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Jagarnath Mahato Passed Away: जगरनाथ महतो ने डुमरी का चार बार किया प्रतिनिधित्व, बदल डाली उग्रवाद प्रभावित इलाके की तश्वीर

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Published : Apr 6, 2023, 11:59 AM IST

झारखंड लोकप्रिय मंत्री जगरनाथ महतो नहीं रहे. उनके निधन पर क्षेत्र के लोग काफी दुखी हैं. उनके द्वारा किए हुए कार्यों को याद कर रहे हैं. क्षेत्र में शोक की लहर है.

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गिरिडीहः जिले के डुमरी विधानसभा क्षेत्र का लगातार चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके जागरनाथ महतो अब इस दुनिया में नहीं रहे. सूबे के शिक्षा मंत्री रहे जागरनाथ महतो ने हनुमान जन्मोत्सव जैसे शुभ दिन में अंतिम सांस ली है. उनके निधन से राज्य के लोग दुखी हैं. सबसे ज्यादा दुखी डुमरी की जनता है. अपने क्षेत्र में विकास पुरुष के तौर पर जाने जाने वाले जागरनाथ के निधन की खबर से डुमरी के लोगों की आंखें नम हो गई हैं. लोग उनके द्वारा किए गए कार्य को याद कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः Jagarnath Mahato Passed Away: संघर्षशील जगरनाथ महतो के टाइगर बनने की कहानी

जहां नक्सलियों की चलती है समानांतर सरकार, वहां विकास की खींच दी लकीरः दिवंगत मंत्री जागरनाथ महतो की लोकप्रियता यूं ही नहीं है. उनके लोकप्रिय होने के पीछे बड़ी वजह क्षेत्र की जनता के प्रति उनका समर्पण रहा है. क्षेत्र की जनता के प्रति 24 घंटे तत्पर रहने वाले जागरनाथ ने पूरे विधानसभा क्षेत्र में विकास के कई काम किए. जो इलाका नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का गढ़ रहा. जहां विकास की योजनाओं को संचालित करना प्रशासन के लिए चुनौती रही, उस इलाके में सड़क - शिक्षा के साथ साथ अन्य व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे रहे.

शिक्षा से ही बदलाव लाया जा सकता हैः जगरनाथ महतो का सबसे बड़ा योगदान शिक्षा के क्षेत्र में रहा है. वे लोगों को पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहे. वे जहां भी जाते तो बच्चों से यही कहते कि शिक्षा से ही बदलाव हो सकता है. व्यवस्था को सुधारना है तो सभी को शिक्षित होना पड़ेगा. जगरनाथ महतो का सबसे अधिक ध्यान बच्चों, विशेष तौर पर बच्चियों की शिक्षा पर रहा था. गांव गांव की बच्चियां सुरक्षित होकर अपने आसपास के इलाके में ही बेहतर शिक्षा पा सके इसे लेकर वे हमेशा तत्पर रहे. अपने क्षेत्र में कई उच्च विद्यालय, कॉलेज को स्थापित करवाया. कहा जाए तो जागरनाथ महतो अब नहीं रहे लेकिन उनकी यादें हमेशा कायम रहेंगी.

गिरिडीहः जिले के डुमरी विधानसभा क्षेत्र का लगातार चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके जागरनाथ महतो अब इस दुनिया में नहीं रहे. सूबे के शिक्षा मंत्री रहे जागरनाथ महतो ने हनुमान जन्मोत्सव जैसे शुभ दिन में अंतिम सांस ली है. उनके निधन से राज्य के लोग दुखी हैं. सबसे ज्यादा दुखी डुमरी की जनता है. अपने क्षेत्र में विकास पुरुष के तौर पर जाने जाने वाले जागरनाथ के निधन की खबर से डुमरी के लोगों की आंखें नम हो गई हैं. लोग उनके द्वारा किए गए कार्य को याद कर रहे हैं.

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जहां नक्सलियों की चलती है समानांतर सरकार, वहां विकास की खींच दी लकीरः दिवंगत मंत्री जागरनाथ महतो की लोकप्रियता यूं ही नहीं है. उनके लोकप्रिय होने के पीछे बड़ी वजह क्षेत्र की जनता के प्रति उनका समर्पण रहा है. क्षेत्र की जनता के प्रति 24 घंटे तत्पर रहने वाले जागरनाथ ने पूरे विधानसभा क्षेत्र में विकास के कई काम किए. जो इलाका नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का गढ़ रहा. जहां विकास की योजनाओं को संचालित करना प्रशासन के लिए चुनौती रही, उस इलाके में सड़क - शिक्षा के साथ साथ अन्य व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे रहे.

शिक्षा से ही बदलाव लाया जा सकता हैः जगरनाथ महतो का सबसे बड़ा योगदान शिक्षा के क्षेत्र में रहा है. वे लोगों को पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहे. वे जहां भी जाते तो बच्चों से यही कहते कि शिक्षा से ही बदलाव हो सकता है. व्यवस्था को सुधारना है तो सभी को शिक्षित होना पड़ेगा. जगरनाथ महतो का सबसे अधिक ध्यान बच्चों, विशेष तौर पर बच्चियों की शिक्षा पर रहा था. गांव गांव की बच्चियां सुरक्षित होकर अपने आसपास के इलाके में ही बेहतर शिक्षा पा सके इसे लेकर वे हमेशा तत्पर रहे. अपने क्षेत्र में कई उच्च विद्यालय, कॉलेज को स्थापित करवाया. कहा जाए तो जागरनाथ महतो अब नहीं रहे लेकिन उनकी यादें हमेशा कायम रहेंगी.

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