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धूल फांक रहे लाखों की लागत से बने सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, उद्घाटन का आज तक है इंतजार

बगोदर प्रखंड में लाखों की लागत से बने भवन का आज तक उद्घाटन तक नहीं हो पाया है. ग्रामीण सालों से इसकी शुरुआत होने की बाट जोह रहे हैं, लेकिन आजतक किसी ने सुध नहीं ली है. प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र के शुरु नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सालों पहले बने प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र बदहाल
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Published : Nov 18, 2019, 11:01 AM IST

बगोदर, गिरिडीहः जिले के बगोदर प्रखंड क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ से ग्रामीणों को वंचित रहना पड़ रहा है. ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाएं बड़े- बड़े भवनों तक ही सिमट कर रह गयी हैं. बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लाखों की लागत से बड़े- बड़े दो मंजिला प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण करवाया गया है, लेकिन विडंबना यह है कि उन प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों का आजतक उद्घाटन तक नहीं हो पाया है.

देखें पूरी खबर

इन गांवों में बने हैं प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र
बगोदर प्रखंड के तिरला, औंरा, माहुरी, खंभरा आदि गांवों में सरकारी स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए दो मंजिला भवनों का निर्माण करवाया गया है. कहीं एक दशक पहले तो, कहीं चार साल पहले प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, लेकिन यहां स्वास्थ्य सेवा बहाल नहीं हो सकी है.

इसे भी पढ़ें:- गिरिडीहः सात सालों से बंद पड़ा है PHC, स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं लोग

खंभरा- बनपुरा गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र के बारे में स्थानीय पंस सदस्य समता देवी बताती हैं, कि प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों का संचालन नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी होती है. वहीं, स्थानीय विशाल सिंह का कहना है कि इस अस्पताल में आज तक कोई अधिकारी या डॉक्टर झांकने तक नहीं आया है.

बगोदर, गिरिडीहः जिले के बगोदर प्रखंड क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ से ग्रामीणों को वंचित रहना पड़ रहा है. ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाएं बड़े- बड़े भवनों तक ही सिमट कर रह गयी हैं. बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लाखों की लागत से बड़े- बड़े दो मंजिला प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण करवाया गया है, लेकिन विडंबना यह है कि उन प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों का आजतक उद्घाटन तक नहीं हो पाया है.

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इन गांवों में बने हैं प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र
बगोदर प्रखंड के तिरला, औंरा, माहुरी, खंभरा आदि गांवों में सरकारी स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए दो मंजिला भवनों का निर्माण करवाया गया है. कहीं एक दशक पहले तो, कहीं चार साल पहले प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, लेकिन यहां स्वास्थ्य सेवा बहाल नहीं हो सकी है.

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खंभरा- बनपुरा गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र के बारे में स्थानीय पंस सदस्य समता देवी बताती हैं, कि प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों का संचालन नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी होती है. वहीं, स्थानीय विशाल सिंह का कहना है कि इस अस्पताल में आज तक कोई अधिकारी या डॉक्टर झांकने तक नहीं आया है.

Intro:ग्रामीण क्षेत्रों में भवनों तक सीमटी सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं, भवनों को है उद्घाटन का इंतजाम

बगोदर/गिरिडीह


Body:बगोदर/गिरिडीहः गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ से ग्रामीणों को वंचित रहना पड़ रहा है. ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाएं बड़े- बड़े भवनों तक सीमट कर रह गया है. ग्रामीणों की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों- करोड़ों की लागत से बड़े- बड़े दो मंजिले प्राथमिक स्वास्थ्य उफकेंद्र का निर्माण हुआ. मगर विडंबना यह है कि उन प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों का संचालन की बात तो दूर उद्घाटन तक नहीं पाया है. इससे ग्रामीणों को बीमारी की हालत में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.


इन गांवों में बने है प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र

बगोदर प्रखंड के तिरला, औंरा, माहुरी, खंभरा आदि गांवों में सरकारी स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए दो मंजिला भवनों का निर्माण किया गया है. कहीं एक दशक पूर्व तो कहीं चार साल पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, मगर अबतक भवनों का उद्घाटन तक नहीं हुआ है. खंभरा- बनपुरा गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र के संबंध में स्थानीय पंस सदस्य समता देवी, स्थानीय युवक विशाल सिंह एवं माहुरी निवासी स्थानीय व्यक्ति काली पासवान आदि ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्रों का उद्घाटन और संचालन नहीं होने से ग्रामीणों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है.


Conclusion:ग्रामीण

समता देवी, पंस सदस्य, दोंदलो
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