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गिरिडीह में संगठित गिरोह कर रहा है अवैध महुआ शराब का धंधा, जंगल के बीच स्थापित कर रखा है साम्राज्य

नकली विदेशी शराब के साथ साथ अवैध महुआ शराब का कारोबार गिरिडीह में वर्षों से संचालित है. जिले के कई गांव में यह धंधा फलता-फूलता रहा है. जिला की पुलिस अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय इस संगठित गिरोह के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी है. illegal liquor business in Giridih

Organized gang is doing illegal liquor business in Giridih
गिरिडीह में संगठित गिरोह कर रहा है अवैध महुआ शराब का धंधा
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 16, 2023, 7:55 AM IST

गिरिडीह में संगठित गिरोह कर रहा है अवैध शराब का धंधा

गिरिडीह: अवैध रूप से केमिकल युक्त महुआ शराब की चुलाई पर रोक लगाने को लेकर पुलिस तत्पर दिख रही है. छलछलवा जंगल में संचालित शराब के अवैध कारोबार को लेकर शनिवार (14 अक्टूबर) को हुई छापेमारी के बाद मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. इस मामले में 16 लोगों को नामजद किया गया है. कई अज्ञात को भी अभियुक्त बनाया गया है.

ये भी पढ़ें: घने जंगल के बीच अवैध शराब का बड़ा कारोबार, एक किलोमीटर इलाके में बना रखी थी भट्ठियां, 10 हजार किलो जावा महुआ किया गया नष्ट

इन इलाकों में सक्रिय हैं धंधेबाज: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुफस्सिल, हीरोडीह, गावां, डुमरी, बिरनी समेत कई इलाकों में अलग-अलग संगठित गिरोह इस धंधे का संचालन कर रहे हैं. जंगल के बीच नदी-नाले के किनारे झोपड़ी बनाकर भट्ठियां लगाई गईं हैं. इन भट्ठियों में हर रोज शराब को तैयार किया जा रहा है. शनिवार (14 अक्टूबर) को ही जंगल में चल रहे इस तरह के कारोबार का खुलासा गिरिडीह एसपी दीपक शर्मा को मिली सूचना पर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह व मुफस्सिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान की टीम ने किया है.

एसपी दीपक कुमार शर्मा ने क्या कहा: एसपी दीपक कुमार शर्मा ने कहा कि अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. सभी एसडीपीओ, थानेदार को इसे लेकर आवश्यक निर्देश दिया गया है. इलाके को चिन्हित करते हुए रिपोर्ट कलेक्ट किया जा रहा है. इंसानी जान से खिलवाड़ करने वाले इस धंधे को हर हाल में ध्वस्त किया जाएगा.

44 माह पहले 16 लोगों की हो चुकी है मौत: गौरतलब है कि आज से 44 माह पहले जहरीली शराब के सेवन से गिरिडीह के सरिया और देवरी में 16 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना ने सूबे को हिला कर रख दिया था. 16 लोगों की मौत की इस घटना को मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान में लिया था और उसके बाद उत्पाद विभाग के साथ पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. जहां भी अवैध रूप से शराब बनाए जाने की सूचना मिलती, त्वरित कार्रवाई होती. इस घटना के बाद कोरोनाकाल आ गया. छापेमारी अभियान पर विराम लगा.

जंगली क्षेत्र में साम्राज्य स्थापित कर लिया: कोरोनाकाल के बाद धीरे-धीरे समय बीतता गया और अवैध रूप से केमिकल युक्त महुआ शराब की चुलाई और बिक्री ने परवान पकड़ लिया. आलम यह हो गया कि जंगल, नदी-नाले के किनारे यह अवैध कारोबार फलने-फूलने लगा. हाल के एक वर्ष में तो इस कारोबार से जुड़े माफियाओं ने तो जंगली क्षेत्र में अपना साम्राज्य ही स्थापित कर लिया.

घने जंगल में ठिकाना, नेटवर्क मजबूत: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के लगभग सभी थाना इलाके के गांवों में छोटे स्तर पर महुआ शराब को बनाने और उसे बेचने का काम चलता रहता है. ऐसे स्थानों पर उत्पाद विभाग कार्रवाई भी करता रहता है. बड़े-बड़े ठिकानों तक प्रशासन पहुंच नहीं पा रहा है. बताया जाता है कि जिले के जिन थाना इलाके में अवैध शराब को बनाने और उसे खपाने का काम किया जा रहा है, उनमें ज्यादातर ठिकाना जंगल (वन क्षेत्र) के बीच है. जहां सामान्य रूप से लोग पहुंच नहीं सकते. जिन स्थानों पर भट्ठियां लगाई जाती हैं, वहां तक पहुंचने से पहले ही जगह-जगह तैनात धंधेबाजों के गुप्तचर इसकी खबर पंहुचा देते हैं. इस वजह से धंधे में शामिल लोग पकड़ में नहीं आते हैं.

बाजार तक पहुंचाने में महिलाओं का सहयोग: शराब को बनाने और उसे बाजार में खपाने के लिए भी ये धंधेबाज अलग तरीका अपना रहे हैं. धंधेबाज तैयार शराब को रबर के थैले में भरते हैं और फिर इस थैले को बैकपैक (बैग) में भर दिया जाता है. इस बैग को लेकर माफियाओं का कुरियर बॉय पीठ पर लादकर बाइक के सहारे जगह-जगह सप्लाई कर देता है. बताया जाता है कि शराब को बाजार तक पहुंचाने में महिलाओं का भी सहयोग लिया जाता है. शनिवार को मुफस्सिल पुलिस की छापेमारी में इस तरह शराब से भरा हुआ रबर का थैला और बैग भी बरामद हुआ है.

इन स्थानों पर हो रहा अवैध शराब निर्माण

  1. मुफस्सिल : जोभी, बरहमोरिया, गडरमा
  2. गावां: डुमरझारा, गाढ़ीसांख, ककड़ियार, राजोखार व ओड़पोडो ( डुमरझारा, गाढ़ीसांख गिरिडीह और कोडरमा के बीच पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है )
  3. हीरोडीह: कारीलिट्टी, खटोरी, गादी, अमझर, कानीकेंद गंधुआ ( सभी भट्ठियां जंगल क्षेत्र में संचालित हैं )
  4. डुमरी : बेलदारी टोला, करीहारी
  5. बिरनी: दलांगी के जंगल और सुइयाडीह जंगल में नदी के किनारे

गिरिडीह में संगठित गिरोह कर रहा है अवैध शराब का धंधा

गिरिडीह: अवैध रूप से केमिकल युक्त महुआ शराब की चुलाई पर रोक लगाने को लेकर पुलिस तत्पर दिख रही है. छलछलवा जंगल में संचालित शराब के अवैध कारोबार को लेकर शनिवार (14 अक्टूबर) को हुई छापेमारी के बाद मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. इस मामले में 16 लोगों को नामजद किया गया है. कई अज्ञात को भी अभियुक्त बनाया गया है.

ये भी पढ़ें: घने जंगल के बीच अवैध शराब का बड़ा कारोबार, एक किलोमीटर इलाके में बना रखी थी भट्ठियां, 10 हजार किलो जावा महुआ किया गया नष्ट

इन इलाकों में सक्रिय हैं धंधेबाज: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुफस्सिल, हीरोडीह, गावां, डुमरी, बिरनी समेत कई इलाकों में अलग-अलग संगठित गिरोह इस धंधे का संचालन कर रहे हैं. जंगल के बीच नदी-नाले के किनारे झोपड़ी बनाकर भट्ठियां लगाई गईं हैं. इन भट्ठियों में हर रोज शराब को तैयार किया जा रहा है. शनिवार (14 अक्टूबर) को ही जंगल में चल रहे इस तरह के कारोबार का खुलासा गिरिडीह एसपी दीपक शर्मा को मिली सूचना पर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह व मुफस्सिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान की टीम ने किया है.

