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खाकी पर दाग Live: गिरिडीह के ठाकुरबाड़ी में पुलिस की हैवानियत, पुलिस वालों ने बुजुर्गों-बच्चों को पीटा

गिरिडीह के बगोदर इलाके में ठाकुरबाड़ी गांव में सरिया थाना पुलिस ने जमकर उत्पात मचाया. यहां पुलिस ने वो करतूत दिखाई जो गुंडे कहे जाने वाले लोग भी क्या करेंगे. मारपीट के एक मामले में रात को जांच के लिए पहुंची पुलिस ने आरोपी के बुजुर्ग पिता को जमकर पीटा, बचाव करने आईं महिलाओं, बच्चों और ग्रामीणों को भी नहीं बख्शा. पुलिस के इस नंगे नाच का वीडियो वायरल हो रहा है. यह मामला सीएम के दरबार में भी पहुंचा है.

Sariya police orgy in Thakurbari of Giridih, thrashed children and elders fiercely
गिरिडीह के ठाकुरबाड़ी में पुलिस का नंगा नाच
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Published : Jun 7, 2021, 4:24 PM IST

Updated : Jun 7, 2021, 7:13 PM IST

बगोदर, गिरिडीह: कानून के रखवालों ने एक बार फिर अपनी खाकी वर्दी को दागदार कर दिया. अब की झारखंड में वर्दी और कानून के शासन पर कालिख पोती है गिरिडीह की सरिया पुलिस ने. मारपीट मामले में जांच के लिए रात में गांव पहुंची सरिया पुलिस ने खुद ही कानून हाथ में ले लिया और न्याय को अपने बूटों तले कुचल दिया. यहां आरोपी के नहीं मिलने पर पुलिस ने उसके बूढ़े पिता की जमकर पिटाई की. इसका विरोध करने पर ग्रामीणों को भी नहीं बख्शा. महिलाओं-बच्चों पर भी हनक दिखाई और पीटा.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-सीएम हेमंत के खिलाफ ट्विटर पर अमर्यादित टिप्पणी, वार्ड सदस्य का बेटा गिरफ्तार

दरअसल, सरिया पुलिस थाने में मारपीट का एक मामला दर्ज कराया गया था. पुलिस पर आरोप है कि, इसकी जांच के लिए पांच जून को रात में पुलिस गांव पहुंची और आरोपी के नहीं मिलने पर उसके बुजुर्ग पिता के साथ दुर्व्यवहार किया और बुजुर्ग को जमकर पीटा. ग्रामीणों ने जब इसका विरोध किया तब पुलिसकर्मियों ने गांव के कई घरों में घुसकर लोगों से मारपीट की. पुलिस ने महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा. इधर किसी ने पुलिस के इस अन्याय का वीडियो बना लिया, जो अब वायरल हो रहा है.

सीएम के दरबार में पहुंचा मामला

लोग इस मामले की जांच और दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग कर रहे हैं. आजसू नेता अनूप पांडेय ने घटना की निंदा करते हुए मामले की जांच और दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. इधर स्थानीय निवासी अभय कुमार साव ने सीएम हेमंत सोरेन को ट्वीट कर इस मामले की जानकारी देते हुए ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.


ग्रामीण अन्याय के खिलाफ हुए लामबंद

इधर पुलिस की दबंगई और अन्याय के खिलाफ स्थानीय लोग लामबंद होने लगे हैं. सरिया थाना क्षेत्र के ठाकुरबाड़ी के ग्रामीणों ने इस संबंध में बगोदर-सरिया एसडीपीओ नौशाद आलम को आवेदन देकर पूरे मामले की जानकारी दी है. साथ ही मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. कहा है कि 5 जून को रात्रि 9 बजे के करीब तीन की संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे और अजय पंडित की खोजबीन करने लगे. अजय पंडित घर में नहीं था, तब पुलिस कर्मियों ने उसके पिता सोमर पंडित के साथ दुर्व्यवहार की और बुजुर्ग को पीटा.

गालियां देते रहे पुलिसवाले

ग्रामीणों ने बगोदर- सरिया एसडीपीओ नौशाद आलम को बताय है कि जब पुलिस वालों के उत्पात को देखकर वे सभी बाहर निकले और मारपीट के कारणों की जानकारी लेनी चाही. तब ग्रामीणों को भी पुलिस वाले गंदी-गंदी गालियां देने लगे. घटना क्रम की रिकॉर्डिंग कर रहे दिगंबर पंडित का मोबाइल भी छीनकर पटक दिया और उसकी पिटाई की.

ये भी पढ़ें-झारखंड में अब मौत का ऑडिट, जानिए क्या है पूरा मामला

ग्रामीण बोले- झूठ कैसी बोलती है यह पुलिस

इसके बाद पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों को धमकाते हुए कहा कि अभी बताते हैं और मोबाइल पर किसी से बात करते हुए घेर लिए जाने की बात कही. इसके बाद और भी पुलिसकर्मी वहां पहुंच गए और बगैर कुछ जाने समझे घर-घर घुसकर लोगों के साथ मारपीट करने लगे. इस दौरान केस में फंसाने की भी धमकी दी गई.

बच्चों के मामले में इतनी तत्परता पर उठे सवाल

इधर जिप सदस्य अनूप पांडेय ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि बच्चों के बीच मारपीट मामले में पुलिस इतनी तत्परता दिखाती है कि रात 9 बजे जांच के लिए गांव पहुंच जाती है जबकि कई संगीन मामले में भी पुलिस इतनी तत्परता नहीं दिखाती है.

एसडीपीओ का गोल मटोल जवाब
इस पूरे मामले में जानकारी करने पर एसडीपीओ नौशाद आलम ने गोल मटोल जवाब दिया है. उन्होंने अपने गोल मटोल बयान में पुलिस का बचाव किया. उन्होंने दो टूक कहा कि दो बच्चों के बीच मारपीट को लेकर थाना में मामला दर्ज था. उसी सिलसिले में जांच के लिए पुलिस गांव पहुंची थी. कहा है कि मामले की जांच की जा रही है. जांचोपरांत दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

बगोदर, गिरिडीह: कानून के रखवालों ने एक बार फिर अपनी खाकी वर्दी को दागदार कर दिया. अब की झारखंड में वर्दी और कानून के शासन पर कालिख पोती है गिरिडीह की सरिया पुलिस ने. मारपीट मामले में जांच के लिए रात में गांव पहुंची सरिया पुलिस ने खुद ही कानून हाथ में ले लिया और न्याय को अपने बूटों तले कुचल दिया. यहां आरोपी के नहीं मिलने पर पुलिस ने उसके बूढ़े पिता की जमकर पिटाई की. इसका विरोध करने पर ग्रामीणों को भी नहीं बख्शा. महिलाओं-बच्चों पर भी हनक दिखाई और पीटा.

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दरअसल, सरिया पुलिस थाने में मारपीट का एक मामला दर्ज कराया गया था. पुलिस पर आरोप है कि, इसकी जांच के लिए पांच जून को रात में पुलिस गांव पहुंची और आरोपी के नहीं मिलने पर उसके बुजुर्ग पिता के साथ दुर्व्यवहार किया और बुजुर्ग को जमकर पीटा. ग्रामीणों ने जब इसका विरोध किया तब पुलिसकर्मियों ने गांव के कई घरों में घुसकर लोगों से मारपीट की. पुलिस ने महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा. इधर किसी ने पुलिस के इस अन्याय का वीडियो बना लिया, जो अब वायरल हो रहा है.

सीएम के दरबार में पहुंचा मामला

लोग इस मामले की जांच और दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग कर रहे हैं. आजसू नेता अनूप पांडेय ने घटना की निंदा करते हुए मामले की जांच और दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. इधर स्थानीय निवासी अभय कुमार साव ने सीएम हेमंत सोरेन को ट्वीट कर इस मामले की जानकारी देते हुए ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.


ग्रामीण अन्याय के खिलाफ हुए लामबंद

इधर पुलिस की दबंगई और अन्याय के खिलाफ स्थानीय लोग लामबंद होने लगे हैं. सरिया थाना क्षेत्र के ठाकुरबाड़ी के ग्रामीणों ने इस संबंध में बगोदर-सरिया एसडीपीओ नौशाद आलम को आवेदन देकर पूरे मामले की जानकारी दी है. साथ ही मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. कहा है कि 5 जून को रात्रि 9 बजे के करीब तीन की संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे और अजय पंडित की खोजबीन करने लगे. अजय पंडित घर में नहीं था, तब पुलिस कर्मियों ने उसके पिता सोमर पंडित के साथ दुर्व्यवहार की और बुजुर्ग को पीटा.

गालियां देते रहे पुलिसवाले

ग्रामीणों ने बगोदर- सरिया एसडीपीओ नौशाद आलम को बताय है कि जब पुलिस वालों के उत्पात को देखकर वे सभी बाहर निकले और मारपीट के कारणों की जानकारी लेनी चाही. तब ग्रामीणों को भी पुलिस वाले गंदी-गंदी गालियां देने लगे. घटना क्रम की रिकॉर्डिंग कर रहे दिगंबर पंडित का मोबाइल भी छीनकर पटक दिया और उसकी पिटाई की.

ये भी पढ़ें-झारखंड में अब मौत का ऑडिट, जानिए क्या है पूरा मामला

ग्रामीण बोले- झूठ कैसी बोलती है यह पुलिस

इसके बाद पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों को धमकाते हुए कहा कि अभी बताते हैं और मोबाइल पर किसी से बात करते हुए घेर लिए जाने की बात कही. इसके बाद और भी पुलिसकर्मी वहां पहुंच गए और बगैर कुछ जाने समझे घर-घर घुसकर लोगों के साथ मारपीट करने लगे. इस दौरान केस में फंसाने की भी धमकी दी गई.

बच्चों के मामले में इतनी तत्परता पर उठे सवाल

इधर जिप सदस्य अनूप पांडेय ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि बच्चों के बीच मारपीट मामले में पुलिस इतनी तत्परता दिखाती है कि रात 9 बजे जांच के लिए गांव पहुंच जाती है जबकि कई संगीन मामले में भी पुलिस इतनी तत्परता नहीं दिखाती है.

एसडीपीओ का गोल मटोल जवाब
इस पूरे मामले में जानकारी करने पर एसडीपीओ नौशाद आलम ने गोल मटोल जवाब दिया है. उन्होंने अपने गोल मटोल बयान में पुलिस का बचाव किया. उन्होंने दो टूक कहा कि दो बच्चों के बीच मारपीट को लेकर थाना में मामला दर्ज था. उसी सिलसिले में जांच के लिए पुलिस गांव पहुंची थी. कहा है कि मामले की जांच की जा रही है. जांचोपरांत दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jun 7, 2021, 7:13 PM IST
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