गिरिडीह: जमीन की रजिस्ट्री में हो रही देरी और कथित तौर पर उगाही का आरोप लगा कर एक रैयत और खरीदार ने जिला निबंधन कार्यालय में जमकर बवाल काटा. यहां पदस्थापित अवर निबंधक सहदेव मेहरा के कार्यालय में जाकर न सिर्फ उनपर गंभीर आरोप लगाया, बल्कि कार्यालय से बाहर निकलने के दौरान उनके साथ धक्का मुक्की भी की गई. यह घटना मंगलवार की दोपहर की है.
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शादी के लिए रैयत बेच रहा था जमीन, निबंधन में आनाकानी का आरोप: कहा जा रहा है कि शोभा चौधरी नाम का एक रैयत बेंगाबाद अंचल के कर्णपुरा मौजा में अवस्थित 30 डिसमिल जमीन बेच रहा है. इस जमीन के खरीदार किशन कुमार सिन्हा नाम का व्यक्ति है. रैयत पिछले कुछ दिनों से निबंधन के लिए रजिस्ट्री ऑफिस आ रहा है, लेकिन उनका निबंधन नहीं हो पा रहा है. मंगलवार को रैयत अपने साथ खरीदार और अन्य लोगों लेकर जिला निबंधन कार्यालय पहुंचे. यहां फिर से रजिस्ट्री नहीं किया जाने लगा. इसके बाद अवर निबंधक सहदेव मेहरा के कार्यालय के अंदर जाकर रैयत और खरीदार ने हंगामा शुरू कर दिया. यहां अवर निबंधक के सामने उनपर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने साफ कहा कि रिश्वत नहीं देने पर उनकी जमीन की रजिस्ट्री नहीं की जा रही है. यहां अवर निबंधक सहदेव मेहरा ने रैयत और खरीदार को यह कहकर शांत करवाने का प्रयास किया कि रजिस्ट्री के लिए बनाए कागजात में जमीन का मूल्य कम लिखा गया है. अवर निबंधक के इस बात को रैयत ने खारिज करते हुए कहा कि रिश्वत लेने का अलग अलग बहाना है.
कार्यालय से बाहर निकलते वक्त धक्का मुक्की: रैयत और खरीदार के सवालों और आरोपों से बचते हुए अवर निबंधक यह कह कर अपने कार्यालय से निकलने लगे कि उन्हें जिलाधिकारी के पास मीटिंग में जाना है. जैसे ही अवर निबंधक कार्यालय से बाहर निकलने लगे तो बात बढ़ गई और अवर निबंधक के साथ धक्का मुक्की कर दी गई. इसके बाद यहां का माहौल गरमा गया. इसी गर्माहट भरे माहौल के बीच अवर निबंधक कार्यालय से निकल गए.
यहां के बाद रैयत शोभा चौधरी और खरीदार किशन कुमार सिन्हा ने पत्रकारों से बात की. उन्होंने बताया कि उन्हें जमीन की रजिस्ट्री करनी है. इसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं. जब अवर निबंधक के पास रजिस्ट्री के लिए पहुंचे तो यह कहा गया कि विभाग के क्लर्क अमरनाथ सिन्हा से मिले. जब उनसे मिलने गए तो यह कहा गया कि जिस मौजा की जमीन है उसकी रजिस्ट्री तभी हो सकती है जब मोटी रिश्वत दी जाएगी. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि उनसे एक लाख बतौर रिश्वत मांगा गया. रिश्वत नहीं देने के कारण ही उनकी जमीन की रजिस्ट्री नहीं की गई.
अवर निबंधक ने आरोपों को बताया निराधार: इधर, रैयत और खरीदार द्वारा लगाये गए आरोप पर ऑन कैमरा अवर निबंधक ने बयान नहीं दिया, लेकिन मोबाइल से बात की. उन्होंने बताया कि जो भी आरोप लगाया गया है वह पूरी तरह से बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि उन्होंने रिश्वत नहीं मांगी है. दूसरी तरफ विभाग के क्लर्क अमरनाथ सिन्हा ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है.