गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के पोखरिया के रहनेवाले तीन मजदूर मलेशिया में मजदूरी करने गए हैं. युवकों का घर-परिवार से पिछले एक सप्ताह से संपर्क नहीं होने के कारण वहां फंसे होने की बात सामने आ रही थी. जिस पर पूरी तरह से विराम लग गया है. तीनों मजदूर वहां फंसे हुए नहीं है, बल्कि वो तीनों क्वारेंटाइन में हैं. मजदूरों को ले जाने वाले चेन्नई के ठेकेदार ने इस बात की पुष्टि की है.
मजदूरों का अपने घर से एक सप्ताह से संपर्क नहीं होने पर परिजनों ने ठेकेदार से इसकी जानकारी ली. जिसके बाद ठेकेदार ने बताया कि साथ में काम करने वाले एक मजदूर के कोरोना संक्रमित होने के बाद तीनों मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया गया है, इस दौरान मोबाइल भी बंद रखा गया है. ठेकेदार ने बताया कि तीनों वहां ठीक हैं और 5 अगस्त तक घर पहुंच जाएंगे.
परिजनों से 14 जुलाई को हुई थी बात
बता दें कि पोखरिया के मलेशिया में रहने वाले प्रवासी मजदूर चिंतामन महतो, निर्मल महतो और लाल किशुन महतो का मोबाइल एक सप्ताह से बंद है. परिजनों के अनुसार तीनों युवकों से आखिरी बात 14 जुलाई को हुई थी. उसके बाद से मोबाइल ऑफ बता रहा है. मलेशिया में फंसे चिंतामणि महतो के भतीजा दिनेश कुमार ने बताया कि एक साल पहले चेन्नई के ठेकेदार ने तीनों को मलेशिया ले गया था. उनसे बात किए जाने पर बताया कि तीनों मजदूर क्वॉरेंटाइन में हैं और 5 अगस्त तक घर भेज दिया जाएगा.
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पोखरिया के प्रवासी मजदूर की मुंबई में मौत
पोखरिया के प्रवासी मजदूर भागीरथ महतो की ह्रदय गति रूकने से गुरुवार को मुंबई में मौत हो गई. बताया जाता है कि वह लंबे समय से अपने परिजनों के साथ मुंबई में रहकर एक कंपनी में काम कर रहा था. भागीरथ महतो की पत्नी और एक बेटी भी मुंबई में है. उसका भतीजा दिनेश महतो ने बताया कि शव अभी मुंबई में ही है. कोरोना जांच के बाद शव भेजने की प्रकिया शुरू होगी. रिपोर्ट निगेटिव आने पर शव आने की संभावना है.