गिरिडीह: पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में एक किशोर को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. चाईल्ड कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सह जिला और सत्र न्यायाधी प्रथम रामबाबू गुप्ता की अदालत ने शनिवार की संध्या सजा सुनायी.
दस साल सश्रम कारावास की सजा
अदालत ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पालमो के छोटी साव को धारा 342/120 में एक साल कारावास और एक हजार रूपए फाईन किया है. इसके अलावा धारा 376 डीए में दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी गई है. इसके साथ ही पांच हजार रूपए फाइन किया है. फाइन की राशि नहीं देने पर दो माह साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. इसके अलावा 6 पोक्सो एक्ट में दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. सजा पाने वाले छोटी साव को शनिवार को चाईल्ड कोर्ट में सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के लिए बाल सुधार गृह हजारीबाग से गिरिडीह लाया गया था. सजा सुनाए जाने के बाद फिर छोटी को अदालत लेकर आए कर्मी बाल सुधार गृह हजारीबाग ले गए.
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क्या है मामला ?
यह मामला मुफस्सिल थाना कांड संख्या- 143/18 दिनांक - 01.05.2018 से संबंधित है. दर्ज कराए गए प्राथमिकी में पीड़ित बच्ची के पिता ने कहा था कि 30 अप्रैल 2018 को दोपहर लगभग दो बजे उनकी पांच साल की बेटी घर के बगल में कुछ दूरी पर आम चुनने गयी थी. काफी देर होने के बाद भी जब उनकी बेटी नहीं लौटी तो वे अपने बेटे को उसे देखने के लिए भेजा. उनका बेटा जब पहुंचा तो देखा कि आम पेड़ के पास जहां छोटी साव का बाथरूम है वहां रामू साव खड़ा है तथा बाथरूम के अंदर उनकी बेटी के साथ छोटी साव गलत काम कर रहा था. इसके बाद उनका बेटा को भी रामू साव हाथ पकड़कर वहीं पर रोक लिया. गलत काम करने के बाद जब उनकी बेटी को छोटी छोड़ दिया तब उनकी बेटी और उनका बेटा दोनों एक साथ घर आए तो सारी बात कहकर सुनाया.