एसपी दीपक कुमार शर्मा ने क्या कहा: एसपी दीपक कुमार शर्मा ने कहा कि अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. सभी एसडीपीओ, थानेदार को इसे लेकर आवश्यक निर्देश दिया गया है. इलाके को चिन्हित करते हुए रिपोर्ट कलेक्ट किया जा रहा है. इंसानी जान से खिलवाड़ करने वाले इस धंधे को हर हाल में ध्वस्त किया जाएगा.

44 माह पहले 16 लोगों की हो चुकी है मौत: गौरतलब है कि आज से 44 माह पहले जहरीली शराब के सेवन से गिरिडीह के सरिया और देवरी में 16 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना ने सूबे को हिला कर रख दिया था. 16 लोगों की मौत की इस घटना को मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान में लिया था और उसके बाद उत्पाद विभाग के साथ पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. जहां भी अवैध रूप से शराब बनाए जाने की सूचना मिलती, त्वरित कार्रवाई होती. इस घटना के बाद कोरोनाकाल आ गया. छापेमारी अभियान पर विराम लगा.

जंगली क्षेत्र में साम्राज्य स्थापित कर लिया: कोरोनाकाल के बाद धीरे-धीरे समय बीतता गया और अवैध रूप से केमिकल युक्त महुआ शराब की चुलाई और बिक्री ने परवान पकड़ लिया. आलम यह हो गया कि जंगल, नदी-नाले के किनारे यह अवैध कारोबार फलने-फूलने लगा. हाल के एक वर्ष में तो इस कारोबार से जुड़े माफियाओं ने तो जंगली क्षेत्र में अपना साम्राज्य ही स्थापित कर लिया.

घने जंगल में ठिकाना, नेटवर्क मजबूत: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के लगभग सभी थाना इलाके के गांवों में छोटे स्तर पर महुआ शराब को बनाने और उसे बेचने का काम चलता रहता है. ऐसे स्थानों पर उत्पाद विभाग कार्रवाई भी करता रहता है. बड़े-बड़े ठिकानों तक प्रशासन पहुंच नहीं पा रहा है. बताया जाता है कि जिले के जिन थाना इलाके में अवैध शराब को बनाने और उसे खपाने का काम किया जा रहा है, उनमें ज्यादातर ठिकाना जंगल (वन क्षेत्र) के बीच है. जहां सामान्य रूप से लोग पहुंच नहीं सकते. जिन स्थानों पर भट्ठियां लगाई जाती हैं, वहां तक पहुंचने से पहले ही जगह-जगह तैनात धंधेबाजों के गुप्तचर इसकी खबर पंहुचा देते हैं. इस वजह से धंधे में शामिल लोग पकड़ में नहीं आते हैं.

बाजार तक पहुंचाने में महिलाओं का सहयोग: शराब को बनाने और उसे बाजार में खपाने के लिए भी ये धंधेबाज अलग तरीका अपना रहे हैं. धंधेबाज तैयार शराब को रबर के थैले में भरते हैं और फिर इस थैले को बैकपैक (बैग) में भर दिया जाता है. इस बैग को लेकर माफियाओं का कुरियर बॉय पीठ पर लादकर बाइक के सहारे जगह-जगह सप्लाई कर देता है. बताया जाता है कि शराब को बाजार तक पहुंचाने में महिलाओं का भी सहयोग लिया जाता है. शनिवार को मुफस्सिल पुलिस की छापेमारी में इस तरह शराब से भरा हुआ रबर का थैला और बैग भी बरामद हुआ है.

इन स्थानों पर हो रहा अवैध शराब निर्माण

  1. मुफस्सिल : जोभी, बरहमोरिया, गडरमा
  2. गावां: डुमरझारा, गाढ़ीसांख, ककड़ियार, राजोखार व ओड़पोडो ( डुमरझारा, गाढ़ीसांख गिरिडीह और कोडरमा के बीच पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है )
  3. हीरोडीह: कारीलिट्टी, खटोरी, गादी, अमझर, कानीकेंद गंधुआ ( सभी भट्ठियां जंगल क्षेत्र में संचालित हैं )
  4. डुमरी : बेलदारी टोला, करीहारी
  5. बिरनी: दलांगी के जंगल और सुइयाडीह जंगल में नदी के किनारे
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