गिरिडीहः जिले के बगोदर विधानसभा क्षेत्र में आपदा राहत के तहत पीड़ित परिवारों को मिलने वाला मुआवजा राशि समान तरीके से वितरण नहीं किया गया. मुआवजा राशि की वितरण में हुई अनियमितता पर बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में आवाज उठाएंगें.
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बगोदर प्रखंड के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत के संतुरपी गांव में एक वर्ष पहले शेषनाथ दास की बिजली करंट से मौत हो गई थी. लेकिन, एक साल बाद शेषनाथ के आश्रित परिवार को दो लाख रुपए सहयोग राशि दिया गया. यह सहयोग राशि तब मिला, जब विधायक विनोद कुमार सिंह और जरमुन्ने पश्चिमी के मुखिया संतोष रजक ने काफी प्रयास किया.
बिजली विभाग की लापरवाही से मौत
सहयोग राशि परिजनों को मिलने के बाद विधायक ने कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से शेषनाथ की मौत हुई थी. इसके बावजूद मुआवजा देने में विलंब किया गया. उन्होंने कहा कि आपदा राहत से पीड़ित परिवारों को समान रूप से राशि मिलनी चाहिए, लेकिन मुआवजा राशि में समानता नहीं है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आपदा पीड़ितों को समान मुआवजा राशि दी जाए. उन्होंने कहा कि हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आगामी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठाएंगें.
आपदा में भी अलग-अलग मुआवजा राशि
विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि आपदा राहत के तहत आश्रितों को सरकार की ओर से दी जाने वाली मुआवजा राशि में समानता होना जरूरी है. उन्होंने कहा है कि सर्पदंश, हाथी का हमला और बाढ़ आदि आपदाओं में जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों को चार लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है, तो करंट से मौत होने पर चार लाख का मुआवजा क्यों नहीं दिया जा रहा है. बिजली विभाग की लापरवाही से ही लोगों को करंट लगता है. इस स्थिति में पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा मिलनी चाहिए.