गिरिडीह: कहा जाता है कि भोजन में विविधता रहने से पोषण की कमी नहीं होती है. विविधता नहीं रहने पर ही लोग कुपोषित होते है. गरीब परिवार के कुपोषण का कारण विभिन्न तरह के अनाज की उपलब्धता नहीं रहना है. यही कारण है कि गरीबों के लिए चलाए जानेवाली योजना में सरकार पौष्टिक आहार को जगह देती है. ऐसे ही पौष्टिक आहार में चना शामिल है. कोरोनाकाल में गरीबों के लिए केंद्र सरकार के द्वारा चना उपलब्ध कराया गया. इस चना को लेकर काफी हो हंगामा हुआ. कई डीलरों तक चना नहीं पहुंचने की बात सामने आती रही जिसकी जांच भी हुई. इस बीच गिरिडीह में अनाज में कीड़ा का मामला सामने आया है. यह मामला गिरिडीह के बाजार समिति अवस्थित गोदाम का है.
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गिरिडीह में अनाज में कीड़ा
गिरिडीह बाजार समिति के गोदाम के एक कमरे में तीन दर्जन से अधिक बोरियों में चना रखा हुआ है, लेकिन चना में कीड़ा लग गया है. इस संदर्भ में एजीएम से बात की गई तो यह बताया गया कि जो चना सड़ा है वह गिरिडीह प्रखंड के गोदाम में रखा हुआ था. उन्होंने कहा कि जो आवंटन से 35 क्विंटल अधिक चना आ गया था. चना को बांटना था और जिला आपूर्ति विभाग को एक वर्ष पूर्व मौखिक रूप से सूचित किया गया. हाल के दिनों में लिखित सूचना भी दी गई है.
कोरोनाकाल में आया था चना
यहां बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना काल में गिरिडीह जिले के चार लाख कार्डधारियों को निशुल्क खाद्यान्न मुहैया कराया था. जुलाई से नवंबर महीने तक प्रत्येक कार्ड पर एक-एक किलो चना उपलब्ध कराया गया. अब सड़े हुए चना की बोरियां मिल रही जो बता रही है कि लापरवाही किस कदर की गई है.
कार्रवाई की मांग
इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता शिवनाथ साव ने कहा कि गरीबों के अनाज का सड़ना गंभीर विषय है. उच्चाधिकारियों को इसे देखना चाहिए और जो भी दोषी हैं उनपर कार्रवाई होनी चाहिए.