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झारखंड में रिश्वत के लिए स्कीम, गिरिडीह में सरकारी मुलाजिम दे रहे घूस पर ऑफर और डिस्काउंट

झारखंड के सरकारी महकमो में भ्रष्टाचार अपनी जड़े जमा चुका है. अब सरकारी कर्मचारी घूस के लिए ऑफर और डिस्काउंट तक की पेशकश कर रहे हैं. इसका खुलासा गिरिडीह के एक केस के जरिए हुआ है.

Offers and discount for bribe in Jharkhand this truth Revealed from bribery case in Giridih
पीड़ित सेना के जवान ने बताई कहानी
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Published : Aug 1, 2021, 11:01 AM IST

Updated : Aug 1, 2021, 2:14 PM IST

गिरिडीहः अभी तक आपने विभिन्न सामानों की खरीद-बिक्री और सेवाओं के लिए ऑफर-डिस्काउंट के बारे में सुना होगा. लेकिन झारखंड के सरकारी महकमो में भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा चुका है. झारखंड में रिश्वतखोरी ( bribery case in jharkhand) सरकारी मुलाजिमों में रच-बस गई है. अब तो वो इतने बेखौफ हो गए हैं कि बाकायदा लोगों के काम के बदले रिश्वत की स्कीम चला रहे हैं. वे किसी भी सरकारी काम के लिए रिश्वत में ऑफर और डिस्काउंट दे रहे हैं.

इसका खुलासा बीते दिन गिरिडीह में सेना के जवान से रिश्वत लेने में पकड़े गए राजस्व कर्मचारी और पीड़ित फौजी से पूछताछ के बाद हुआ है. यह हाल तब है जबकि एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम लगातार ऐसे गुनहगारों को इनके मुकाम तक पहुंचा रही है.

ये भी पढ़ें- सेना के जवान से रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ राजस्व कर्मचारी, धनबाद ACB ने पकड़ा

यह था पूरा मामला


बीते गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने गिरिडीह के गांडेय अंचल में पदस्थापित एक राजस्व कर्मचारी जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था. जितेंद्र जमीन के 18 अलग-अलग प्लाट के एवज में सेना के एक जवान प्रकाश मंडल से रिश्वत मांग रहा था. जितेंद्र को एसीबी धनबाद की टीम ने जेल भेज दिया है.

देखें पूरी खबर

'सेना में हो तो 50 प्रतिशत का देंगे डिस्काउंट'

अब इस रिश्वत प्रकरण की पूरी जानकारी ईटीवी भारत की टीम ने असम में पदस्थापित सेना के जवान गांडेय प्रखण्ड के पिपरासिंघा निवासी प्रकाश मंडल से ली. प्रकाश ने ईटीवी की टीम को बताया कि उसने फरवरी माह में अपने 18 प्लॉट के ऑनलाइन आवेदन की प्राप्ति रसीद और जमीन के कागजात राजस्व कर्मचारी जितेंद्र कुमार को दाखिल खारिज करने के लिए दिया था. लेकिन 6 माह बाद भी दाखिल खरिज नहीं किया गया. जब वह अवकाश में वापस गांव आया तो दाखिल खारिज के लिए एक बार फिर राजस्व कर्मचारी से मुलाकात की.

इस बार राजस्व कर्मचारी ने कहा कि प्रति प्लॉट 6 हजार रुपये देना होगा. जब उसने अपना परिचय दिया और कहा कि वह देश की रक्षा में जुटा रहता है तो कर्मचारी ने कहा कि ठीक है, आप सेना में हैं तो पूरी इज्जत करते हैं. इसलिए आपको 50 प्रतिशत का डिस्काउंट देते हैं. अब आप 3 हजार प्रति प्लॉट की दर से 54 हजार रुपया दे दीजिए दाखिल खारिज हो जाएगा. पिपरासिंघा निवासी सेना के जवान प्रकाश मंडल ने बताया कि जब उन्होंने कर्मचारी से पूछा कि रिश्वत की यह रकम कहां-कहां बटती है तो कर्मचारी ने कम्प्यूटर ऑपरेटर से लेकर अंचल निरीक्षक, अंचलाधिकारी तक का नाम लिया.


...और फौजी ने निभाई सामाजिक जिम्मेदारी

फौजी प्रकाश मंडल का कहना है कि राजस्व कर्मचारी की इस बात को सुनकर वह अवाक रह गया. वह सोचने लगा कि यदि उसके जैसे सेना के जवान के साथ इस तरह घूस मांगी जा रही है तो आमलोगों की क्या स्थिति होती होगी. इस पर उसने एसीबी धनबाद से शिकायत की, जिसके बाद एसीबी की टीम ने रिश्वत लेने के दौरान कर्मचारी जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. सेना के जवान ने आलाधिकारियों के साथ-साथ सरकार से भी इस तरह की रिश्वतखोरी पर रोक लगाने की मांग की है.

