गिरिडीहः तिसरी प्रखंड के दो सगे भाई चंदन वर्णवाल व अंशु वर्णवाल की हत्या के एक वर्ष बीत चुका है. हत्याकांड गिरिडीह व बिहार की सीमा पर स्थित बिहार के जमुई जिले के खैरा थाना क्षेत्र में हुआ था और इस मामले में खैरा में ही प्राथमिकी दर्ज हुई थी. प्राथमिकी के बाद कुछ दिनों तक पुलिस एक्टिव भी रही और दो आरोपियों को जेल भी भेज दिया लेकिन पूरे घटना का मुख्य आरोपी कथित बाबा प्रभाकर मंडल व देवा रविदास अबतक पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका है. समय गुजरते ही पुलिस भी इस मामले पर विशेष ध्यान नहीं दे रही है. अब तो परिजन भी पुलिस की कार्यशैली से निराश हो चुके हैं.
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पुलिस रही लापरवाहः मृतक की पत्नी प्रिया वर्णवाल कहती हैं कि दोनों राज्यों की पुलिस ने लापरवाही बरती है. वो कहती हैं कि 22 जून 2021 को उनके पति व देवर लापता हुए तो पुलिस से शिकायत भी की गई लेकिन इस शिकायत को काफी हल्के में लिया गया. 21 जुलाई 2022 को उसके पति व देवर का कंकाल खैरा थाना इलाके के मेनवा जंगल में मिला था. इसके बाद भी पुलिस कभी भी मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने का प्रयास नहीं की.
लाखों की ठगी कर चुका है प्रभाकरः बताया गया कि इस हत्याकांड को ठग बाबा प्रभाकर मंडल ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था, शुरू से प्रभाकर पर शक था. कंकाल मिलने से पहले एक बार तिसरी की पुलिस ने प्रभाकर को पकड़ कर लाया भी था लेकिन उसे छोड़ दिया गया. इसके बाद यह साफ हो गया कि मेरे पति व देवर की हत्या कर दी गई है तब जाकर फिर से प्रभाकर को ढूंढने में पुलिस जुटी थी. समय बीतने के बाद तो पुलिस इस मामले पर कुछ बात भी नहीं करना चाहती. मृतकों के परिजनों ने बताया कि प्रभाकर बाबा पैसा डबल करने के नाम पर कइयों से ठगी कर चुका है. पैसा डबल करने का लोभ देकर चंदन व अंशु को भी फांसा और बाद में हत्या कर दी.
जेल गए आरोपियों ने उगले थे कई राजः यहां बता दें कि इस हत्याकांड में एफआईआर के बाद गिरफ्तार हुए कारू मियां व दिवाकर मंडल ने पुलिसिया पूछताछ में कई राज उगले थे. यह भी बताया था कि पैसे के लेनदेन में ही सगे भाइयों की हत्या हुई थी. दोनों में ठग बाबा प्रभाकर का भी राज उगल दिया था लेकिन इसके बाद भी पुलिस के हाथ खाली है.