गिरिडीह: जिले के बगोदर सरिया अनुमंडल क्षेत्र में के लोगों के सपने 2020 में भी अधूरे रह गए. कॉलेज, अस्पताल, बिजली कनेक्शन और पानी सप्लाई जैसे कई कई महत्वपूर्ण योजनाएं 2020 में भी धरातल पर नहीं उतर पाई है. इससे क्षेत्र के लोगों में मायूसी है. इन योजनाओं में मुख्य रूप से बगोदर का पॉलिटेक्निक कॉलेज, बिरनी का डिग्री कॉलेज, सरिया का बिजली पावर ग्रिड, बगोदर के औरा का बिजली पावर सब स्टेशन, बगोदर के औरा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बगोदर प्रखंड के बगोदरडीह ग्रामीण जलापूर्ति योजना प्रमुख है.
लोगों की उम्मीद अधूरी
बगोदर में पॉलिटेक्निक कॉलेज एक साल पूर्व ही बनकर तैयार है. लेकिन अब तक इसका उद्घाटन नहीं हो पाया है. भवन के अंदर घास फूस का अंबार लगा हुआ है. भवन की निगरानी में तैनात प्रवीण सिंह ने बताया कि भवन एक साल पूर्व ही बनकर तैयार है. विभाग की ओर से भवन को हैंड ओवर नहीं किए जाने से ऐसी परेशानी आ रही है. पॉलिटेक्निक कॉलेज के निर्माण होने के बाद छात्र-छात्राओं में स्थानीय स्तर पर पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करने की जो उम्मीदें जगी थी वह अब तक अधूरी है.
कई सालों से निर्माण कार्य अधूरा
बगोदर प्रखंड के बगोदरडीह ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अस्तित्व में आने से 4 पंचायत के हजारों लोगों को पानी की सुविधा मिलनी है. लेकिन 2020 में भी योजना अस्तित्व में नहीं आयी है. इस योजना के तहत बगोदर पूर्वी- पश्चिमी और जरमुन्ने पूर्वी-पश्चिमी पंचायत के हजारों परिवारों तक पाइप लाइन की ओर से घर-घर पानी की आपूर्ति की जानी है. यह योजना 14 करोड़ की लागत से बन रही है. तीन साल पहले से निर्माण किए जाने के बाद भी इसका निर्माण कार्य अधूरा है.
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3 साल पूर्व योजना की शुरुआत
बगोदर प्रखंड के औरा में निर्माणाधीन बिजली पावर स्टेशन भी 2020 में अस्तित्व में नहीं आया है. बिजली पावर स्टेशन का निर्माण का उद्देश्य पूरा होता नहीं दिख रहा है. 3 साल पूर्व योजना की शुरुआत हुई थी, लेकिन अब तक योजना अधूरी है. बताया जाता है कि बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बिजली पावर सब स्टेशन निर्माण कार्य की स्वीकृति मिली थी. सरिया प्रखंड में बिजली पावर ग्रिड का निर्माण किया गया है. कुछ महीने पूर्व सीएम की ओर से ऑनलाइन शिलान्यास भी किया गया, लेकिन पावर ग्रिड से सुचारू रूप से बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है. बगोदर प्रखंड को इस ग्रिड से अबतक जोड़ा भी नहीं गया है.
कॉलेज निर्माण का उद्देश्य अधूरा
दूसरी ओर बगोदर के औंरा में नवनिर्मित पीएचसी भी 2020 में अस्तित्व में नहीं आया है, जबकि 2 साल पूर्व हीं भवन बनकर तैयार है और भवन का उद्घाटन भी नहीं किया जा सका है, जबकि उद्घाटन का बोर्ड लगा दिया गया है. भवन निर्माण कार्य में मजदूरी करने वालों का 50,000 से अधिक मजदूरी बकाया है. दूसरी ओर बिरनी में डिग्री कॉलेज का निर्माण किया गया है. निर्माण कार्य 2 साल पूर्व हीं पूर्ण हो चुका है, लेकिन अब तक इसका उद्घाटन नहीं हो सका है. इससे कॉलेज निर्माण का उद्देश्य अधूरा है.