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एक लाख के इनामी नक्सली कार्तिक महतो ने गिरिडीह में किया सरेंडर, संगठन से मोहभंग के बाद लिया फैसला - इनामी नक्सली कार्तिक महतो

गिरिडीह में एक लाख के इनामी नक्सली कार्तिक महतो ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. कई मामलों में फरार चल रहे इस नक्सली की पुलिस को लंबे समय से तलाश थी. नक्सली के सरेंडर को पुलिस बड़ी कामयाबी बता रही है.

Notorious Naxalite Karthik Mahato surrender
कुख्यात नक्सली का सरेंडर
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Published : Oct 9, 2021, 12:12 PM IST

Updated : Oct 9, 2021, 12:30 PM IST

गिरिडीह: कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहे एक लाख के इनामी नक्सली कार्तिक महतो ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. कई सालों से पुलिस के लिए चुनौती बने इस नक्सली के आत्मसमर्पण को पुलिस की बड़ी कामयाबी मान रही है.

ये भी पढ़ें- एक लाख की इनामी नक्सली उषा किस्कु सहित तीन ने किया सरेंडर, जानिए किन वारदातों को दिया था अंजाम

संगठन से मोह भंग होने के बाद किया सरेंडर

बताया जाता है कि कार्तिक महतो वर्ष 2018-19 तक पारसनाथ की तराई वाले इलाके में सक्रिय रहा था. इस दौरान नुनुचंद महतो और अन्य बड़े नक्सलियों के दस्ते में रहकर उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया था. बताया यह भी जाता है कि लगभग पौने दो दशक तक नक्सली संगठन में रहे कार्तिक का इन दिनों भाकपा माओवादी संगठन से मोह भंग हो चुका था. वह पिछले कई माह से दूसरे प्रदेश में जाकर मजदूरी भी कर रहा था. वापस लौटने पर उसने पीरटांड थाने में सरेंडर कर दिया. सरेंडर के बाद कार्तिक को हत्या का भी डर सता रहा है.

जमीन विवाद के कारण बना था नक्सली

कार्तिक महतो जमीन विवाद के कारण नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. उसका अपने से विवाद चल रहा था जिससे तंग आकर वो नक्सली संगठन में शामिल हुआ. इसके बाद वो मारक दस्ते में शामिल होकर बड़े-बड़े वारदातों को अंंजाम देने लगा.

कार्तिक महतो से हो रही है पूछताछ

खुखरा थाना इलाके के जिलिंगटांड़ के रहनेवाला कार्तिक के ऊपर कई मामले दर्ज हैं. अभी उसके ऊपर दर्ज पांच मामलों की पुष्टि हो सकी है. पुलिस के मुताबिक उससे पूछताछ की जा रही है. पूछताछ और जांच पूरी होने के बाद ही अधिक कुछ कहा जा सकता है.

गिरिडीह: कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहे एक लाख के इनामी नक्सली कार्तिक महतो ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. कई सालों से पुलिस के लिए चुनौती बने इस नक्सली के आत्मसमर्पण को पुलिस की बड़ी कामयाबी मान रही है.

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संगठन से मोह भंग होने के बाद किया सरेंडर

बताया जाता है कि कार्तिक महतो वर्ष 2018-19 तक पारसनाथ की तराई वाले इलाके में सक्रिय रहा था. इस दौरान नुनुचंद महतो और अन्य बड़े नक्सलियों के दस्ते में रहकर उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया था. बताया यह भी जाता है कि लगभग पौने दो दशक तक नक्सली संगठन में रहे कार्तिक का इन दिनों भाकपा माओवादी संगठन से मोह भंग हो चुका था. वह पिछले कई माह से दूसरे प्रदेश में जाकर मजदूरी भी कर रहा था. वापस लौटने पर उसने पीरटांड थाने में सरेंडर कर दिया. सरेंडर के बाद कार्तिक को हत्या का भी डर सता रहा है.

जमीन विवाद के कारण बना था नक्सली

कार्तिक महतो जमीन विवाद के कारण नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. उसका अपने से विवाद चल रहा था जिससे तंग आकर वो नक्सली संगठन में शामिल हुआ. इसके बाद वो मारक दस्ते में शामिल होकर बड़े-बड़े वारदातों को अंंजाम देने लगा.

कार्तिक महतो से हो रही है पूछताछ

खुखरा थाना इलाके के जिलिंगटांड़ के रहनेवाला कार्तिक के ऊपर कई मामले दर्ज हैं. अभी उसके ऊपर दर्ज पांच मामलों की पुष्टि हो सकी है. पुलिस के मुताबिक उससे पूछताछ की जा रही है. पूछताछ और जांच पूरी होने के बाद ही अधिक कुछ कहा जा सकता है.

Last Updated : Oct 9, 2021, 12:30 PM IST
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