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भू-रैयतों ने मुआवजे की मांग को लेकर की बैठक, फरियादों के बाद भी नहीं हो रही ठोस पहल - गिरिडीह में सौ भू-रैयतों के मुआवजा का मापदंड

गिरिडीह जीटी रोड सिक्स लेन के प्रभावित भू-रैयतों ने बैठक कर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है. भू-रैयतों का आरोप है कि जीटी रोड सिक्स लेन के किनारे सरकारी स्तर पर रोड के किनारे जमीन अधिकृत की जा रही है, लेकिन रोड के किनारे की जमीन और मकान को भी सर्वे में कृषि आधारित जमीन दिखाया गया है. इसे लेकर विरोध किया जा रहा है.

भू-रैयतों ने मुआवजा की मांग को लेकर की बैठक
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Published : Sep 22, 2019, 9:40 PM IST

गिरिडीहः बगोदर प्रखंड के अटका स्थित जीटी रोड सिक्स लेन के प्रभावित भू-रैयतों की बैठक रविवार को आईटीआई कॉलेज परिसर में हुई. बैठक में मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया.

देखें पूरी खबर

बैठक में उपस्थित भू-रैयत संघ के अध्यक्ष शत्रुधन प्रसाद मंडल ने कहा कि मांगों को लेकर सीएम से लेकर सांसद, विधायक और डीसी से फरियाद लगाया जा चुका है, लेकिन मामले में अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि अटका के 11 सौ भू-रैयतों के मुआवजा का जो मापदंड बनाया गया है, सही नहीं है.

ये भी पढ़ें-रामगढ़ः जब आमने-सामने हुए थे महात्मा गांधी और नेता जी

भू-रैयतों का आरोप हैं कि जीटी रोड सिक्स लेन के किनारे सरकारी स्तर पर रोड के किनारे की जमीन अधिकृत की जा रही है, इसमें जमीन और मकान को भी कृषि आधारित जमीन दिखाया गया है, जिसे लेकर विरोध किया जा रहा है. उनका कहना हैं कि बगोदर प्रखंड के 28 गांव से होकर जीटी रोड गुजरता है और 27 गांव के प्रभावित भू-रैयतों को आवासीय दर पर मुआवजे का भुगतान तक कर दिया गया है.

मंडल ने बताया कि बगोदर प्रखंड का अटका ही एक ऐसा पंचायत है, जहां रोड के किनारे की जमीन को सर्वे में कृषि भूमि दर्शाया गया है और उसी के आधार पर मुआवजा राशि निर्धारित की गई है. भू-रैयतों ने दो टूक में कहा कि कृषि भूमि को आवासीय का दर्जा नहीं देने पर वे जान देंगे, लेकिन जमीन नहीं.

गिरिडीहः बगोदर प्रखंड के अटका स्थित जीटी रोड सिक्स लेन के प्रभावित भू-रैयतों की बैठक रविवार को आईटीआई कॉलेज परिसर में हुई. बैठक में मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया.

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बैठक में उपस्थित भू-रैयत संघ के अध्यक्ष शत्रुधन प्रसाद मंडल ने कहा कि मांगों को लेकर सीएम से लेकर सांसद, विधायक और डीसी से फरियाद लगाया जा चुका है, लेकिन मामले में अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि अटका के 11 सौ भू-रैयतों के मुआवजा का जो मापदंड बनाया गया है, सही नहीं है.

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भू-रैयतों का आरोप हैं कि जीटी रोड सिक्स लेन के किनारे सरकारी स्तर पर रोड के किनारे की जमीन अधिकृत की जा रही है, इसमें जमीन और मकान को भी कृषि आधारित जमीन दिखाया गया है, जिसे लेकर विरोध किया जा रहा है. उनका कहना हैं कि बगोदर प्रखंड के 28 गांव से होकर जीटी रोड गुजरता है और 27 गांव के प्रभावित भू-रैयतों को आवासीय दर पर मुआवजे का भुगतान तक कर दिया गया है.

मंडल ने बताया कि बगोदर प्रखंड का अटका ही एक ऐसा पंचायत है, जहां रोड के किनारे की जमीन को सर्वे में कृषि भूमि दर्शाया गया है और उसी के आधार पर मुआवजा राशि निर्धारित की गई है. भू-रैयतों ने दो टूक में कहा कि कृषि भूमि को आवासीय का दर्जा नहीं देने पर वे जान देंगे, लेकिन जमीन नहीं.

Intro:भू- रैयतों ने मुआवजा की मांग को लेकर की बैठक, फरियादों के बाद भी नहीं हो रही ठोस पहल

बगोदर/गिरिडीह


Body:बगोदर/गिरिडीहः बगोदर प्रखंड के अटका के जीटी रोड़ सिक्स लेन के प्रभावित भू- रैयतों की बैठक रविवार को आईटीआई कॉलेज परिसर में हुई. बैठक में मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया. बैठक में उपस्थित भू- रैयत संघ के अध्यक्ष शत्रुध्न प्रसाद मंडल ने कहा कि मांगों को लेकर सीएम से लेकर सांसद- विधायक और डीसी से फरियाद लगाया जा चुका है. मगर अबतक मामले में कोई ठोस पहल नहीं हुए है. कहा कि अटका के 11 सौ भू- रैयतों का मुआयजा का मापदंड जो बनाया गया है वह गलत है. भू- रैयतों का आरोप है कि जीटी रोड़ सिक्स लेन के लिए सरकारी स्तर पर रोड़ किनारे की जमीन अधिग्रहित की जा रही है. मगर रोड़ किनारे की जमीन और मकान को भी सर्वे में कृषि दिखाया गया है. इसी का विरोध किया जा रहा है. भू- रैयतों का कहना है कि बगोदर प्रखंड के 28 गांवों होकर जीटी रोड़ गुजरा है. जहां 27 गांवों के प्रभावित भू- रैयतों को आवासीय दर पर मुआवजा का भुगतान तक कर दिया गया है. प्रखंड के अटका हीं एक ऐसा पंचायत है जहां रोड़ किनारे की जमीन को सर्वे में कृषि दर्शाया गया है और उसी के आधार पर मुआवजा राशि निर्धारित की गई है.भू- रैयतों ने दो टूक में कहा कि कृषि भूमि को आवासीय का दर्जा नहीं देने पर वे जान देंगे पर जमीन नहीं.


Conclusion:भू- रैयत
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