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Jharkhand Workers in Mali: माली में फंसे मजदूरों की वापसी जल्द, दूतावास के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में फैसला

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Published : Jan 19, 2022, 10:32 AM IST

Updated : Jan 19, 2022, 11:03 AM IST

अफ्रीका के माली में झारखंड के 33 मजदूर फंसे हैं. इन मजदूरों की जल्द ही घर वापसी होगी. घर वापसी की गुहार लगाए जाने के बाद कंपनी, मजदूर और दूतावास के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई. जिसमें यह निर्णय लिया गया कि बकाया वेतन भुगतान करने के साथ साथ शीघ्र घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी.

Jharkhand trapped laborers in South Africa
दक्षिण अफ्रिका में फंसे मजदूर का मामला

गिरिडीहः अफ्रीका के माली में फंसे झारखंड के 33 मजदूरों की जल्द ही घर वापसी होगी. इसके साथ ही पांच दिनों के भीतर इन मजदूरों के बकाया वेतन में से 2 माह का वेतन भी दिया जाएगा. यह निर्णय माली के बमाको स्थित भारतीय दूतावास में झारखंड के प्रवासी मजदूरों, के एंड पी कंस्ट्रक्शन के सहायक प्रबंधक सत्य दुर्गा प्रसाद, भारतीय दूतावास के एचओसी वी विजय पांडेय और एसीओ राकेश कुमार दिवाकर के साथ हुई बैठक में लिया गया है. बैठक के दौरान कंपनी, दूतावास और मजदूर के बीच एक एग्रीमेंट हुआ, जिसपर कंपनी के अधिकारी, दूतावास के अधिकारी और मजदूर प्रतिनिधि रूपलाल महतो ने हस्ताक्षर किया है.

यह भी पढ़ेंः Workers Stuck in Mali: माली में फंसे मजदूरों की जल्द होगी वापसी, जनप्रतिनिधि भी हुए रेस, ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी खबर


गिरिडीह और हजारीबाग के 33 मजदूर एमएस के एंड पी कंस्ट्रक्शन के सेनिनकोरबा-बौगुनी सेक्शन प्रोजेक्ट में काम करने गए थे. 16 जनवरी को इन मजदूरों ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि उन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिल रहा है. इस स्थिति में हम मजदूर भारत वापस जाना चाहते हैं. इस वीडियो को बगोदर के सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने ईटीवी भारत की टीम को मुहैया कराया था, जिसे प्रमुखता से प्रसारित किया गया. इसके बाद मजदूरों के वतन वापसी को लेकर जनप्रतिनिधि प्रयास करने लगे. इसके साथ ही केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी पहल की है. केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इसको लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से बात की और पत्र भी लिखी. दूसरी तरफ गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने भी इसको लेकर विदेश मंत्री को पत्र लिखा, जिसकी जानकारी सांसद ने ट्विटर हैंडल के माध्यम से दी थी.

देखें पूरी खबर

वहीं, झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को निर्देश देकर मजदूरों की घर वापसी को लेकर आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य के मजदूर कहीं भी रहें, उनकी सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार तत्पर है. इसके अलावा शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, मंत्री चंपई सोरेन, जेएमएम विधायक सीता सोरेन, बीजेपी विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने भी ट्वीट कर मजदूरों की घर वापसी के लिए आवश्यक पहल करने की मांग की थी.

Jharkhand trapped laborers in South Africa
दुतावास में हुआ बैठक में लिया गया निर्णय

यह हुआ है निर्णय

• कंपनी मजदूरों के अक्टूबर और नवंबर के बकाया वेतन का भुगतान करेगी
• पांच दिनों के अंदर सामान्य मजदूर के खाते में 650 अमेरिकन डॉलर और सुपरवाइजर के बैंक खाते में 750 अमेरिकन डॉलर भेजेगी. रकम को इंडियन करेंसी में भेजा जाएगा. इस रकम में वेतन और भोजन चार्ज भी शामिल है.
• मजदूर इंद्रदेव ठाकुर के छह माह के बकाया रकम और फूडिंग चार्ज को लेकर 1950 अमेरिकन डॉलर का भुगतान भी पांच दिनों में कर दिया जाएगा.
• बमाको से रांची के लिए एयर टिकट की व्यवस्था कंपनी की ओर से जल्द से जल्द की जाएगी.
• बमाको से भारत के लिए सप्ताह में सिर्फ शनिवार को ही फ्लाइट उपलब्ध है. इस स्थिति में इस दौरान के भोजन की व्यवस्था कंपनी ही करेगी.

