गिरिडीह: सूबे के शिक्षा मंत्री (education minister) जगरनाथ महतो के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है. मंत्री जगरनाथ महतो वापस झारखंड आ रहे हैं. इस खबर से गिरिडीह जिला के डुमरी विधानसभा की जनता काफी खुश दिख रही है. लोगों को उम्मीद है कि क्षेत्र के साथ-साथ जगरनाथ महतो पहले की तरह पूरे दमखम के साथ सूबे के विकास में सहयोग करेंगे.
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एमजीएम (MGM) के डॉक्टरों के प्रयास से डुमरी विधानसभा क्षेत्र (Dumri Assembly Constituency) और राज्य के लाखों लोगों की दुआ का ही फल है कि मंत्री जगरनाथ महतो को नई जिंदगी मिली है. जगरनाथ महतो बीमारी को मात देकर वापस आ रहे हैं. इससे डुमरी विधानसभा क्षेत्र की जनता में विशेष खुशी देखी जा रही है. ईटीवी भारत (ETV bharat) के डुमरी संवाददाता शशि जायसवाल ने यहां की जनता से इसपर प्रतिक्रिया ली. डुमरी के निवासी उमा शकर राय ने कहा कि मंत्री जी के नहीं रहने से बहुत सारा काम रुका पड़ा था, अब उनके आने के बाद सभी कार्यों को गति मिलेगी.
मंत्री की वापसी पर टिकी निगाहें
डुमरी के चंदनाडीह निवासी अजीत सिंह ने कहा कि मंत्री जी दोगुनी ऊर्जा के साथ वापस आ रहे हैं, अब बढ़-चढ़कर क्षेत्र में काम होगा, जनता को उनसे बहुत सारी उम्मीदें हैं. जामताड़ा निवासी राज कुमार मेहता ने कहा कि उनके बिना क्षेत्र सुनसान सा लग रहा था, उनके आने के बाद क्षेत्र में वापस खुशी की लहर लौट गई है. पारा शिक्षक के मामले में जो मंत्री जी ने आश्वासन दिया था, वो उसे भी पूरा करेंगे. झारखंड छात्र मोर्चा के जिला अध्यक्ष मिथिलेश महतो ने कहा कि मंत्री के लौटने की खुशी पूरे विधानसभा के लोगों में है. उनके आने के बाद मंत्री जी से मांग रहेगी कि डुमरी को जिला बनाया जाए.
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टाइगर के नाम से पुकारे जाते हैं जगरनाथ
डुमरी के विधायक सह मंत्री जगरनाथ महतो इलाके में टाइगर के नाम से भी जाने जाते हैं. जब उनकी तबियत बिगड़ी थी, तो इस क्षेत्र के लोगों ने टाइगर इस बैक का स्लोगन चलाया था. मंत्री जगरनाथ महतो की पहचान जमीन से जुड़े नेता के रूप में है. उनमें जनता की सेवा करने की ललक शुरू से ही रही है. वो किसी भी काम को असंभव नहीं मानते हैं. परिस्थितियों से जूझना और विजयी होना उनकी पहचान है. कभी हार ना मानने के जज्बे के बदौलत ही कोरोना को मात देकर सूबे के स्कूली शिक्षा और उत्पाद और मद्य निषेध मंत्री जगरनाथ महतो 237 दिनों के बाद चेन्नई से रांची लौट रहे हैं.
कोरोना को हराकर लौट रहे मंत्री
कोरोना संक्रमित होने के बाद शिक्षा मंत्री का बीते साल 28 सितंबर को रांची रिम्स में भर्ती कराया गया था. फेफड़ों में संक्रमण की वजह से तीन दिन बाद उन्हें मेडिका (medica) में भर्ती कराया गया. सांस लेने में दिक्कत होने पर उनका ऑक्सीजन लेवल बढ़ाना पड़ा था. उन्हें 100 प्रतिशत हाईफ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट (highflow oxygen support) पर रखा गया था. उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए वेंटिलेटर सपोर्ट (ventilator support) तक देना पड़ा था. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल के बाद एमजीएम के विशेषज्ञ डॉक्टर रांची मेडिका पहुंचे और उन्हें वेंटिलेटर से हटाकर एक्स्ट्रा कॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनेटर (एकमो) मशीन के सपोर्ट में रखा. इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होता देख गत 19 अक्टूबर को एयर एम्बुलेंस से शिक्षा मंत्री को चेन्नई एमजीएम में शिफ्ट किया गया, जहां डॉक्टरों ने बीते 10 नवंबर को उनका सफल लंग्स (lungs) ट्रांसप्लांट किया. अभी उनका लंग्स 100 प्रतिशत काम कर रहा है. करीब 8 महीने के बाद वो चेन्नई से कोरोना को हराकर झारखंड लौट रहे हैं. इस खबर से झारखंड के उनके चाहने वालों और समर्थकों में खुशी है.
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मंत्री जगरनाथ महतो का परिचय
जगरनाथ महतो ने मैट्रिक तक शिक्षा हासिल की है. उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1990 में की. उन्होंने तत्कालीन विधायक शिवा महतो के सहयोगी के रूप में राजनीति शुरू की. उन्होंने पहली बार 2000 में समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गये थे. इसके बाद 2005 में जेएमएम में डुमरी से अपना प्रत्याशी बनाया. उसके बाद से लगातार चौथी बार डुमरी से विधायक बने.