गिरिडीह: भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के शीर्ष नेता प्रशांत बोस व उसकी पत्नी शीला दी की गिरफ्तारी के बाद से नक्सली बौखलाहट में हैं. इस बौखलाहट का नतीजा है कि आये दिन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बार नक्सलियों ने 27 जनवरी को बंद की घोषणा कर रखी है. इस बंद को सफल बनाने के लिए गिरिडीह के पारसनाथ की तराई वाले इलाके में पोस्टर चिपकाया है.
ये भी पढ़ें- 27 जनवरी को बिहार झारखंड बंद, प्रशांत बोस की रिहाई की मांग को लेकर माओवादियों ने किया एलान
गिरिडीह में नक्सली पोस्टर: नक्सलियों ने मधुबन के जयनगर, दालान चलकरी के अलावा डुमरी प्रखंड के उत्तराखण्ड इलाके, हजारीबाग के बिष्णुगढ़ से सटे क्षेत्र व बोकारो से सटे इलाके में पोस्टरबाजी की है. इसके अलावा अन्य तरीके से भी विरोध जताया. पोस्टर में प्रशांत बोस और शीला मरांडी को रिहा कर बेहतर इलाज करने की बात कही गईं है. इसके अलावा 27 जनवरी के बंद को सफल बनाने की अपील की गईं है.
काफी मशक्कत के बाद हटाया गया पोस्टर: बताया जाता है कि जिन स्थानों पर पोस्टरबाजी की गईं, वहां से पोस्टर को हटाने की हिम्मत लोग नहीं कर सके. काफी देर बाद इसकी जानकारी पुलिस को मिली. बाद में पुलिस व सीआरपीएफ ने अभियान चलाकर पोस्टर को हटाया. एसडीपीओ मनोज कुमार ने कहा कि कुछ स्थानों पर नक्सलियों ने पोस्टरबाजी की थी. जहां से भी सूचना मिली तो त्वरित कार्यवाई कर पोस्टर को हटा दिया गया है. बाकी इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है.
बंद को देखते हुए विशेष चौकसी: दूसरी तरफ 27 जनवरी को बिहार झारखंड बंद को देखते हुए पुलिस पूरी तरह एहतियात बरत रही है. शाम के बाद गिरिडीह-डुमरी पथ पर वाहन परिचालन को बंद कर दिया गया है. गया-धनबाद रेलखंड पर भी चौकसी बरती जा रही है. रेल ट्रैक पर विशेष नजर रखी जा रही है. एसपी अमित रेनू ने क्षेत्र के एसडीपीओ को कई निर्देश भी दिया है.
प्रशांत बोस और उसकी पत्नी शीला मरांडी की रिहाई की मांग को लेकर नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने 21 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मनाने की घोषणा कर रखी है. वहीं 27 जनवरी को बिहार झारखंड बंद की घोषणा कर रखी है. इस प्रतिरोध दिवस के दौरान नक्सलियों ने गिरिडीह में एक पुल व मोबाइल के दो टावर को उड़ा दिया था. ऐसे में बंद के दौरान नक्सली की गतिविधि पर नजर रखने के लिए पुलिस व सीआरपीएफ लगातार प्रयास कर रही है.