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Jharkhand Workers in Mali: माली में फंसे झारखंड के मजदूरों की अब तक कम नहीं हुई परेशानी, भेजा वीडियो

सरकारी प्रयास के बावजूद अफ्रीका के माली में फंसे झारखंड के मजदूर परेशान हैं. उनकी समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है. इससे मजदूरों में आक्रोश है. माली में फंसे झारखंड के मजदूरों ने फिर एक वीडियो बनाकर वायरल किया है. जिसमें कहा कि एग्रीमेंट के अनुरूप हमारी समस्या का निदान नहीं किया जा रहा है. इससे भुखमरी की स्थिति बन गई है.

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Published : Jan 23, 2022, 1:16 PM IST

साउथ अफ्रीका में फंसे झारखंड के मजदूर
Jharkhand Workers in Mali

गिरिडीह: अफ्रीका के माली में झारखंड के 33 मजदूर फंसे हैं. इन मजदूरों ने घर वापसी की गुहार लगाते हुए एक वीडियो वायरल किया था. इसके बाद झारखंड सरकार की पहल पर भारत सरकार ने पहल शुरू की और कंपनी, मजदूर और दूतावास के पदाधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि बकाया वेतन भुगतान करने के साथ साथ पांच दिनों में घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी. लेकिन इन मजदूरों की पीड़ा कम होने का नाम नहीं ले रही है. इससे मजदूरों में आक्रोश है.

यह भी पढ़ेंःJharkhand Workers in Mali: माली में फंसे मजदूरों की वापसी जल्द, दूतावास के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में फैसला

माली के बमाको स्थित भारतीय दूतावास में झारखंड के प्रवासी मजदूरों, के एंड पी कंस्ट्रक्शन के सहायक प्रबंधक सत्य दुर्गा प्रसाद, भारतीय दूतावास के एचओसी वी विजय पांडेय और एसीओ राकेश कुमार दिवाकर के साथ बैठक हुई. इन बैठक में निर्णय लिया गया कि इन मजदूरों के बकाया वेतन में से 2 माह का वेतन तत्काल दिया जाएगा. इसके साथ ही कंपनी, दूतावास और मजदूर के बीच एक एग्रीमेंट हुआ, जिसपर कंपनी के अधिकारी, दूतावास के अधिकारी और मजदूर प्रतिनिधि रूपलाल महतो ने हस्ताक्षर किया है. लेकिन इस एग्रीमेंट के अनुसार एक भी समस्या का निदान अब तक नहीं हुआ है.


गिरिडीह और हजारीबाग के 33 मजदूर एमएस के एंड पी कंस्ट्रक्शन के सेनिनकोरबा-बौगुनी सेक्शन प्रोजेक्ट में काम करने गए थे. 16 जनवरी को इन मजदूरों ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि उन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिल रहा है. इस स्थिति में हम मजदूर भारत वापस जाना चाहते हैं. इस वीडियो को बगोदर के सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने ईटीवी भारत की टीम को मुहैया कराया था, जिसे प्रमुखता से प्रसारित किया गया. इसके बाद मजदूरों के वतन वापसी को लेकर जनप्रतिनिधि प्रयास करने लगे. इसके साथ ही केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी पहल की है. केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इसको लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से बात की और पत्र भी लिखी. दूसरी तरफ गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने भी इसको लेकर विदेश मंत्री को पत्र लिखा, जिसकी जानकारी सांसद ने ट्विटर हैंडल के माध्यम से दी थी.

देखें पूरी खबर

वहीं, झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को निर्देश देकर मजदूरों की घर वापसी को लेकर आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य के मजदूर कहीं भी रहें, उनकी सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार तत्पर है. इसके अलावा शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, मंत्री चंपई सोरेन, जेएमएम विधायक सीता सोरेन, बीजेपी विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने भी ट्वीट कर मजदूरों की घर वापसी के लिए आवश्यक पहल करने की मांग की थी.