Jharkhand trapped laborers in South Africa
दुतावास में हुआ बैठक में लिया गया निर्णय

गिरिडीहः अफ्रीका के माली में फंसे झारखंड के 33 मजदूरों की जल्द ही घर वापसी होगी. इसके साथ ही पांच दिनों के भीतर इन मजदूरों के बकाया वेतन में से 2 माह का वेतन भी दिया जाएगा. यह निर्णय माली के बमाको स्थित भारतीय दूतावास में झारखंड के प्रवासी मजदूरों, के एंड पी कंस्ट्रक्शन के सहायक प्रबंधक सत्य दुर्गा प्रसाद, भारतीय दूतावास के एचओसी वी विजय पांडेय और एसीओ राकेश कुमार दिवाकर के साथ हुई बैठक में लिया गया है. बैठक के दौरान कंपनी, दूतावास और मजदूर के बीच एक एग्रीमेंट हुआ, जिसपर कंपनी के अधिकारी, दूतावास के अधिकारी और मजदूर प्रतिनिधि रूपलाल महतो ने हस्ताक्षर किया है.

यह भी पढ़ेंः Workers Stuck in Mali: माली में फंसे मजदूरों की जल्द होगी वापसी, जनप्रतिनिधि भी हुए रेस, ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी खबर


गिरिडीह और हजारीबाग के 33 मजदूर एमएस के एंड पी कंस्ट्रक्शन के सेनिनकोरबा-बौगुनी सेक्शन प्रोजेक्ट में काम करने गए थे. 16 जनवरी को इन मजदूरों ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि उन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिल रहा है. इस स्थिति में हम मजदूर भारत वापस जाना चाहते हैं. इस वीडियो को बगोदर के सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने ईटीवी भारत की टीम को मुहैया कराया था, जिसे प्रमुखता से प्रसारित किया गया. इसके बाद मजदूरों के वतन वापसी को लेकर जनप्रतिनिधि प्रयास करने लगे. इसके साथ ही केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी पहल की है. केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इसको लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से बात की और पत्र भी लिखी. दूसरी तरफ गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने भी इसको लेकर विदेश मंत्री को पत्र लिखा, जिसकी जानकारी सांसद ने ट्विटर हैंडल के माध्यम से दी थी.

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वहीं, झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को निर्देश देकर मजदूरों की घर वापसी को लेकर आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य के मजदूर कहीं भी रहें, उनकी सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार तत्पर है. इसके अलावा शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, मंत्री चंपई सोरेन, जेएमएम विधायक सीता सोरेन, बीजेपी विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने भी ट्वीट कर मजदूरों की घर वापसी के लिए आवश्यक पहल करने की मांग की थी.

Jharkhand trapped laborers in South Africa
दुतावास में हुआ बैठक में लिया गया निर्णय

यह हुआ है निर्णय

• कंपनी मजदूरों के अक्टूबर और नवंबर के बकाया वेतन का भुगतान करेगी
• पांच दिनों के अंदर सामान्य मजदूर के खाते में 650 अमेरिकन डॉलर और सुपरवाइजर के बैंक खाते में 750 अमेरिकन डॉलर भेजेगी. रकम को इंडियन करेंसी में भेजा जाएगा. इस रकम में वेतन और भोजन चार्ज भी शामिल है.
• मजदूर इंद्रदेव ठाकुर के छह माह के बकाया रकम और फूडिंग चार्ज को लेकर 1950 अमेरिकन डॉलर का भुगतान भी पांच दिनों में कर दिया जाएगा.
• बमाको से रांची के लिए एयर टिकट की व्यवस्था कंपनी की ओर से जल्द से जल्द की जाएगी.
• बमाको से भारत के लिए सप्ताह में सिर्फ शनिवार को ही फ्लाइट उपलब्ध है. इस स्थिति में इस दौरान के भोजन की व्यवस्था कंपनी ही करेगी.

Jharkhand trapped laborers in South Africa
दुतावास में हुआ बैठक में लिया गया निर्णय
Last Updated : Jan 19, 2022, 11:03 AM IST
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