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हड़ताली डाक कर्मचारियों का छलका दर्द, कहा- काम करते जवानी गुजार देने के बाद भी नहीं मिलता पेंशन - Jharkhand news

Strike of Gramin Dak Sevaks. जिले में सात सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीण डाक सेवकों का हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रहा. इससे डाक घर का काम-काज प्रभावित हुआ. बगोदर उप डाकघर परिसर में हड़ताली डाक कर्मचारी पूरे दिन धरने पर बैठकर अपनी मांगों को पूरा करने की मांग करते रहे.

Strike of Gramin Dak Sevaks
Strike of Gramin Dak Sevaks
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 13, 2023, 5:43 PM IST

सात सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीण डाक सेवकों का हड़ताल

बगोदर, गिरिडीह: जिले में सात सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीण डाक सेवकों का हड़ताल जारी है. ग्रामीण डाक सेवक दूसरे दिन बुधवार को भी हड़ताल पर रहे. इससे डाक घर का काम- काज प्रभावित रहा. इस दौरान कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए जमकर नारेबाजी की.

ग्रामीण डाक सेवकों का कहना है कि सरकार उनके साथ खिलवाड़ कर रही है. डाक सेवकों के द्वारा मांगों को पूरा करने की मांग सरकार से लगातार की जाती रही है, मगर इस ओर सरकार के द्वारा किसी तरह का कोई पहल नहीं की जा रही है. डाक सेवकों की मुख्य मांगों में 8 घंटे काम और पेंशन सहित सभी लाभ देने, समय बद्ध वित्तीय उन्नयन सहित कमलेश चंद्र समिति की सभी सिफारिशों को तत्काल लागू करने, समूह बीमा कवरेज को 5 लाख तक बढ़ाने सहित सात मांगें शामिल हैं.

इधर, डाक सेवकों का कहना है कि ग्रामीण डाक सेवक पूरी जवानी काम करते गुजार देता और 65 साल में जब रिटायर्ड होता है तब भी उन्हें पेंशन नहीं दिया जाता है. जबकि चुनाव प्रणाली के तहत चुनाव जीतने वाले एमपी/ एमएलए एक बार चुनाव जीत जाते हैं तब उन्हें जीवन भर पेंशन मिलता है. सरकार की इस दोरंगी नीति का विरोध भी किया गया है. कहा गया है कि सरकार को इस बात की तनिक भी चिंता नहीं है कि पूरी उम्र नौकरी करने के बाद जब वे रिटायर्ड होंगे तब बुढ़ापे में उनका परवरिश कैसे होगा.

डाक सेवकों का कहना है कि 60 साल के ऊपर उम्र वालों को भी प्रति महीना एक हजार रुपए पेंशन मिल रहा है, लेकिन रिटायर्ड होने पर ग्रामीण डाक सेवकों को उतना भी पेंशन देने का कोई प्रावधान लागू नहीं हुआ है. धरना में ग्रामीण डाक सेवकों में मोहन महतो, टेकलाल रजक, गोपाल महतो, गौरी देवी, संतोष कुमार राणा, अश्विनी कुमार, आशिष कुमार मंडल, विकास कुमार, संतोष कुमार राणा शामिल रहे.

सात सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीण डाक सेवकों का हड़ताल

बगोदर, गिरिडीह: जिले में सात सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीण डाक सेवकों का हड़ताल जारी है. ग्रामीण डाक सेवक दूसरे दिन बुधवार को भी हड़ताल पर रहे. इससे डाक घर का काम- काज प्रभावित रहा. इस दौरान कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए जमकर नारेबाजी की.

ग्रामीण डाक सेवकों का कहना है कि सरकार उनके साथ खिलवाड़ कर रही है. डाक सेवकों के द्वारा मांगों को पूरा करने की मांग सरकार से लगातार की जाती रही है, मगर इस ओर सरकार के द्वारा किसी तरह का कोई पहल नहीं की जा रही है. डाक सेवकों की मुख्य मांगों में 8 घंटे काम और पेंशन सहित सभी लाभ देने, समय बद्ध वित्तीय उन्नयन सहित कमलेश चंद्र समिति की सभी सिफारिशों को तत्काल लागू करने, समूह बीमा कवरेज को 5 लाख तक बढ़ाने सहित सात मांगें शामिल हैं.

इधर, डाक सेवकों का कहना है कि ग्रामीण डाक सेवक पूरी जवानी काम करते गुजार देता और 65 साल में जब रिटायर्ड होता है तब भी उन्हें पेंशन नहीं दिया जाता है. जबकि चुनाव प्रणाली के तहत चुनाव जीतने वाले एमपी/ एमएलए एक बार चुनाव जीत जाते हैं तब उन्हें जीवन भर पेंशन मिलता है. सरकार की इस दोरंगी नीति का विरोध भी किया गया है. कहा गया है कि सरकार को इस बात की तनिक भी चिंता नहीं है कि पूरी उम्र नौकरी करने के बाद जब वे रिटायर्ड होंगे तब बुढ़ापे में उनका परवरिश कैसे होगा.

डाक सेवकों का कहना है कि 60 साल के ऊपर उम्र वालों को भी प्रति महीना एक हजार रुपए पेंशन मिल रहा है, लेकिन रिटायर्ड होने पर ग्रामीण डाक सेवकों को उतना भी पेंशन देने का कोई प्रावधान लागू नहीं हुआ है. धरना में ग्रामीण डाक सेवकों में मोहन महतो, टेकलाल रजक, गोपाल महतो, गौरी देवी, संतोष कुमार राणा, अश्विनी कुमार, आशिष कुमार मंडल, विकास कुमार, संतोष कुमार राणा शामिल रहे.

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