भीतर तक पहुंच चुकी है रिश्वतखोरी

ये हैं गिरिडीह में सामने आए रिश्वत के कुछ मामले

  1. अगस्त 2020 में गिरिडीह जिले में विद्युत अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में एसीबी धनबाद की टीम ने छापेमारी की. इस दौरान टीम ने कार्यालय के सहायक विक्रम कुमार को 14 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया. इस मामले के विद्युत अधीक्षण अभियंता विभाष चंद्र पाल को भी गिरफ्तार किया गया था.
  2. मई 2020 में बगोदर प्रखंड के एक मुखिया और एक पंचायत सेवक को एसीबी धनबाद की टीम ने रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया था. पेवर्स ब्लॉक रोड निर्माण के लिए आठ हजार रिश्वत की राशि के साथ जरमुन्ने पश्चिमी के प्रभारी मुखिया शंकर पटेल और पंचायत सेवक अवधेश यादव को एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया था.
  3. सितंबर 2020 में गिरिडीह सदर अंचल के हल्का नंबर 6 के राजस्व कर्मचारी संजय कुमार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) धनबाद की टीम ने 35 सौ रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. आरोपी एक विधवा से दाखिल-खारिज के नाम पर पांच हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था.
  4. जुलाई 2020 में गिरिडीह जिले के धनवार में जमीन की रिपोर्ट करने के नाम पर अंचल निरीक्षक (सीआई) एक महिला से रिश्वत मांग रहा था. महिला ने इसकी शिकायत एसीबी धनबाद से की. जिसके बाद टीम ने आरोपी सीआई रामजी प्रसाद गुप्ता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया.
  5. अक्टूबर 2019 में गिरिडीह जिले में एसीबी की टीम ने 2 हजार रुपये रिश्वत लेते एक एएसआई को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया आरोपी एएसआई गिरिडीह के गावां थाना में पदस्थापित सतेंद्र शर्मा है. गिरिडीह के गावां थाना स्थित कोनी निवासी किरण देवी ने धनबाद एसीबी के पास लिखित शिकायत की थी, जिसमें उसने कहा था कि 28 जून 2019 को उसके पति उमेश यादव और अन्य के खिलाफ जमीन विवाद को लेकर एक मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. दर्ज प्राथमिकी का अनुसंधान गावां थान के एएसआई सत्येंद्र शर्मा कर रहे हैं और रिश्वत की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-पलामू के लोक सेवक सबसे भ्रष्ट या जनता ज्यादा जागरूक! एसीबी की कार्रवाई में जिला अव्वल

जुलाई 2021 में पलामू में गिरफ्तार हुआ था राजस्वकर्मी

ऐसा नहीं कि रिश्वतखोरी सिर्फ गिरिडीह के लोकसेवकों में है, झारखंड का कोई जिला ऐसा नहीं है जहां सरकारी कर्मचारियों में यह 'रोग' न लगा हो. जुलाई 2021 में पलामू प्रमंडलीय एसीबी टीम (ACB team)ने सतबरवा अंचल के बकोरिया पंचायत में तैनात राजस्वकर्मी को खुलेआम रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.आरोपी राजस्व कर्मचारी गौरव कुमार की मेडिकल जांच कराकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

आरोपी खानदानी जमीन को ऑनलाइन करने के एवज में आवेदक से रिश्वत ले रहा था. 15 दिनों के अंदर सतबरवा से रिश्वतखोरी में लोक सेवक के गिरफ्तार होने का यह दूसरा केस था. पलामू प्रमंडल एसीबी की टीम ने जनवरी 2021 से अब तक आधा दर्जन से अधिक लोगों को घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

जुलाई 2021 में चतरा में इनकी पोल खुली

चतरा जिले में एसीबी ने सिमरिया प्रखंड शीला चौक से पीरी पंचायत के रोजगार सेवक संतोष सिंह को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था. हजारीबाग से आई टीम ने रोजगार सेवक को तालाब निर्माण की राशि निर्गत करने के नाम पर घूस लेने में पकड़ा था.

