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गिरिडीह: LIC की सरकारी हिस्सेदारी बेचने का हुआ विरोध, केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी - union budget

आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलआईसी की सरकारी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की थी. वित्त मंत्री की इस घोषणा के बाद एलआईसी से जुड़े कर्मी, अभिकर्ताओं ने आंदोलन शुरू कर दिया है.

LIC workers are protesting in giridih
आंदोलन करते हुए कर्मी
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Published : Feb 6, 2020, 12:44 PM IST

गिरिडीह: बजट 2020 में एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने की घोषणा का गिरिडीह में विरोध हो रहा है. एलआईसी के अभिकर्ता से लेकर कर्मचारी तक सरकार के इस निर्णय के खिलाफ दिख रहे हैं. इसी कड़ी में गिरिडीह के एलआईसी कार्यालय में एक घंटे का कार्य बहिष्कार हड़ताल किया गया. इस दौरान कार्यालय के मुख्य द्वार पर बैठकर नारेबाजी की गयी. सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए फैसला वापस लेने की भी मांग उठी.

देखें पूरी खबर

इस दौरान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बीमा कर्मचारी संघ के सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार फायदे वाली कंपनियों को बेच रही है जो जनविरोधी नीति है. उन्होंने कहा कि एलआईसी ने मार्च 2019 में ही 2605 करोड़ का लाभांश सरकार को दिया है. बावजूद इसके सरकार एलआईसी के हिस्सेदारी को बेच रही है. एलआईसी हर पंचवर्षीय योजना में 20 फीसदी का निवेश करती है.

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सचिव ने कहा कि हड़ताल में एलआईसी के सभी श्रम संगठनों के सदस्य शामिल रहे. उन्होंने कहा कि जो साजिश केंद्र सरकार रच रही है, उसे बंद करना चाहिए और एलआईसी को बेचने का निर्णय भी वापस लेना चाहिए. इस दौरान दीपक सिन्हा, संत कुमार राय समेत कई लोग मौजूद थे.

गिरिडीह: बजट 2020 में एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने की घोषणा का गिरिडीह में विरोध हो रहा है. एलआईसी के अभिकर्ता से लेकर कर्मचारी तक सरकार के इस निर्णय के खिलाफ दिख रहे हैं. इसी कड़ी में गिरिडीह के एलआईसी कार्यालय में एक घंटे का कार्य बहिष्कार हड़ताल किया गया. इस दौरान कार्यालय के मुख्य द्वार पर बैठकर नारेबाजी की गयी. सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए फैसला वापस लेने की भी मांग उठी.

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इस दौरान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बीमा कर्मचारी संघ के सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार फायदे वाली कंपनियों को बेच रही है जो जनविरोधी नीति है. उन्होंने कहा कि एलआईसी ने मार्च 2019 में ही 2605 करोड़ का लाभांश सरकार को दिया है. बावजूद इसके सरकार एलआईसी के हिस्सेदारी को बेच रही है. एलआईसी हर पंचवर्षीय योजना में 20 फीसदी का निवेश करती है.

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सचिव ने कहा कि हड़ताल में एलआईसी के सभी श्रम संगठनों के सदस्य शामिल रहे. उन्होंने कहा कि जो साजिश केंद्र सरकार रच रही है, उसे बंद करना चाहिए और एलआईसी को बेचने का निर्णय भी वापस लेना चाहिए. इस दौरान दीपक सिन्हा, संत कुमार राय समेत कई लोग मौजूद थे.

Intro:

आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलआईसी की सरकारी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की थी. वित्त मंत्री के इस घोषणा के बाद एलआईसी से जुड़े कर्मी, अभिकर्ताओं ने आंदोलन शुरू कर दिया है. गिरिडीह में भी इस हड़ताल किया गया.

Body:गिरिडीह। बजट 2020 में एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने की घोषणा का गिरिडीह में विरोध हो रहा है. एलआईसी के अभिकर्ता से लेकर कर्मचारी तक सरकार के इस निर्णय के खिलाफ दिख रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को गिरिडीह के एलआईसी कार्यालय में एक घण्टे का कार्य बहिष्कार हड़ताल किया गया. इस दौरान कार्यालय के मुख्य द्वार पर बैठकर नारेबाजी की गयी. सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुवे फैसला वापस लेने की भी मांग उठी.

Conclusion:इस दौरान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बीमा कर्मचारी संघ के सचिव धर्मप्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार फायदे वाली कम्पनियों को बेच रही है जो जनविरोधी नीति है. कहा कि एलआईसी द्वारा मार्च 2019 में ही 2605 करोड़ का लाभांश सरकार को दिया है. इसके बावजूद सरकार एलआईसी के हिस्सेदारी को बेच रही है. एलआईसी हर पंचवर्षीय योजना में 20 फीसदी का निवेश करती है. कहा कि आज के हड़ताल में एलआईसी के सभी श्रम संगठनों के सदस्य शामिल रहें. कहा कि जो साजिश केंद्र सरकार रच रही है उसे बंद करना चाहिए तथा एलआईसी को बेचने का निर्णय भी वापस लेना चाहिए. इस दौरान दीपक सिन्हा, सन्त कुमार राय समेत कई लोग मौजूद थे.

बाइट: धर्मप्रकाश, सचिव, बीमा कर्मचारी संघ
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