ETV Bharat / state

Giridih News: झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन ने 60-40 नियोजन नीति का किया विरोध, बगोदर विधायक का मिला समर्थन - Support From MLA Against 60 40 Planning Policy

झारखंड में 60-40 फॉर्मूले पर लायी गई नियोजन नीति के विरोध में जेएसएसयू पूरे राज्य में अभियान चलाकर विधायकों से समर्थन प्राप्त कर रहा है. इसके तहत रविवार को छात्रों ने बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह का भी समर्थन प्राप्त किया.

http://10.10.50.75//jharkhand/21-May-2023/jh-gir-03-mang-patra-dry-jhc10019_21052023140838_2105f_1684658318_1010.jpg
Support From MLA Against 60 40 Planning Policy
author img

By

Published : May 21, 2023, 4:46 PM IST

बगोदर, गिरिडीह: झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन ने 60- 40 नियोजन नीति का एक बार फिर विरोध किया है. यूनियन ने इसे झारखंड के युवाओं की हकमार नीति की संज्ञा दी है. इस नीति का विरोध करते हुए यूनियन खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति बनाने की मांग कर रही है. इसके लिए विधायकों से 60-40 नियोजन नीति के खिलाफ समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर लिया जा रहा है और झारखंड के मूलवासियों और आदिवासियों के हित में नियोजन नीति बनाने की दिशा में पहल करने की मांग की जा रही है.

ये भी पढे़ं-Ranchi News: 60-40 नाय चलतो के समर्थन में जेएसएसयू का अभियान जारी, शिबू सोरेन और मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी छात्रों की मांग को बताया जायज

छात्रों ने बगोदर विधायक को पत्र सौंप कर मांगा समर्थनः इसी कड़ी में यूनियन से जुड़े लोगों ने रविवार को बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा है. पत्र के माध्यम से 60-40 नियोजन नीति को वापस लेने, क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा सुसज्जित खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति लागू कर झारखंड के सरकारी विभागों में मूलवासियों को नियुक्त कर प्राचीन पारंपारिक स्वशासन व्यवस्था, पर्व-त्योहार, भाषा-संस्कृति, रीति-रिवाज का संरक्षण के लिए विधायक से समर्थन की मांग की गई है.

60-40 नियोजन नीति को वापस लेने की मांगः पत्र के माध्यम से छात्रों ने कहा कि वर्तमान झारखंड सरकार के द्वारा राज्य के सभी तृतीय और चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति के लिए डॉ. रामदयाल मुंडा की रिपोर्ट 1980 के क्षेत्रीय और जनजातीय बैरियर को ध्वस्त करते हुए 2016 से पूर्व 60-40 यानि हकमार नियोजन नीति को लागू कर दिया गया है. वर्तमान नियुक्ति विज्ञापन में झारखंड शब्द का जिक्र भी नहीं है और नियोजन फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक भी नहीं मांगा जा रहा है. जिससे राज्य के विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 3.52 लाख खाली पदों पर बाहरियों का अतिक्रमण होने जा रहा है.

नई नियोजन नीति को जल, जंगल और जमीन के लिए खतरा बतायाः छात्रों ने कहा कि 60-40 नियोजन नीति से झारखंड की मूल प्राचीन पारंपारिक, स्वशासन व्यवस्था, पर्व-त्योहार, भाषा-संस्कृति, रीति-रिवाज, जल, जंगल और जमीन के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. विधायक से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपने वालों में यूनियन से जुड़े लोगों में मुख्य रूप से दिनेश साहू, छात्र छोटन प्रसाद, मुखिया तुलसी महतो, जितेंद्र कुमार, कुलदीप महतो, माही पटेल, मनोहर माली, दिनेश महतो, सिकंदर अली, त्रिभुवन महतो, उमेश वर्मा समेत कई लोग मौजूद रहे.

बगोदर, गिरिडीह: झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन ने 60- 40 नियोजन नीति का एक बार फिर विरोध किया है. यूनियन ने इसे झारखंड के युवाओं की हकमार नीति की संज्ञा दी है. इस नीति का विरोध करते हुए यूनियन खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति बनाने की मांग कर रही है. इसके लिए विधायकों से 60-40 नियोजन नीति के खिलाफ समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर लिया जा रहा है और झारखंड के मूलवासियों और आदिवासियों के हित में नियोजन नीति बनाने की दिशा में पहल करने की मांग की जा रही है.

ये भी पढे़ं-Ranchi News: 60-40 नाय चलतो के समर्थन में जेएसएसयू का अभियान जारी, शिबू सोरेन और मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी छात्रों की मांग को बताया जायज

छात्रों ने बगोदर विधायक को पत्र सौंप कर मांगा समर्थनः इसी कड़ी में यूनियन से जुड़े लोगों ने रविवार को बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा है. पत्र के माध्यम से 60-40 नियोजन नीति को वापस लेने, क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा सुसज्जित खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति लागू कर झारखंड के सरकारी विभागों में मूलवासियों को नियुक्त कर प्राचीन पारंपारिक स्वशासन व्यवस्था, पर्व-त्योहार, भाषा-संस्कृति, रीति-रिवाज का संरक्षण के लिए विधायक से समर्थन की मांग की गई है.

60-40 नियोजन नीति को वापस लेने की मांगः पत्र के माध्यम से छात्रों ने कहा कि वर्तमान झारखंड सरकार के द्वारा राज्य के सभी तृतीय और चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति के लिए डॉ. रामदयाल मुंडा की रिपोर्ट 1980 के क्षेत्रीय और जनजातीय बैरियर को ध्वस्त करते हुए 2016 से पूर्व 60-40 यानि हकमार नियोजन नीति को लागू कर दिया गया है. वर्तमान नियुक्ति विज्ञापन में झारखंड शब्द का जिक्र भी नहीं है और नियोजन फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक भी नहीं मांगा जा रहा है. जिससे राज्य के विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 3.52 लाख खाली पदों पर बाहरियों का अतिक्रमण होने जा रहा है.

नई नियोजन नीति को जल, जंगल और जमीन के लिए खतरा बतायाः छात्रों ने कहा कि 60-40 नियोजन नीति से झारखंड की मूल प्राचीन पारंपारिक, स्वशासन व्यवस्था, पर्व-त्योहार, भाषा-संस्कृति, रीति-रिवाज, जल, जंगल और जमीन के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. विधायक से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपने वालों में यूनियन से जुड़े लोगों में मुख्य रूप से दिनेश साहू, छात्र छोटन प्रसाद, मुखिया तुलसी महतो, जितेंद्र कुमार, कुलदीप महतो, माही पटेल, मनोहर माली, दिनेश महतो, सिकंदर अली, त्रिभुवन महतो, उमेश वर्मा समेत कई लोग मौजूद रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.