कोई रिश्वत मांगे तो यहां करें शिकायत

झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) का मुख्यालय रांची में है. कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी काम के लिए रिश्वत मांगता है या परेशान करता है तो पीड़ित ANTI CORRUPTION BUREAU, JHARKHAND के व्हाट्सएप नंबर 94311 05678 पर संपर्क कर सकता है. इसके अलावा एसीबी झारखंड ने लोगों की मदद के लिए HELP LINE No - 0651-2281337 और MOBILE No - 94311 05678 जारी किया है. इस पर कॉल कर बी लोग मदद मांग सकते हैं.

गिरिडीहः अभी तक आपने विभिन्न सामानों की खरीद-बिक्री और सेवाओं के लिए ऑफर-डिस्काउंट के बारे में सुना होगा. लेकिन झारखंड के सरकारी महकमो में भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा चुका है. झारखंड में रिश्वतखोरी ( bribery case in jharkhand) सरकारी मुलाजिमों में रच-बस गई है. अब तो वो इतने बेखौफ हो गए हैं कि बाकायदा लोगों के काम के बदले रिश्वत की स्कीम चला रहे हैं. वे किसी भी सरकारी काम के लिए रिश्वत में ऑफर और डिस्काउंट दे रहे हैं.

इसका खुलासा बीते दिन गिरिडीह में सेना के जवान से रिश्वत लेने में पकड़े गए राजस्व कर्मचारी और पीड़ित फौजी से पूछताछ के बाद हुआ है. यह हाल तब है जबकि एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम लगातार ऐसे गुनहगारों को इनके मुकाम तक पहुंचा रही है.

ये भी पढ़ें- सेना के जवान से रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ राजस्व कर्मचारी, धनबाद ACB ने पकड़ा

यह था पूरा मामला


बीते गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने गिरिडीह के गांडेय अंचल में पदस्थापित एक राजस्व कर्मचारी जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था. जितेंद्र जमीन के 18 अलग-अलग प्लाट के एवज में सेना के एक जवान प्रकाश मंडल से रिश्वत मांग रहा था. जितेंद्र को एसीबी धनबाद की टीम ने जेल भेज दिया है.

देखें पूरी खबर

'सेना में हो तो 50 प्रतिशत का देंगे डिस्काउंट'

अब इस रिश्वत प्रकरण की पूरी जानकारी ईटीवी भारत की टीम ने असम में पदस्थापित सेना के जवान गांडेय प्रखण्ड के पिपरासिंघा निवासी प्रकाश मंडल से ली. प्रकाश ने ईटीवी की टीम को बताया कि उसने फरवरी माह में अपने 18 प्लॉट के ऑनलाइन आवेदन की प्राप्ति रसीद और जमीन के कागजात राजस्व कर्मचारी जितेंद्र कुमार को दाखिल खारिज करने के लिए दिया था. लेकिन 6 माह बाद भी दाखिल खरिज नहीं किया गया. जब वह अवकाश में वापस गांव आया तो दाखिल खारिज के लिए एक बार फिर राजस्व कर्मचारी से मुलाकात की.

इस बार राजस्व कर्मचारी ने कहा कि प्रति प्लॉट 6 हजार रुपये देना होगा. जब उसने अपना परिचय दिया और कहा कि वह देश की रक्षा में जुटा रहता है तो कर्मचारी ने कहा कि ठीक है, आप सेना में हैं तो पूरी इज्जत करते हैं. इसलिए आपको 50 प्रतिशत का डिस्काउंट देते हैं. अब आप 3 हजार प्रति प्लॉट की दर से 54 हजार रुपया दे दीजिए दाखिल खारिज हो जाएगा. पिपरासिंघा निवासी सेना के जवान प्रकाश मंडल ने बताया कि जब उन्होंने कर्मचारी से पूछा कि रिश्वत की यह रकम कहां-कहां बटती है तो कर्मचारी ने कम्प्यूटर ऑपरेटर से लेकर अंचल निरीक्षक, अंचलाधिकारी तक का नाम लिया.


...और फौजी ने निभाई सामाजिक जिम्मेदारी

फौजी प्रकाश मंडल का कहना है कि राजस्व कर्मचारी की इस बात को सुनकर वह अवाक रह गया. वह सोचने लगा कि यदि उसके जैसे सेना के जवान के साथ इस तरह घूस मांगी जा रही है तो आमलोगों की क्या स्थिति होती होगी. इस पर उसने एसीबी धनबाद से शिकायत की, जिसके बाद एसीबी की टीम ने रिश्वत लेने के दौरान कर्मचारी जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. सेना के जवान ने आलाधिकारियों के साथ-साथ सरकार से भी इस तरह की रिश्वतखोरी पर रोक लगाने की मांग की है.

