गिरिडीह: जिले के सरकारी अस्पताल में एक बार फिर बच्चे के जन्म के बाद जच्चा की मौत का मामला सामने आया है. इस घटना के बाद परिजनों ने चिकित्सक और अस्पतालकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. इसको लेकर अस्पताल में काफी देर तक हंगामा होता(uproar in Maternal Child Health Unit chaitadih) रहा. सूचना पर पहुंची पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामले शांत हुआ.
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घटना मामला पचम्बा थाना इलाके के चैताडीह स्थित मातृ शिशु स्वास्थ्य इकाई की है. बताया जाता है कि बिहार के बांका की चंचला मिश्रा का मायका गिरिडीह के पचम्बा थाना इलाके में रानीखावा में है. चंचला गर्भवती थी और मायके में ही थी. इधर प्रसव पीड़ा शुरू होने पर चंचला को चैताडीह स्थित मातृ शिशु स्वास्थ्य इकाई चैताडीह में भर्ती कराया गया. गुरुवार को चंचला भर्ती हुईं और उसी दिन ऑपरेशन से उन्होंने बच्चे को जन्म दिया.
चंचला के परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के बाद चंचला की तबीयत बिगड़ती गई. लगातार ब्लीडिंग होती रही. आरोप है कि उन्होंने तबीयत बिगड़ने की जानकारी कई दफा अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों और कर्मचारियों को दी गई लेकिन किसी ने मरीज की सुध नहीं ली. इधर प्रसूता की हालत लगातार बिगड़ती रही और अंततः चंचला ने दम तोड़ दिया. परिजनों का यह भी आरोप है कि चंचला मर चुकी थी इसके बाद भी डॉक्टर रेफर कर रहे थे.
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इस दौरान परिजनों ने रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया है. आरोप है कि सिजेरियन प्रसव के नाम पर सहिया ने पांच हजार वसूला. इसके अलावा 100-200 कर अस्पताल के अंदर 2 हजार रुपये लिए गए. मृतका की मां का आरोप है कि ऑपरेशन होने और बच्चे के जन्म के बाद जब तक पैसा नहीं दिया गया तब तक बच्चे को देखने भी नहीं दिया गया.
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लापरवाही का आरोप गलत : डॉक्टर
इधर आरोपों को डॉक्टर सुशीला कुमारी ने आरोपों को गलत बताया. कहा कि कल सीजेरियन हुआ जिसके बाद लगातार ब्लीडिंग हो रही थी. इसके बाद पेशेंट का इलाज लगातार किया जा रहा था, समय समय पर दवा और इंजेक्शन दी गई. मरीज की तबीयत बिगड़ने पर वह भी पहुंची थीं, मरीज को रेफर भी किया गया लेकिन तब तक मरीज ने दम तोड़ दिया.