गिरिडीह: बगोदर स्थित आरकेवी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में विभिन्न विश्वविद्यालयों के उप कुलपति, प्रोफेसर सहित अन्य शामिल हुए. इस दौरान शिक्षाविदों ने भारत में लागू की जाने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा की गई. इसके अलावा झारखंड में शिक्षा के स्तर में सुधारने के लिए कई बिंदुओ पर विचार-विमर्श किया गया.
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकार करना करना चाहिए: सेमिनार में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि 34 सालों बाद नई शिक्षा नीति आई है. जिसमें कई नई पॉलिसी है, इसके लागू होने से शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव होने की संभावना है. देश का भविष्य सिर्फ शिक्षक तय करते हैं. वे जैसी शिक्षा बच्चों को देंगें वैसा ही शिक्षा का माहौल बनेगा. ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक चुनौती है और इसे स्वीकार करना होगा. वहीं कुछ वक्ताओं ने इसकी खामियां भी गिनाई और इसमें व्यवहारिक समस्याएं होने की बात कही.
मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में विनोवा भावे विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा उपस्थित थे. इनके अलावा ही नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलपति डॅा जीसी नंदा, डॅा बीके गुप्ता, डॅा जॉनी रूपानी, डॅा प्रणिता कुमारी, आरकेवी कॉलेज के सचिव कमलदेव सिंह, प्रो.अरूण कुमार दूबे, डॅा आशुतोष कुमार, डॅा मनोज कुमार, डॅा रविकांत, प्रो जगदीश प्रसाद मेहता, प्रो संजय सुमन सहित बीएड एवं डीएलईडी के छात्र- छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे.