गिरिडीहः सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान बेको पश्चिमी पंचायत में भाकपा माले नेता पूरन महतो के द्वारा दिए गए भाषण और उसके खिलाफ बीडीओ चंदन कुमार सिंह के द्वारा सोशल मीडिया में की गई टिप्पणी के बाद इस ठंड में भी बगोदर की राजनीति पारा गर्म है. भाकपा माले और उसके घटक दलों के द्वारा टिप्पणी के बाद बीडीओ पर लगातार निशाना साधा जा रहा है.
गुरुवार को बगोदर के पोखरिया में आयोजित सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे बीडीओ चंदन कुमार सिंह को भाकपा माले के घटक दल इनौस के कार्यकर्ताओं का विरोध का सामना करना पड़ा. बीडीओ को देखते ही कार्यकर्ताओं के द्वारा बीडीओ वापस जाओ के नारे लगने लगे. साथ ही टिप्पणी के लिए बीडीओ से माफी मांगने की मांग की जाने लगी. वैसे बीडीओ को शायत विरोध की भनक पहले ही लग गई थी और वे पुलिस बल के साथ पहुंचे हुए थे. आगे-आगे थाना प्रभारी नीतीश कुमार की गाड़ी जा रही थी उसके पीछे भी पुलिस की गाड़ी थी तथा सबसे पीछे बीडीओ की गाड़ी थी. जैसे ही जीटी रोड मढ़ेला मोड के आगे प्रशासन की गाड़ी पहुंची.
यहां इनौस के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की गाड़ी के सामने पहुंचकर बीडीओ के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. ड्राइवर के द्वारा हॉर्न पर हॉर्न बजाया जा रहा था लेकिन कार्यकर्ता जब टस से मस नहीं हुए. इसके बाद थाना प्रभारी नीतीश कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल गाड़ी से उतरकर लोगों को काफी समझाया-बुझाया तब कार्यकर्ता मानें और फिर पुलिस की काफिला के पीछे बीडीओ की गाड़ी आगे बढ़ी. इसके बाद बीडीओ चंदन कुमार सिंह सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में पहुंचे. इस बीच पुलिस वहां तैनात रही.
बता दें कि 19 दिसंबर को इंनौस के द्वारा बगोदर में प्रतिवाद मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया गया था. जिसके माध्यम से अमर्यादित टिप्पणी के लिए बीडीओ से माफी मांगने की मांग की गई थी. विरोध कार्यक्रम में इंनौस के प्रखंड अध्यक्ष भोला महतो, हुलाश कुमार, रवि महतो, त्रिभुवन महतो, नीतेश महतो, नागेश्वर महतो, राजू महतो, राजेन्द्र महतो, गणेश कुमार, पूरन पंडित, संजय साव, गोबिंद महतो, विवेक कुमार आदि शामिल थे.
दूसरी ओर बीडीओ की कार्यशैली के खिलाफ बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह के द्वारा दो दिन पूर्व विधान सभा में आवाज उठाई गई थी. बता दें कि भाकपा माले नेता ने 14 दिसंबर को सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में पहुंचे बीडीओ-सीओ की मौजूदगी में इस कार्यक्रम को नौटंकी करार दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि योजनाओं का लाभ लेने के लिए लाभुकों को रिश्वत देना पड़ता है. उन्होंने अधिकारियों को रिश्वत का चार्ट लगाने की मांग की थी. इसी बयान से बीडीओ बौखला गए थे और उन्होंने माले नेता के खिलाफ सोशल मीडिया में अमर्यादित टिप्पणी की थी. जिसके विरोध में माले के घटक दल आरआईए और इनौस ने बीडीओ का विरोध किया.
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