भीतर तक पहुंच चुकी है रिश्वतखोरी

ये हैं गिरिडीह में सामने आए रिश्वत के कुछ मामले

  1. अगस्त 2020 में गिरिडीह जिले में विद्युत अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में एसीबी धनबाद की टीम ने छापेमारी की. इस दौरान टीम ने कार्यालय के सहायक विक्रम कुमार को 14 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया. इस मामले के विद्युत अधीक्षण अभियंता विभाष चंद्र पाल को भी गिरफ्तार किया गया था.
  2. मई 2020 में बगोदर प्रखंड के एक मुखिया और एक पंचायत सेवक को एसीबी धनबाद की टीम ने रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया था. पेवर्स ब्लॉक रोड निर्माण के लिए आठ हजार रिश्वत की राशि के साथ जरमुन्ने पश्चिमी के प्रभारी मुखिया शंकर पटेल और पंचायत सेवक अवधेश यादव को एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया था.
  3. सितंबर 2020 में गिरिडीह सदर अंचल के हल्का नंबर 6 के राजस्व कर्मचारी संजय कुमार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) धनबाद की टीम ने 35 सौ रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. आरोपी एक विधवा से दाखिल-खारिज के नाम पर पांच हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था.
  4. जुलाई 2020 में गिरिडीह जिले के धनवार में जमीन की रिपोर्ट करने के नाम पर अंचल निरीक्षक (सीआई) एक महिला से रिश्वत मांग रहा था. महिला ने इसकी शिकायत एसीबी धनबाद से की. जिसके बाद टीम ने आरोपी सीआई रामजी प्रसाद गुप्ता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया.
  5. अक्टूबर 2019 में गिरिडीह जिले में एसीबी की टीम ने 2 हजार रुपये रिश्वत लेते एक एएसआई को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया आरोपी एएसआई गिरिडीह के गावां थाना में पदस्थापित सतेंद्र शर्मा है. गिरिडीह के गावां थाना स्थित कोनी निवासी किरण देवी ने धनबाद एसीबी के पास लिखित शिकायत की थी, जिसमें उसने कहा था कि 28 जून 2019 को उसके पति उमेश यादव और अन्य के खिलाफ जमीन विवाद को लेकर एक मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. दर्ज प्राथमिकी का अनुसंधान गावां थान के एएसआई सत्येंद्र शर्मा कर रहे हैं और रिश्वत की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-पलामू के लोक सेवक सबसे भ्रष्ट या जनता ज्यादा जागरूक! एसीबी की कार्रवाई में जिला अव्वल

जुलाई 2021 में पलामू में गिरफ्तार हुआ था राजस्वकर्मी

ऐसा नहीं कि रिश्वतखोरी सिर्फ गिरिडीह के लोकसेवकों में है, झारखंड का कोई जिला ऐसा नहीं है जहां सरकारी कर्मचारियों में यह 'रोग' न लगा हो. जुलाई 2021 में पलामू प्रमंडलीय एसीबी टीम (ACB team)ने सतबरवा अंचल के बकोरिया पंचायत में तैनात राजस्वकर्मी को खुलेआम रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.आरोपी राजस्व कर्मचारी गौरव कुमार की मेडिकल जांच कराकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

आरोपी खानदानी जमीन को ऑनलाइन करने के एवज में आवेदक से रिश्वत ले रहा था. 15 दिनों के अंदर सतबरवा से रिश्वतखोरी में लोक सेवक के गिरफ्तार होने का यह दूसरा केस था. पलामू प्रमंडल एसीबी की टीम ने जनवरी 2021 से अब तक आधा दर्जन से अधिक लोगों को घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

जुलाई 2021 में चतरा में इनकी पोल खुली

चतरा जिले में एसीबी ने सिमरिया प्रखंड शीला चौक से पीरी पंचायत के रोजगार सेवक संतोष सिंह को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था. हजारीबाग से आई टीम ने रोजगार सेवक को तालाब निर्माण की राशि निर्गत करने के नाम पर घूस लेने में पकड़ा था.

कोई रिश्वत मांगे तो यहां करें शिकायत

झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) का मुख्यालय रांची में है. कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी काम के लिए रिश्वत मांगता है या परेशान करता है तो पीड़ित ANTI CORRUPTION BUREAU, JHARKHAND के व्हाट्सएप नंबर 94311 05678 पर संपर्क कर सकता है. इसके अलावा एसीबी झारखंड ने लोगों की मदद के लिए HELP LINE No - 0651-2281337 और MOBILE No - 94311 05678 जारी किया है. इस पर कॉल कर बी लोग मदद मांग सकते हैं.

Last Updated : Aug 1, 2021, 2:14 PM IST
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