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दो पहिया के बीमा पर कई भारी वाहनों का हो रहा है परिचालन, बाबा सम्राट बस दुर्घटना के बाद सामने आ रहा है मामला - बसों की बीमा में घपला

फर्जी कागजात के सहारे कई वाहनों का परिचालन लगातार हो रहा है. गिरिडीह में बाबा सम्राट बस दुर्घटना के बाद फर्जी बीमा का मामला सामने आया. अब आगे की पड़ताल में तीन ऐसे वाहनों का बीमा दो पहिया का मिला है.

Many buses running on two wheeler insurance in Jharkhand
Many buses running on two wheeler insurance in Jharkhand
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Published : Aug 7, 2023, 9:51 PM IST

Updated : Aug 7, 2023, 10:03 PM IST

सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर

गिरिडीह: जिले के बराकर नदी में बाबा सम्राट बस पलटने के बाद इसके कागजात में भारी गड़बड़ी मिली. अभी तक के छानबीन में दुर्घटनाग्रस्त बस का बीमा दो पहिया का निकला. उक्त बस का बीमा दो पहिया का निकलने के बाद जिले से लम्बी दूरी की बसों के बीमा की पड़ताल एक बार फिर की गई तो तीन बस ऐसे मिले जिनका बीमा दो पहिया का है. ऑनलाइन इन बसों के नंबर के साथ इसका जिक्र है. अब इन बसों के कागजात की भी जांच की मांग उठने लगी है.

ये भी पढ़ें- Giridih Bus Accident: बीमा का घालमेल, बस के नंबर पर स्कूटर का इंश्योरेंस, जानिए क्या है माजरा


तीन तीन वर्ष से किया जा रहा है बीमा: सोमवार की पड़ताल में एक बात काफी सामान्य मिली है. एक तो दुर्घटनाग्रस्त बस का बीमा पिछले तीन वर्ष से दोपहिया मोड में ही किया गया है. इसी तरह आज जिन तीन वाहनों का बीमा दो पहिया मोड में मिला है उनमें से एक बस का बीमा तीन वर्ष दो पहिया मोड में, एक का बीमा इस बार दो पहिया में तो पिछले वर्ष चार पहिया एवं उससे पहले तीन वर्ष का दो पहिया मोड में किया गया है. अब इन वाहनों के मालिक ने खुद ही जानबूझकर इस तरह की हरकत की या फिर बीमा करनेवाले कर्मी या अभिकर्ता ने यह जालसाजी की है यह सब प्रशासन की जांच में ही सामने आ सकता है.

बसों का फर्जी बीमा के मामले को उजागर करने में अहम भूमिका निभानेवाले सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर का कहना है कि इस तरह की हरकत अपराध है. बताया कि बाबा सम्राट बस की बीमा जांचने के बाद सोमवार को रांची के लिए चलने वाली बसों का नंबर एकत्रित करते हुए फिर से ऑनलाइन पड़ताल की तो तीन बस का बीमा दो पहिया का मिला. यह भी बताया कि प्रशासन को चाहिए की सभी यात्री वाहनों के कागजात की जांच गहनता से करे ताकि कोई हादसा होने पर पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिल सके.

ऐसे खुद ही जांच सकते हैं बीमा पॉलिसी: प्रभाकर खुद जो मोटर बीमा के कार्य से जुड़े हैं. इन्होंने बताया कि हर व्यक्ति को चाहिए की बीमा करने के बाद खुद ही जांच करनी चाहिए. इसे जांचने के लिए खुद ही टॉल फ्री नंबर पर फोन कर बीमा की डिटेल लें. इस दौरान यदि कोई आपको झांसे में लेकर यह बोले की चल जाएगा, कुछ दिन में अपडेट हो जाएगा. तो ऐसे झांसे में नहीं आएं. कहा कि हाल के कुछ वर्ष के दौरान सस्ता के चक्कर में या फिर प्रशासन को धोखा देने के लिए इस तरह की हरकत की जाती है. ऐसा हो सकता है कि इस प्रकरण में मालिक शामिल हो या भी बीमा करनेवाले ने ही धोखा दिया हो. यह सब जांच का विषय है.

