गिरिडीह: नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का बंद 22 जनवरी की मध्य रात्रि 12 बजे से शुरू हो गया है. बंद 24 घंटे का है. इस बंद को देखते हुए पिछले तीन-चार दिनों से पारसनाथ की तराई क्षेत्र के अलावा बिहार से सटे इलाके में पुलिस और सीआरपीएफ का सर्च अभियान लगातार चल रहा है. वहीं 22 जनवरी की रात 12 बजे से मार्गों और मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों को सुरक्षा देने में पुलिस जुटी हुई दिखी.
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गिरिडीह डुमरी हाइवे समेत हर सभी सड़कों पर पुलिस न सिर्फ अलर्ट मोड में दिखी बल्कि जगह जगह कनवाई की व्यवस्था भी की गई थी. सबसे अधिक सख्त सुरक्षा की व्यवस्था डुमरी पथ पर देखने को मिला. यहां रात 12 बजे से पहले तक वाहनों का परिचालन सुरक्षा व्यवस्था के बीच करवाया गया. जबकि रात 12 बजे से सुबह तक वाहनों का परिचालन रोक दिया गया. इसके अलावा धनबाद-गया रेलखंड की सुरक्षा पर भी विशेष निगाह रखी गई है. इस रेलखंड पर नजर रखने के लिए डुमरी एसडीपी मनोज कुमार व सरिया एसडीपीओ नौशाद आलम को विशेष टास्क एसपी अमित रेणू के द्वारा दिया गया था.
कृष्णा की गिरफ्तारी के विरोध में बंद: 15 लाख के इनामी भाकपा माओवादी के रिजनल कमिटी मेंबर कृष्णा हांसदा को पिछले दिनों पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस गिरफ्तारी के बाद 18 जनवरी को बंद की घोषणा भाकपा माओवादी झारखंड रिजनल कमेटी के प्रवक्ता आजाद ने प्रेस बयान जारी कर किया था. जारी प्रेस बयान में आजाद का कहना है कि 13 जनवरी को पुलिस व अर्धसैनिक बलों द्वारा डुमरी के फतेहपुर गांव से भाकपा माओवादी झारखंड रिजनल कमेटी सदस्य सह उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमिटी के सचिव कृष्णा हांसदा को एक अन्य साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया. जबकि रेणूका मुर्मू को देवघर के जसीडीह थाना अंतर्गत चपरिया गांव से गिरफ्तार किया गया.
इन दोनों से पार्टी की गोपनीयता भंग करने के लिए काफी यातनाएं दी गई. इस बंद की घोषणा के बाद से ही अलर्ट पर है. चूंकि कृष्णा पीरटांड़ क्षेत्र का रहनेवाला है और पारसनाथ जोन का पूरा भार उसी पर था ऐसे में इस क्षेत्र में विशेष चौकसी बरती जा रही है.