बगोदर, गिरिडीह: झारखंड के इंटर कॉलेज के 11 वीं और 12 वीं के छात्र-छात्राओं का प्लस टू स्कूलों में विलय करने के सरकार के फैसले का वित रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने विरोध किया है. इस फैसले के विरोध में बगोदर स्थित घाघरा इंटर साइंस कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का शुक्रवार को शैक्षणिक हड़ताल रहा.
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फैसले के विरोध में सभी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी कॉलेज के मुख्य द्वार पर हड़ताल पर बैठे रहे. इस दौरान सरकार के फैसले का विरोध किया गया और इस फैसले को वापस लेने की मांग की गई. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार के इस फैसले से छात्र-छात्राओं का कल्याण नहीं होगा. बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के खासकर छात्राओं की इंटर स्तर की पढ़ाई बाधित होगी.
कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य वसीम अहमद ने कहा कि छोटे संस्थानों का विलय बड़े संस्थानों में होता आया है. मगर पहली बार ऐसा हो रहा है कि बड़े संस्थानों का विलय छोटे संस्थानों में हो रहा है. उन्होंने सरकारी स्तर पर प्रखंड क्षेत्र में संचालित प्लस टू स्कूलों की व्यवस्था और अपने कॉलेज की व्यवस्था की तुलना करते हुए कहा कि घाघरा इंटर साइंस कॉलेज सुविधाओं से लैस है जबकि प्लस टू स्कूलों में सुविधाओं का घोर अभाव है. शिक्षकों की भी कमी है. ऐसे में यदि इंटर कॉलेज को प्लस टू स्कूलों में शिफ्टिंग किया जाता है, तब छात्राओं को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में इस फैसले पर सरकार को एक बार फिर से मंथन करने की जरूरत है.
प्रो विजय कुमार मिश्रा ने कहा कि सरकार के इस फैसले का विरोध आगे भी जारी रहेगा. मोर्चा के द्वारा इस फैसले के खिलाफ सड़क से सदन तक आंदोलन करने की तैयारी है. बताया कि आगामी दो अक्टूबर को इस फैसले के खिलाफ मोर्चा के द्वारा राजभवन परिसर में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा.