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शुगर के मरीजों के लिए अच्छी खबर, बगोदर में शुगर फ्री धान की खेती की शुरुआत - बगोदर में शुगर फ्री धान की खेती

बगोदर के डोरियो गांव में शुगर फ्री धान की खेती की शुरुआत की गई है. स्थानीय निवासी एग्रीकल्चर ऑफिसर रामेश्वर नाथ मेहता की ओर से इसकी शुरुआत की गई. शुगर फ्री धान की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों के बीच धान बीज का वितरण किया जाएगा.

बगोदर में शुगर फ्री धान की खेती की शुरुआत
बगोदर में शुगर फ्री धान की खेती की शुरुआत
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Published : Oct 28, 2020, 10:23 PM IST

गिरिडीह: शुगर के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है. जिला में स्थानीय स्तर पर उन्हें बहुत जल्द शुगर फ्री चावल मिलना शुरू होगा. बगोदर प्रखंड के डोरियो गांव में शुगर फ्री धान की खेती की शुरुआत की गई है. गांव में ही रहने वाले एग्रीकल्चर ऑफिसर रामेश्वर नाथ मेहता की ओर से इसकी शुरुआत की गई है. फिलहाल, शुगर फ्री धान की खेती लहलहा रही है, 5 कट्ठा जमीन में इस धान की खेती की गई है.

देखें पूरी खबर

पढ़ें :- दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी योगेश त्यागी निलंबित

क्या कहते हैं एग्रीकल्चर ऑफिसर

एग्रीकल्चर ऑफिसर ने बताया कि इस धान का बीज किसानों के बीच वितरण किया जाएगा ताकि इलाके में प्रचारित हो सके. धान की खेती से किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है. उन्होंने बताया कि शुगर फ्री धान की खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि धान की खेती बिल्कुल आधुनिक तरीके से की गई है. इसमें जैविक खाद और कीटनाशक का उपयोग किया गया है. धान के साथ इसका चावल भी काला रंग का ही होता है. हालांकि, इससे बनाए जाने वाले भात का रंग लाल होता है. अन्य प्रजातियों की धान की अपेक्षा इसका उत्पादन अच्छा होता है और धान के पौधों की ऊंचाई चार से पांच फीट तक होता है. उन्होंने बताया कि शुगर फ्री धान का बीज मणिपुर से मंगाया गया था.

गिरिडीह: शुगर के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है. जिला में स्थानीय स्तर पर उन्हें बहुत जल्द शुगर फ्री चावल मिलना शुरू होगा. बगोदर प्रखंड के डोरियो गांव में शुगर फ्री धान की खेती की शुरुआत की गई है. गांव में ही रहने वाले एग्रीकल्चर ऑफिसर रामेश्वर नाथ मेहता की ओर से इसकी शुरुआत की गई है. फिलहाल, शुगर फ्री धान की खेती लहलहा रही है, 5 कट्ठा जमीन में इस धान की खेती की गई है.

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क्या कहते हैं एग्रीकल्चर ऑफिसर

एग्रीकल्चर ऑफिसर ने बताया कि इस धान का बीज किसानों के बीच वितरण किया जाएगा ताकि इलाके में प्रचारित हो सके. धान की खेती से किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है. उन्होंने बताया कि शुगर फ्री धान की खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि धान की खेती बिल्कुल आधुनिक तरीके से की गई है. इसमें जैविक खाद और कीटनाशक का उपयोग किया गया है. धान के साथ इसका चावल भी काला रंग का ही होता है. हालांकि, इससे बनाए जाने वाले भात का रंग लाल होता है. अन्य प्रजातियों की धान की अपेक्षा इसका उत्पादन अच्छा होता है और धान के पौधों की ऊंचाई चार से पांच फीट तक होता है. उन्होंने बताया कि शुगर फ्री धान का बीज मणिपुर से मंगाया गया था.

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