जमुआ/गिरिडीह: जिले के देवरी प्रखंड के घोसे गांव में डायरिया से पीड़ित एक वृद्ध महिला की मौत हो गई. 70 वर्षीय चंद्रिका देवी तीन दिन पहले डायरिया से पीड़ित हुई थी. जिसके बाद परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए गिरिडीह स्थित अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां इलाज के क्रम में उनकी की मौत हो गई.
चंद्रिका देवी की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और सिविल सर्जन के आदेश पर एक टीम घोसे गांव पहुंची. रविवार को घोसे पहुंचते ही स्वास्थ्यकर्मियों को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों का कहना था कि डायरिया से पीड़ित होकर वृद्धा की मौत हो जाने के बाद डीडीटी और ब्लीचिंग पाउडर डलवाया जा रहा है. विरोध जता रहे ग्रामीणों ने टीम के सदस्यों से पूछा की डेढ़ महीने पहले डायरिया फैल जाने की सूचना दी गयी थी, इतने दिनों तक विभाग कहां सोया हुआ था. हालांकि बाद में स्वास्थ्यकर्मियों ने ग्रामीणों को समझाया और जलकूपों में ब्लीचिंग पाउडर और डीडीटी डलवाया.
डेढ़ महीने से जारी है डायरिया का कहर
गांव के ग्रामीणों ने बताया की गांव में डेढ़ महीने से डायरिया फैला हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दिए जाने के बाद भी गांव में डीडीटी का छिड़काव और जलकुपों में ब्लीचिंग पाउडर नहीं डलवाया गया, जिससे डायरिया का प्रकोप पूरे गांव में फैल गया. अब तक गांव के दो दर्जन लोग डायरिया के चपेट में आ चुके हैं. वर्तमान समय में गांव के 6 लोग डायरिया से पीड़ित हैं. डायरिया से पीड़ित लोगों का इलाज जमुआ और गिरिडीह स्थित अस्पताल में चल रहा है.
कर्मियों को भेजा गया गांव- सिविल सर्जन
सिविल सर्जन अवधेश कुमार सिन्हा ने बताया की घोसे गांव में डायरिया फैलने और डायरिया से पीड़ित वृद्धा की मौत हो जाने की सूचना मिली है. सूचना मिलने के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की टीम को गांव भेजकर डीडीटी का छिड़काव और जलकूपों में ब्लीचिंग पाउडर डलवाया गया. वहीं, इस मामले में लापरवाही को लेकर देवरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को फटकार लगायी गयी है, उन्हें कहा गया है कि वह हर गांव की खबर रखें और कहीं भी डायरिया नहीं फैले इस पर विशेष ध्यान रखें.