दूतावास में हुई बैठक में लिये गये निर्णय

• कंपनी मजदूरों के अक्टूबर और नवंबर के बकाया वेतन का भुगतान करेगी
• पांच दिनों के अंदर सामान्य मजदूर के खाते में 650 अमेरिकन डॉलर और सुपरवाइजर के बैंक खाते में 750 अमेरिकन डॉलर भेजेगी. रकम को इंडियन करेंसी में भेजा जाएगा. इस रकम में वेतन और भोजन चार्ज भी शामिल है.
• मजदूर इंद्रदेव ठाकुर के छह माह के बकाया रकम और फूडिंग चार्ज को लेकर 1950 अमेरिकन डॉलर का भुगतान भी पांच दिनों में कर दिया जाएगा.
• बमाको से रांची के लिए एयर टिकट की व्यवस्था कंपनी की ओर से जल्द से जल्द की जाएगी.
• बमाको से भारत के लिए सप्ताह में सिर्फ शनिवार को ही फ्लाइट उपलब्ध है. इस स्थिति में इस दौरान के भोजन की व्यवस्था कंपनी ही करेगी

गिरिडीह: अफ्रीका के माली में झारखंड के 33 मजदूर फंसे हैं. इन मजदूरों ने घर वापसी की गुहार लगाते हुए एक वीडियो वायरल किया था. इसके बाद झारखंड सरकार की पहल पर भारत सरकार ने पहल शुरू की और कंपनी, मजदूर और दूतावास के पदाधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि बकाया वेतन भुगतान करने के साथ साथ पांच दिनों में घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी. लेकिन इन मजदूरों की पीड़ा कम होने का नाम नहीं ले रही है. इससे मजदूरों में आक्रोश है.

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माली के बमाको स्थित भारतीय दूतावास में झारखंड के प्रवासी मजदूरों, के एंड पी कंस्ट्रक्शन के सहायक प्रबंधक सत्य दुर्गा प्रसाद, भारतीय दूतावास के एचओसी वी विजय पांडेय और एसीओ राकेश कुमार दिवाकर के साथ बैठक हुई. इन बैठक में निर्णय लिया गया कि इन मजदूरों के बकाया वेतन में से 2 माह का वेतन तत्काल दिया जाएगा. इसके साथ ही कंपनी, दूतावास और मजदूर के बीच एक एग्रीमेंट हुआ, जिसपर कंपनी के अधिकारी, दूतावास के अधिकारी और मजदूर प्रतिनिधि रूपलाल महतो ने हस्ताक्षर किया है. लेकिन इस एग्रीमेंट के अनुसार एक भी समस्या का निदान अब तक नहीं हुआ है.


गिरिडीह और हजारीबाग के 33 मजदूर एमएस के एंड पी कंस्ट्रक्शन के सेनिनकोरबा-बौगुनी सेक्शन प्रोजेक्ट में काम करने गए थे. 16 जनवरी को इन मजदूरों ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि उन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिल रहा है. इस स्थिति में हम मजदूर भारत वापस जाना चाहते हैं. इस वीडियो को बगोदर के सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने ईटीवी भारत की टीम को मुहैया कराया था, जिसे प्रमुखता से प्रसारित किया गया. इसके बाद मजदूरों के वतन वापसी को लेकर जनप्रतिनिधि प्रयास करने लगे. इसके साथ ही केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी पहल की है. केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इसको लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से बात की और पत्र भी लिखी. दूसरी तरफ गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने भी इसको लेकर विदेश मंत्री को पत्र लिखा, जिसकी जानकारी सांसद ने ट्विटर हैंडल के माध्यम से दी थी.

देखें पूरी खबर

वहीं, झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को निर्देश देकर मजदूरों की घर वापसी को लेकर आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य के मजदूर कहीं भी रहें, उनकी सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार तत्पर है. इसके अलावा शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, मंत्री चंपई सोरेन, जेएमएम विधायक सीता सोरेन, बीजेपी विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने भी ट्वीट कर मजदूरों की घर वापसी के लिए आवश्यक पहल करने की मांग की थी.

दूतावास में हुई बैठक में लिये गये निर्णय

• कंपनी मजदूरों के अक्टूबर और नवंबर के बकाया वेतन का भुगतान करेगी
• पांच दिनों के अंदर सामान्य मजदूर के खाते में 650 अमेरिकन डॉलर और सुपरवाइजर के बैंक खाते में 750 अमेरिकन डॉलर भेजेगी. रकम को इंडियन करेंसी में भेजा जाएगा. इस रकम में वेतन और भोजन चार्ज भी शामिल है.
• मजदूर इंद्रदेव ठाकुर के छह माह के बकाया रकम और फूडिंग चार्ज को लेकर 1950 अमेरिकन डॉलर का भुगतान भी पांच दिनों में कर दिया जाएगा.
• बमाको से रांची के लिए एयर टिकट की व्यवस्था कंपनी की ओर से जल्द से जल्द की जाएगी.
• बमाको से भारत के लिए सप्ताह में सिर्फ शनिवार को ही फ्लाइट उपलब्ध है. इस स्थिति में इस दौरान के भोजन की व्यवस्था कंपनी ही करेगी

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