जमुआ, गिरिडीह: नौ सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा की ओर से बुलाए गए बंद का व्यापक असर गिरिडीह के सीमावर्ती इलाके में रविवार को दिखा. बंद के मद्देनजर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के द्वारा चतरो बजरंग मोड़ के पास जमुआ-देवघर मार्ग को जाम कर दिया गया था. सड़क जाम का नेतृत्व राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के विलियम बास्के कर रहे थे. इस दौरान दो घंटे तक सड़क में आवागमन बाधित रहा.
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ओबीसी की गिनती कराने की मांगः मौके पर मौजूद आदिवासी परिषद के विलियम बास्के ने कहा कि नौ सूत्री मांगों को लेकर सड़क जाम किया गया था. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद से अब तक ओबीसी की गिनती नहीं हुई है.संविधान में यह वर्णित है कि जिस समाज के लोगों की जितनी संख्या है, उतनी उसकी हिस्सेदारी देनी है. लेकिन ओबीसी वर्ग के 52 प्रतिशत आबादी को महज 27 फीसदी आरक्षण दिया गया है. उसमें भी क्रीमीलेयर लगा कर आरक्षण को बेजान कर दिया गया है. इसलिए ओबीसी की गिनती कर आरक्षण दिया जाए.
ओबीसी समाज को तरजीह नहीं देने का लगाया आरोपः लोकतंत्र में बहुमत की सरकार होती है. देश में ओबीसी बहुमत में हैं, लेकिन इवीएम से चुनाव जीतने की वजह से ओबीसी को तरजीह नहीं दी जा रही है. इसलिए ओबीसी की गिनती करवाने और इवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की जरूरत है. इस दौरान मत्युस मरांडी, अर्जुन मरांडी, सुरेश बास्के, राफेल अंसारी, सरफुद्दीन अंसारी, इजराइल अंसारी, राजकुमार रविदास, धर्मेंद्र रविदास, सुरेश रविदास, अनिल तुरी, सुमेल मरांडी आदि मौजूद थे.