बगोदर, गिरिडीह: बगोदर में जेएसएलपीएस के द्वारा मूढ़ी बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. इसके लिए बगोदर में थ्री इन वन मशीन लगाई गई है. उक्त मशीन से मूढ़ी के अलावा चना और बादाम भी भुना जाएगा. डीजल और गैस दोनों से ही यह मशीन संचालित होती है. शुरुआती दौर में मूढ़ी को जेएसएलपीएस से जुड़ी स्वयं सहायता समूहों में इसे खपत किया जाएगा, यानी बिक्री की जाएगी. जब बाद में बड़े पैमाने पर मूढ़ी बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा, तब बाजार में भी इसकी बिक्री की जाएगी.
ट्रायल बेस्ड पर शुरू हुआ कामः बगोदर स्थित जेएसएलपीएस के मेन ऑफिस कैंपस में मूढ़ी बनाने का कार्य फिलहाल ट्रायल के रूप में किया जा रहा है. इसके लिए पांच महिलाएं और एक पुरुष को कार्य में लगाया गया है. पुरुष को मशीन ऑपरेट करने के काम में लगाया गया है, जबकि महिलाओं को तैयार मूढ़ी को पैकेजिंग करने के कार्य में लगाया गया है.
एसएचजी महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की कवायदः इस संबंध में जेएसएलपीएस की बगोदर बीपीएम पूनम कुमारी का कहना है कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का यह एक कदम है. अभी शुरुआती दौर में तो नहीं, लेकिन जब बड़े पैमाने पर मूढ़ी, बादाम और चना रोस्ट करने का काम शुरू हो जाएगा, तब स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए रोजगार का अवसर मिलेगा.
ट्रायल सक्सेस होने के बाद शुरू होगा बिक्री का कामः उन्होंने बताया कि फिलहाल तैयार मूढ़ी को महिला समूहों के बीच ही ट्रायल के रूप में खपत किया जाएगा, ताकि मूढ़ी में कोई कमी ना रह जाए, तब उसमें सुधार किया जा सके और बाजार में खपत कराने के फिर बड़े पैमाने पर इसे तैयार किया जा सके. चूंकि महिला समूह मार्केटिंग के लिए सबसा बड़ा साधन है. हमारे यहां 14 हजार महिलाएं जेएसएलपीएस से जुड़ी हुईं हैं.
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