गिरिडीह: उर्दू शिक्षा को बढ़ावा देने को लेकर इमारत सरिया बिहार और झारखंड के तत्वावधान में गिरिडीह के बोडो में स्थित इमारत पब्लिक स्कूल में एक सेमिनार का आयोजन किया गया.कार्यक्रम में मुख्य रूप से उर्दू शिक्षा और उर्दू जुबान को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई. इस्लामी संस्कृति के साथ उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने पर बात की गई.
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उर्दू भाषियों में नाराजगी
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जो शिक्षा नीति लाई गई है. उसमें उर्दू, फारसी और अरबी को जगह नहीं दी गई है. इसमें उर्दू जुबान को दर किनार करने पर उर्दू भाषियों में नाराजगी का भाव है. उर्दू जुबान सिर्फ मुसलमानों की जुबान नहीं है, बल्कि यह पूरे हिंदुस्तान में बोली जाने वाली जुबान है. मौजूदा सरकार उर्दू जुबान के साथ नाइंसाफी कर रही है. कहा कि सरकार की मंशा उर्दू जुबान को खत्म करने की है.
उर्दू शिक्षा के लिए किया जा रहा जागरूक
वक्ताओं ने कहा हिंदुस्तान की सभी मुस्लिम तंजीम सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही हैं. तंजीम के जरिये उर्दू जुबान को उचित सम्मान दिलाने और बचाए रखने के लिए मुहिम छेड़ी गई है. बताया गया कि उर्दू जुबान को बचाने के लिए इमारत ए शरिया फुलवारी शरीफ पटना की ओर से बिहार-झारखंड और ओडिशा तीनों राज्यों में एक कमेटी बना कर प्रखंड स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
इस अभियान के तहत लोगों को उर्दू शिक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है, ताकि बच्चों को उर्दू और अरबी की शिक्षा जरूर दिलाएं. इस मुहिम के तहत समाज के उच्च वर्ग के लोगों को शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूल खोलने और स्कूलों में उर्दू और अरबी की तालीम शामिल करने की अपील की जा रही है.
समाज की तरक्की शिक्षा की बदौलत
वक्ताओं ने कहा कि किसी भी समाज की तरक्की शिक्षा के बदौलत ही होती है. समाज की तरक्की के साथ देश की तरक्की के लिए शिक्षा का व्यापक होना जरूरी है. कार्यक्रम को सफल बनाने में मो इजहारुल हक, मो सनव्वर हुसैन, मो वसीम, मो राजा, मो सईद, मो एहसानुल, अब्दुस्समद, मो. ऊमर, मो फ़ैयाज़, मो जाबिर सहित इमारते शरिया हयतुल हिन्द के सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई. कार्यक्रम की अध्यक्षता काजी शमशुल हक ने की, जबकि मौके पर बतौर मुख्य अतिथि मुफ्ती नजरे तौहीद साहब चतरा शरीक थे.