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Laborers in Malaysia: मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूर, सोशल मीडिया पर कहा- हमें बचाओ, यहां गुलाम बना लिया गया - मलेशिया में भारतीय

झारखंड से काम के लिए मलेशिया गए 30 मजदूरों पर आफत आ गई है. उनके वीजा की अवधि खत्म हो गई है और वे वतन वापसी नहीं कर पा रहे हैं. सोशल मीडिया पर उन्होंने अपने हालात की जानकारी दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार, मलेशिया में भारतीय दूतावास से गुहार लगाई है कि उन्हें बचाएं. मजदूरों ने कहा कि उन्हें मलेशिया में गुलाम बना लिया गया है.

laborers of Jharkhand in Malaysia trapped said on social media - save us here from slavery
मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूर
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Published : Feb 12, 2022, 9:27 PM IST

Updated : Feb 12, 2022, 9:53 PM IST

गिरिडीह: माली में फंसे झारखंड के सभी मजदूरों की वापसी अभी हो भी नहीं पाई थी कि झारखंड के तीन जिलों के 30 और मजदूरों के मलेशिया में फंसे होने का मामला सामने आ गया है. वहां फंसे प्रवासी मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर केंद्र एवं राज्य सरकार से वतन वापसी में सहयोग की अपील की है. मलेशिया में फंसे मजदूर गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं.

ये भी पढ़ें-Jharkhand Workers Trapped In Mali: 33 मजदूर में 6 की हुई घर वापसी

बता दें कि मलेशिया में फंसे गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के प्रवासी मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर बताया है कि वीजा अवधि समाप्त होने के बाद कंपनी उन्हें वतन भेजने में टाल मटोल कर रही है. मजदूरों ने केंद्र एवं राज्य सरकार से बकाया मजदूरी का भुगतान कराने एवं वतन वापसी में सहयोग करने की अपील की है. वहां फंसे मजदूरों ने सरकार वतन वापसी कराने की गुहार लगाई है. वहां फंसे मजदूरों में गिरिडीह जिले के बगोदर एवं डुमरी प्रखंड क्षेत्र के सात सहित बोकारो और हजारीबाग जिले के 30 प्रवासी मजदूर शामिल हैं.

देखें पूरी खबर

तीन साल के एग्रीमेंट के लिए गए थे मलेशिया, वीजा अवधि खत्मः प्रवासी मजदूरों ने दूसरे देशों में काम करने गए मजदूरों के लिए काम करने वाले सिकंदर अली को भी घटना की जानकारी दी है. मजदूरों ने बताया कि चार महीने से उन्हें मलेशिया में मजदूरी नहीं मिल रही है. इससे खाने- पीने और रहने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि तीन साल के एग्रीमेंट पर जनवरी 2019 में वे सभी मजदूर मलेशिया पहुंचे थे. तीन साल एग्रीमेंट की अवधि समाप्त होने के साथ वीजा अवधि भी समाप्त हो गई. इससे वहां गुलाम की तरह रहना पड़ रहा है.

ये फंसे मलेशिया मेंः प्रवासी मजदूरों ने बताया कि सभी मजदूर मलेशिया के कुआलालंपुर में लीड मास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएम बीएचडी कंपनी में काम कर रहे थे. वहां फंसे मजदूरों में गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के खेतको निवासी बासुदेव महतो, रामेश्वर महतो, बुधन महतो, विनोद कुमार महतो, डुमरी प्रखंड के मंगलुआहार निवासी बुधदेव प्रसाद, सेवाटांड निवासी देवानंद महतो, घुटवाली के विनोद महतो, बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के महुआटांड निवासी दुलारचंद महतो, भुनेश्वर कमार, झरी कमार, गोमिया प्रखंड के रोहित महतो, प्रेमलाल महतो सहित हजारीबाग जिले बिष्णुगढ़ प्रखंड के मजदूर शामिल हैं.

गिरिडीह: माली में फंसे झारखंड के सभी मजदूरों की वापसी अभी हो भी नहीं पाई थी कि झारखंड के तीन जिलों के 30 और मजदूरों के मलेशिया में फंसे होने का मामला सामने आ गया है. वहां फंसे प्रवासी मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर केंद्र एवं राज्य सरकार से वतन वापसी में सहयोग की अपील की है. मलेशिया में फंसे मजदूर गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं.

ये भी पढ़ें-Jharkhand Workers Trapped In Mali: 33 मजदूर में 6 की हुई घर वापसी

बता दें कि मलेशिया में फंसे गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के प्रवासी मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर बताया है कि वीजा अवधि समाप्त होने के बाद कंपनी उन्हें वतन भेजने में टाल मटोल कर रही है. मजदूरों ने केंद्र एवं राज्य सरकार से बकाया मजदूरी का भुगतान कराने एवं वतन वापसी में सहयोग करने की अपील की है. वहां फंसे मजदूरों ने सरकार वतन वापसी कराने की गुहार लगाई है. वहां फंसे मजदूरों में गिरिडीह जिले के बगोदर एवं डुमरी प्रखंड क्षेत्र के सात सहित बोकारो और हजारीबाग जिले के 30 प्रवासी मजदूर शामिल हैं.

देखें पूरी खबर

तीन साल के एग्रीमेंट के लिए गए थे मलेशिया, वीजा अवधि खत्मः प्रवासी मजदूरों ने दूसरे देशों में काम करने गए मजदूरों के लिए काम करने वाले सिकंदर अली को भी घटना की जानकारी दी है. मजदूरों ने बताया कि चार महीने से उन्हें मलेशिया में मजदूरी नहीं मिल रही है. इससे खाने- पीने और रहने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि तीन साल के एग्रीमेंट पर जनवरी 2019 में वे सभी मजदूर मलेशिया पहुंचे थे. तीन साल एग्रीमेंट की अवधि समाप्त होने के साथ वीजा अवधि भी समाप्त हो गई. इससे वहां गुलाम की तरह रहना पड़ रहा है.

ये फंसे मलेशिया मेंः प्रवासी मजदूरों ने बताया कि सभी मजदूर मलेशिया के कुआलालंपुर में लीड मास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएम बीएचडी कंपनी में काम कर रहे थे. वहां फंसे मजदूरों में गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के खेतको निवासी बासुदेव महतो, रामेश्वर महतो, बुधन महतो, विनोद कुमार महतो, डुमरी प्रखंड के मंगलुआहार निवासी बुधदेव प्रसाद, सेवाटांड निवासी देवानंद महतो, घुटवाली के विनोद महतो, बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के महुआटांड निवासी दुलारचंद महतो, भुनेश्वर कमार, झरी कमार, गोमिया प्रखंड के रोहित महतो, प्रेमलाल महतो सहित हजारीबाग जिले बिष्णुगढ़ प्रखंड के मजदूर शामिल हैं.

Last Updated : Feb 12, 2022, 9:53 PM IST
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