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गिरिडीह: मुखिया का बेटा निकला अवैध शराब कारोबार का मास्टरमाइंड, एसपी ने किया खुलासा - झारखंड में शराब

गिरिडीह में नकली अंग्रेजी शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद एक नया खुलासा हुआ है. अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड ग्राम पंचायत चचघरा के मुखिया का बेटा राजेश वर्मा है. एसपी ने पत्रकार सम्मेलन में खुलासा किया है. मास्टरमाइंड राजेश लंबे समय से शराब के अवैध कारोबार से जुड़ा है.

New revelations in illegal liquor business case of giridih
गिरिडीह: मुखिया का बेटा निकला अवैध शराब कारोबार का मास्टरमाइंड, एसपी ने किया खुलासा
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Published : Apr 12, 2021, 7:57 AM IST

गिरिडीह: एसपी अमित रेणू ने पत्रकार सम्मेलन में नकली अंग्रेजी शराब की फैक्ट्री मामले में एक नया खुलासा किया है. डुमरी के कानाडीह में नकली शराब के इस अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड जमुआ का रहने वाला राजेश वर्मा है. राजेश ग्राम पंचायत चचघरा के मुखिया का बेटा है. कानाडीह में रहने वाले आरोपी सुरेश सोरेन और अरविंद सोरेन के घर पर छापेमारी की गई थी. दोनों के घर से अवैध रूप से निर्मित 70 पेटी अंग्रेजी शराब, कार्मेल कलर पांच लीटर, स्प्रीट 4 गैलन (लगभग 120 लीटर), रेपर लगभग 200 पीस, ढक्कन लगभग एक हजार पीस, सिंटेक्स 500 लीटर का एक पीस, खाली गैलन तीन पीस और स्टील का छोटा ड्रम दो पीस बरामद किया गया है.

गिरिडीह एसपी अमित रेणू ने दी जानकारी

इसे भी पढ़ें- रांची में लेडी डॉन प्रियंका गिरफ्तार, कारोबारियों से वसूल रही थी रंगदारी

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सुरेश सोरेन और अरविंद सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में दोनों ने बताया कि ये कारोबार शराब माफिया जमुआ थाना क्षेत्र के जोरांसाख का रहने वाला राजेश वर्मा कर रहा है. एसपी ने बताया कि इन तीनों के खिलाफ डुमरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.

अब तक पकड़ा नहीं गया राजेश

गिरिडीह में पूर्व वार्ड पार्षद गिरिडीह केंद्रीय कारा में बंद शिवम आजाद के बाद शराब के अवैध कारोबार को लेकर राजेश वर्मा का भी नाम सुर्खियों में रहा है. राजेश वर्मा के पिता जमुआ प्रखंड के ग्राम पंचायत चचघरा के मुखिया धनुखी महतो हैं. राजेश लंबे समय से शराब के अवैध कारोबार से जुड़ा है. कई बार मामला भी थाने में दर्ज हुआ, लेकिन अवैध कारोबार पर रोक नहीं लगी. जानकारों के मुताबिक राजेश का एक पार्टनर है, जो धनबाद के हीरापुर का है. ये मुख्य रूप से बिहार शराब भेजता है. नकली शराब बनाने के लिए नक्सल प्रभावित डुमरी और पीरटांड़ के जंगली इलाकों को चुनता है.

गिरिडीह: एसपी अमित रेणू ने पत्रकार सम्मेलन में नकली अंग्रेजी शराब की फैक्ट्री मामले में एक नया खुलासा किया है. डुमरी के कानाडीह में नकली शराब के इस अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड जमुआ का रहने वाला राजेश वर्मा है. राजेश ग्राम पंचायत चचघरा के मुखिया का बेटा है. कानाडीह में रहने वाले आरोपी सुरेश सोरेन और अरविंद सोरेन के घर पर छापेमारी की गई थी. दोनों के घर से अवैध रूप से निर्मित 70 पेटी अंग्रेजी शराब, कार्मेल कलर पांच लीटर, स्प्रीट 4 गैलन (लगभग 120 लीटर), रेपर लगभग 200 पीस, ढक्कन लगभग एक हजार पीस, सिंटेक्स 500 लीटर का एक पीस, खाली गैलन तीन पीस और स्टील का छोटा ड्रम दो पीस बरामद किया गया है.

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पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सुरेश सोरेन और अरविंद सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में दोनों ने बताया कि ये कारोबार शराब माफिया जमुआ थाना क्षेत्र के जोरांसाख का रहने वाला राजेश वर्मा कर रहा है. एसपी ने बताया कि इन तीनों के खिलाफ डुमरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.

अब तक पकड़ा नहीं गया राजेश

गिरिडीह में पूर्व वार्ड पार्षद गिरिडीह केंद्रीय कारा में बंद शिवम आजाद के बाद शराब के अवैध कारोबार को लेकर राजेश वर्मा का भी नाम सुर्खियों में रहा है. राजेश वर्मा के पिता जमुआ प्रखंड के ग्राम पंचायत चचघरा के मुखिया धनुखी महतो हैं. राजेश लंबे समय से शराब के अवैध कारोबार से जुड़ा है. कई बार मामला भी थाने में दर्ज हुआ, लेकिन अवैध कारोबार पर रोक नहीं लगी. जानकारों के मुताबिक राजेश का एक पार्टनर है, जो धनबाद के हीरापुर का है. ये मुख्य रूप से बिहार शराब भेजता है. नकली शराब बनाने के लिए नक्सल प्रभावित डुमरी और पीरटांड़ के जंगली इलाकों को चुनता है.

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