गिरिडीहः बगोदर प्रखंड के गांवों में इन दिनों रात में दीपावली जैसे पटाखे फोड़ा जा रहे हैं और लोग हाथ में मशाल लेकर घूमते हैं. ग्रामीण खुशी में पटाखा नहीं फोड़ रहे हैं, बल्कि जंगली हाथियों की भय और दहशत से पटाखा फोड़ने के साथ साथ रतजगा करने का मजबूर हैं.
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पिछले एक सप्ताह से दर्जनों गांवों में जंगली हाथियों का उत्पात जारी है. हाथी गांव में घूसकर उत्पात मचा रहा है. गांव में हाथी नहीं पहुंचे. इसको लेकर गांव के लोग रात भर रतजगा करने के साथ-साथ पटाखा फोड़ते रहते हैं. बीती रात हाथियों का झुंड खंभरा गांव पहुंचा और जमकर उत्पात मचाया. गांव के खेतों में लगे मकई, धान और अरहर की फसलों को रौंद दिया. इसके साथ ही दो लोगों के मकानों के चहारदीवारी को ध्वस्त कर दिया. इतना ही नहीं, बनपुरा, ध्वैया और कोड़ाडीह में भी हाथी ने उत्पात मचा चुके हैं.
शाम होते ही ग्रामीण इलाकों में घूमने लगता है हाथियों का झुंड
ग्रामीणों ने बताया कि दिनभर हाथियों का झुंड जंगल में रहता है, लेकिन शाम होते ही ग्रामीण इलाके में घूमने लगता है. जंगली हाथियों से गांवों में दहशत का माहौल है. उन्होंने कहा कि रविवार की रात हाथियों ने हेसला के कोड़ाडीह में उत्पात मचाया. इस दौरान नंदलाल महतो के घर का दरवाजा क्षतिग्रस्त कर दिया और घर में रखे अनाजों को बर्बाद कर दिया. इसके साथ ही पांच लोगों के मकानों को क्षतिग्रस्त करने के साथ-साथ खेतों में लगे फसल को रौंद दिया.
हाथियों के उत्पात से ग्रामीण परेशान
16 सितंबर को ध्वैया और बनपुरा गांव में हाथियों का झुंड पहुंचा और एक दर्जन लोगों को नुकसान पहुंचाया. बनपुरा गांव के एक मंदिर को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही रामचंद्र यादव के मकान और अरहर की फसल, सुरेश यादव के मकान, संजय यादव की फसल, चेतलाल मिर्धा के मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया. प्रखंड प्रमुख मुस्ताक अंसारी ने कहा कि जंगली हाथियों के उत्पात से ग्रामीण परेशान हैं, लेकिन वन विभाग की ओर से समुचित कार्रवाई नहीं की जा रही है.