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गिरिडीह में लीज खत्म होने के बाद भी कराया जा रहा था पत्थर खनन, पुलिस के छापे में हुआ खुलासा - गिरिडीह में अवैध पत्थर खनन

गिरिडीह जिले के बेंगाबाद थाना अंतर्गत मंडरडीह में अवैध रूप से पत्थर खदान संचालित किए जाने का खुलासा हुआ है. प्रशासन की कार्रवाई के दौरान मौके से एक पत्थर लदी हाइवा, एक पोकलेन मशीन सहित अन्य सामग्री बरामद की गई है.

stone mining in giridih even after lease expires
गिरिडीह में लीज खत्म होने के बाद भी कराया जा रहा था पत्थर खनन
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Published : Mar 7, 2022, 10:55 PM IST

गांडेय/गिरिडीह: जिले के बेंगाबाद थाना अंतर्गत मंडरडीह में अवैध रूप से संचालित पत्थर खदान पर प्रशासन की टीम ने छापेमारी की. कार्रवाई के दौरान एक पत्थर लदी हाइवा, एक पोकलेन मशीन सहित अन्य सामग्री बरामद की गई. इस क्रम में माइंस में विस्फोट के लिए लगाए गए जिलेटिन छड़ें भी पाईं गईं. जिसे पुलिस की टीम नष्ट करने की कार्रवाई में जुटी हुई है. साथ ही डीएमओ के आवेदन के आधार पर माइंस संचालक के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

ये भी पढ़ें-धनबाद गया रेलखंड पर दो हिस्सों में बंटी चलती मालगाड़ी, टला रेल हादसा

बताते चलें कि ग्रामीणों ने माइंस से पत्थर लोड कर जा रहे एक हाइवा को रोका था, जिसके बाद मामले की सूचना बेंगाबाद पुलिस को दी गई. मौके पर बेंगाबाद बीडीओ कय्यूम अंसारी एवं थाना प्रभारी प्रदीप कुमार पुलिस टीम के साथ पहुंचे. अधिकारियों ने कागजात मांगे तो फर्जी चालान दिखाया गया, जिसके बाद हाइवा को जब्त कर थाने लाया गया. मामले की सूचना पर जिला खनन पदाधिकारी सतीश नायक, एसडीपीओ अनिल सिंह, इंस्पेक्टर कमलेश पासवान दल बल के साथ खदान पहुंच गए. जिसके बाद खदान के चप्पे चप्पे में छापेमारी शुरू हुई. छापेमारी के दौरान ही माइंस में ब्लास्टिंग के लिए बिछाई गई दर्जन से अधिक जिलेटिन छड़ें बरामद की गईं. जिसे पुलिस की विशेष टीम निकाल कर नष्ट करने का प्रयास कर रही है.

इस संबंध में डीएमओ एवं एसडीपीओ ने बताया कि खदान के लिए दस वर्षों की लीज दी गई थी. जिसकी अवधि 3 मार्च को ही समाप्त हो गई. संचालक सुनील अग्रवाल के द्वारा लीज खत्म होने के बाद भी अवैध रूप से माइंस में ब्लास्टिंग कर पत्थर का खनन किया जा रहा है. इसको लेकर माइंस संचालक एवं अन्य संलिप्त लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.


माइंस संचालक पहले भी रहे हैं विवादों मेंः बता दें कि माइंस संचालक सुनील अग्रवाल पहले भी विवादों में रहे हैं. पूर्व में भी उनके विरुद्ध थाने में मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. संचालक पर नियमों को ताख पर रख कर विस्फोट कराने से आस पास सटे हुए मकानों के क्षतिग्रस्त होने के भी आरोप लगे हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर भी उस पर कार्रवाई नहीं हो पाने की बात कही जा रही है.

गांडेय/गिरिडीह: जिले के बेंगाबाद थाना अंतर्गत मंडरडीह में अवैध रूप से संचालित पत्थर खदान पर प्रशासन की टीम ने छापेमारी की. कार्रवाई के दौरान एक पत्थर लदी हाइवा, एक पोकलेन मशीन सहित अन्य सामग्री बरामद की गई. इस क्रम में माइंस में विस्फोट के लिए लगाए गए जिलेटिन छड़ें भी पाईं गईं. जिसे पुलिस की टीम नष्ट करने की कार्रवाई में जुटी हुई है. साथ ही डीएमओ के आवेदन के आधार पर माइंस संचालक के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

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बताते चलें कि ग्रामीणों ने माइंस से पत्थर लोड कर जा रहे एक हाइवा को रोका था, जिसके बाद मामले की सूचना बेंगाबाद पुलिस को दी गई. मौके पर बेंगाबाद बीडीओ कय्यूम अंसारी एवं थाना प्रभारी प्रदीप कुमार पुलिस टीम के साथ पहुंचे. अधिकारियों ने कागजात मांगे तो फर्जी चालान दिखाया गया, जिसके बाद हाइवा को जब्त कर थाने लाया गया. मामले की सूचना पर जिला खनन पदाधिकारी सतीश नायक, एसडीपीओ अनिल सिंह, इंस्पेक्टर कमलेश पासवान दल बल के साथ खदान पहुंच गए. जिसके बाद खदान के चप्पे चप्पे में छापेमारी शुरू हुई. छापेमारी के दौरान ही माइंस में ब्लास्टिंग के लिए बिछाई गई दर्जन से अधिक जिलेटिन छड़ें बरामद की गईं. जिसे पुलिस की विशेष टीम निकाल कर नष्ट करने का प्रयास कर रही है.

इस संबंध में डीएमओ एवं एसडीपीओ ने बताया कि खदान के लिए दस वर्षों की लीज दी गई थी. जिसकी अवधि 3 मार्च को ही समाप्त हो गई. संचालक सुनील अग्रवाल के द्वारा लीज खत्म होने के बाद भी अवैध रूप से माइंस में ब्लास्टिंग कर पत्थर का खनन किया जा रहा है. इसको लेकर माइंस संचालक एवं अन्य संलिप्त लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.


माइंस संचालक पहले भी रहे हैं विवादों मेंः बता दें कि माइंस संचालक सुनील अग्रवाल पहले भी विवादों में रहे हैं. पूर्व में भी उनके विरुद्ध थाने में मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. संचालक पर नियमों को ताख पर रख कर विस्फोट कराने से आस पास सटे हुए मकानों के क्षतिग्रस्त होने के भी आरोप लगे हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर भी उस पर कार्रवाई नहीं हो पाने की बात कही जा रही है.

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