गिरिडीहः सीसीएल कर्मियों का वेतन समझौता लगातार टल रहा है. सीटीओ के अभाव में गिरिडीह कोलियरी के दोनों माइंस बंद पड़े हैं. माइंस बंद हैं तो असंगठित मजदूरों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है. इस समस्या के साथ 25 सूत्री मांगों को लेकर झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन ने आंदोलन शुरू कर दिया है (Movement of Jharkhand Colliery Mazdoor Union). यूनियन ने आंदोलन की शुरुवात सीसीएल परियोजना कार्यालय बनियाडीह के समक्ष प्रदर्शन से किया.
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झाकोमयू अध्यक्ष हरगौरी साव छक्कू और सचिव तेजलाल मंडल के नेतृत्व में मजदूरों, कर्मचारियों और विस्थापितों ने समस्याओं के समाधान की मांगों को लेकर नारेबाजी की. इसके साथ ही पीओ एसके सिंह के साथ वार्ता की और मांग पत्र सौंपा. वार्ता के दौरान पीओ एसके सिंह ने पूर्व में दिए गए ज्ञापन पर अब तक कोई सुनवाई नहीं होने की बात कहीं, जिसपर अध्यक्ष हरगौवी साव ने नारजगी जताई.
झाकोमयू ने 11वां राष्ट्रीय वेतन समझौता शीघ्र संपन्न कर लागू करने, परियोजना के तहत आउटसोर्सिंग में कार्यरत कर्मचारियों और मजदूरों को हाइपावर कमेटी द्वारा निर्धारित वेतनमान का भुगतान बैंक खाता के माध्यम से सुनश्चित कराने, परियोजना में कार्यरत चिकित्सा घोषित अयोग्य कर्मचारियों और मजदूरों के आश्रितों को 9:4:0 के तहत अनुकंपा के आधार पर पूर्व की भांति नौकरी देने, परियोजना में वर्षो से एक पद पर कार्यरत कर्मचारियों और मजदूरों को प्रोन्नति करने आदि की मांग की है. इसके अलावा परियोजना में ली गई जमीन से हुए विस्थापित को कोल इंडिया पुनर्वास नीति के तहत नियोजन और संबंधित एक्ट के तहत चार गुण मुआवजा आवंटित करते हुए विस्थापितों को पहचान पत्र और पुनर्वास समिति का गठन करने, विस्थापितों को वैकल्पिक रोजगार के तहत कोयला उत्पादन का 40% कोयला रोड सेल ई ऑक्सन के माध्यम से देकर रोजगार देने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस मौके पर दिलीप मंडल, देवचरण, मो मुख्तार, अर्जुन रवानी, सीताराम हांसदा, जानकी पांडेय, सोनाराम टुड्डू, रसिक बेसरा, अर्जुन मंडल सहित दर्जनों मजदूर और कर्मचारी उपस्थित थे.