परिवहन विभाग ने शुरू की जांच: इधर इस मामले के उजागर होने के बाद डीसी के निर्देश पर परिवहन विभाग ने जांच आरम्भ कर दी है. दुर्घटनाग्रस्त बाबा सम्राट के सभी बसों के कागजात को जांचा जा रहा है. इसके अलावा जिले से चल रही सभी बस के अलावा मालवाहक के बीमा को जांचने का काम भी शुरू किया गया है.

सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर

गिरिडीह: जिले के बराकर नदी में बाबा सम्राट बस पलटने के बाद इसके कागजात में भारी गड़बड़ी मिली. अभी तक के छानबीन में दुर्घटनाग्रस्त बस का बीमा दो पहिया का निकला. उक्त बस का बीमा दो पहिया का निकलने के बाद जिले से लम्बी दूरी की बसों के बीमा की पड़ताल एक बार फिर की गई तो तीन बस ऐसे मिले जिनका बीमा दो पहिया का है. ऑनलाइन इन बसों के नंबर के साथ इसका जिक्र है. अब इन बसों के कागजात की भी जांच की मांग उठने लगी है.

ये भी पढ़ें- Giridih Bus Accident: बीमा का घालमेल, बस के नंबर पर स्कूटर का इंश्योरेंस, जानिए क्या है माजरा


तीन तीन वर्ष से किया जा रहा है बीमा: सोमवार की पड़ताल में एक बात काफी सामान्य मिली है. एक तो दुर्घटनाग्रस्त बस का बीमा पिछले तीन वर्ष से दोपहिया मोड में ही किया गया है. इसी तरह आज जिन तीन वाहनों का बीमा दो पहिया मोड में मिला है उनमें से एक बस का बीमा तीन वर्ष दो पहिया मोड में, एक का बीमा इस बार दो पहिया में तो पिछले वर्ष चार पहिया एवं उससे पहले तीन वर्ष का दो पहिया मोड में किया गया है. अब इन वाहनों के मालिक ने खुद ही जानबूझकर इस तरह की हरकत की या फिर बीमा करनेवाले कर्मी या अभिकर्ता ने यह जालसाजी की है यह सब प्रशासन की जांच में ही सामने आ सकता है.

बसों का फर्जी बीमा के मामले को उजागर करने में अहम भूमिका निभानेवाले सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर का कहना है कि इस तरह की हरकत अपराध है. बताया कि बाबा सम्राट बस की बीमा जांचने के बाद सोमवार को रांची के लिए चलने वाली बसों का नंबर एकत्रित करते हुए फिर से ऑनलाइन पड़ताल की तो तीन बस का बीमा दो पहिया का मिला. यह भी बताया कि प्रशासन को चाहिए की सभी यात्री वाहनों के कागजात की जांच गहनता से करे ताकि कोई हादसा होने पर पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिल सके.

ऐसे खुद ही जांच सकते हैं बीमा पॉलिसी: प्रभाकर खुद जो मोटर बीमा के कार्य से जुड़े हैं. इन्होंने बताया कि हर व्यक्ति को चाहिए की बीमा करने के बाद खुद ही जांच करनी चाहिए. इसे जांचने के लिए खुद ही टॉल फ्री नंबर पर फोन कर बीमा की डिटेल लें. इस दौरान यदि कोई आपको झांसे में लेकर यह बोले की चल जाएगा, कुछ दिन में अपडेट हो जाएगा. तो ऐसे झांसे में नहीं आएं. कहा कि हाल के कुछ वर्ष के दौरान सस्ता के चक्कर में या फिर प्रशासन को धोखा देने के लिए इस तरह की हरकत की जाती है. ऐसा हो सकता है कि इस प्रकरण में मालिक शामिल हो या भी बीमा करनेवाले ने ही धोखा दिया हो. यह सब जांच का विषय है.

परिवहन विभाग ने शुरू की जांच: इधर इस मामले के उजागर होने के बाद डीसी के निर्देश पर परिवहन विभाग ने जांच आरम्भ कर दी है. दुर्घटनाग्रस्त बाबा सम्राट के सभी बसों के कागजात को जांचा जा रहा है. इसके अलावा जिले से चल रही सभी बस के अलावा मालवाहक के बीमा को जांचने का काम भी शुरू किया गया है.

Last Updated : Aug 7, 2023, 10:03 PM IST
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