरवाही के पीछे कौन जिम्मेदार है, इसकी जानकारी मांगी है.
जेएमएम जिलाध्यक्ष ने डीसी से की लिखित शिकायत
जेएमएम जिलाध्यक्ष ने मामले की लिखित शिकायत गिरिडीह के डीसी से भी की है. जिलाध्यक्ष ने कहा कि अभी संक्रमण फैले नहीं इसपर ध्यान देने की जरूरत है. इस आपदा के समय जब स्वास्थ्य महकमा ही इस तरह की लापरवाही करेगा तो फिर आमलोगों को जागरूक कौन करेगा. उनकी पार्टी इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि विधायक ने भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सुधरने को कहा है. यह भी कहा है कि आगे से इस तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए.
मामले पर क्या बोले सामाजिक कार्यकर्ता
इधर मामले को उजागर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर कुमार ने कहा कि इस तरह की लापरवाही मानव जीवन पर भारी पड़ सकती है. प्रभाकर ने बताया कि शव को श्मशान घाट पर खुले में रख दिया गया. बाद में स्थानीय युवक रॉकी नवल और मिथुन चन्द्रवंशी ने अपने साथियों के साथ पीपीई किट पहनकर शव का अंतिम संस्कार कर दिया है.