गिरिडीह: रेलवे स्टेशन में लगे 100 फीट के तिरंगे को रेल प्रबंधन ने कुछ दिनों पहले ही उतार लिया है. तिरंगा उतारे जाने से स्थानीय युवाओं में नाराजगी है. हालांकि तिरंगा उतारे जाने का कोई स्पष्ट कारण रेलवे प्रबंधन की ओर से नहीं बताया जा रहा है.
आपको बता दें कि 23 जनवरी 2020 को सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर गिरिडीह रेलवे स्टेशन में आसनसोल रेल डिवीजन के डीआरएम और गिरिडीह सांसद सहित गिरिडीह सदर विधायक की उपस्थिति में स्टेशन में नवनिर्मित भवनों के उद्घाटन के साथ 100 फीट ऊंचे तिरंगे का ध्वजारोहण किया गया था, लेकिन तिरंगा अब अपने स्थान पर नहीं है.
स्थानीय युवाओं ने कहा कि तिरंगे का उतारा जाना कहीं से सही नहीं है. वहीं इस मामले पर जब स्थानीय रेल प्रबंधन से बातचीत की गई तो प्रबंधन ने इस बात को हल्के में लिया और कहा कि आंधी तूफान की वजह से झंडे को उतार लिया गया था, अब ऊपर से आदेश आने के बाद ही झंडा लगाया जाएगा. युवकों का कहना है कि बातचीत के दौरान स्थानीय प्रबंधन ने उनसे कहा कि वे पढ़ाई लिखाई में ध्यान दें और अपने रोजी रोजगार के बारे में सोचें.
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युवाओं का कहना है कि अगर आंधी तूफान की वजह से तिरंगे को उतारा गया है, तो अब वापस सम्मानपूर्वक उसे अपने स्थान पर लगा देना चाहिए. इसे लेकर स्टेशन प्रबंधक एन के बर्नवाल से फोन पर बात कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई और तिरंगा उतारे जाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.