गिरिडीहः 5 सितंबर 2020 को जिला के मधुबन थाना की हाजत में अभियुक्त बलराम महतो की आत्महत्या मामले में कार्यपालक दंडाधिकारी सह अंचल अधिकारी तिसरी की ओर से जांच प्रतिवेदन डीसी गिरिडीह को सौंप दिया गया है. डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने उस जांच प्रतिवेदन को आवश्यक कार्रवाई के लिए एसपी अमित रेणु को भेज दिया है. दंडाधिकारी हीरक मन्ना करकेट्टा की जांच में कई ड्यिूटी में नियुक्त कर्मियों की लापरवाही भी उजागर हुई है.
डीसी दिया था ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश
मधुबन थाना हाजत में कांड संख्या 19/2020 के अभियुक्त बलराम महतो की आत्महत्या की घटना के बाद डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया था. इस मामले में मधुबन थाना प्रभारी राउतु होनहागा और प्रशिक्षु दारोगा साव कुमार साहु को एसपी ने पूर्व में ही निलंबित कर इनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी थी.
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क्या है पूरा मामला
जांच प्रतिवेदन में मजिस्ट्रेट ने कहा है कि धनबाद जिला के राजगंज के कारीटांड़ गांव निवासी अभियुक्त बलराम महतो को बकरा चोरी के आरोप में मधुबन थाना हाजत में उसके सह अभियुक्त बब्लू सोनार के साथ रखा गया था. जहां हाजत के बाथरूम में बलराम ने 04-05 सितंबर की रात्रि बाथरूम में लगे यू आकर कीलनुमा रड और तार से फांसी लगाकार आत्महत्या कर ली. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह एशपेसिया डियू टू हेंगिग बताया गया है लेकिन आत्महत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. अभियुक्त को मधुबन थाना के जिस हाजत में रखा गया था उसका बाथरूम साफ सुथरा नहीं था और दीवार में मोटा यू आकार कीलनुमा रड और तार था, जो सेंट्रींग समय से ही लगा हुआ था. हाजत में रखने के पूर्व मृतक के जख्मी रहने के बावजूद इलाज नहीं करवाया गया था. पहरे पर अलग से किसी की तैनाती नहीं थी जो कि प्रश्नसूचक बिंदु है.
ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप
पोस्टमार्टम के क्रम में मृत शरीर के अवलोकन से स्पष्ट है कि पुलिस कर्मियों ने कोई यातनांए नहीं दी. थाना हाजत में ड्यिूटी पर नियुक्त कर्मियों की लापरवाही की वजह से यह घटना थाना हाजत में घटित हुई. लापरवाही के परिणामस्वरूप बलराम को आत्महत्या का अवसर मिल गया.