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गिरिडीह: ईसरी बस्ती में जलमीनार पर अवैध कब्जा, शिकायत मिलने पर पहुंचे डीपीआरओ - गिरिडीह ईसरी बस्ती में जलमीनार

ईसरी उत्तरी पंचायत स्थित ईसरी बस्ती में 14वीं वित्त आयोग की राशि से बने जल मीनार पर एक व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की, जिसके बाद गांव पहुंचकर डीपीआरओ ने जांच की और कार्रवाई की बात कही.

Illegal occupation of Jalminar in Isri Basti giridih
जलमीनार
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Published : Sep 25, 2020, 11:42 AM IST

डुमरी, गिरीडीह: गुरुवार को डीपीआरओ ईसरी बस्ती पहुंचे. उन्हें शिकायत मिली थी कि गांव में बने जल मीनार पर एक व्यक्ति जबरन कब्जा कर लिया है. जिस कारण आमलोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.

गांव पहुंचकर डीपीआरओ ने इस मामले की जानकारी ली और जल मीनार का भौतिक सत्यापन किया. जांच के दौरान डीपीआरओ ने निरिक्षण के दौरान पाया कि एक व्यक्ति के द्वारा जल मीनार को मनमाने तरीके से अपने चाहरदीवारी के अंदर किया गया है. जल मीनार के चाहरदीवारी के अंदर होने से इसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल रहा है. प्रमुख के अनुसार, डीपीआरओ ने इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने और जलमीनार को सार्वजनिक उपयोग में लाने की बात कही है.

ये भी पढे़ं: शिक्षकों को पढ़ाने के लिए भेजे गांव, रोस्टर पर स्कूल खोलने से बेहतर होगा ये उपाय: शिक्षा मंत्री

बता दें कि इसके पहले इस संबंध में स्थानीय लोगों ने डुमरी बीडीओ को लिखित शिकायत कर मामले की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी. इस संबंध में पूछे जाने पर बीडीओ सोमनाथ बंकिरा ने बताया कि शिकायत सही पाया गया है, जिस स्थान पर जलमीनार बनाया गया है. वहां पहले सरकारी चापाकल था, जिसका उपयोग ग्रामीण करते थे. बाद में उसी चापाकल पर जलमीनार का निर्माण किया गया और उसे चाहरदीवारी के अंदर कर लिया गया. जमीन की मापी करवाने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

डुमरी, गिरीडीह: गुरुवार को डीपीआरओ ईसरी बस्ती पहुंचे. उन्हें शिकायत मिली थी कि गांव में बने जल मीनार पर एक व्यक्ति जबरन कब्जा कर लिया है. जिस कारण आमलोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.

गांव पहुंचकर डीपीआरओ ने इस मामले की जानकारी ली और जल मीनार का भौतिक सत्यापन किया. जांच के दौरान डीपीआरओ ने निरिक्षण के दौरान पाया कि एक व्यक्ति के द्वारा जल मीनार को मनमाने तरीके से अपने चाहरदीवारी के अंदर किया गया है. जल मीनार के चाहरदीवारी के अंदर होने से इसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल रहा है. प्रमुख के अनुसार, डीपीआरओ ने इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने और जलमीनार को सार्वजनिक उपयोग में लाने की बात कही है.

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बता दें कि इसके पहले इस संबंध में स्थानीय लोगों ने डुमरी बीडीओ को लिखित शिकायत कर मामले की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी. इस संबंध में पूछे जाने पर बीडीओ सोमनाथ बंकिरा ने बताया कि शिकायत सही पाया गया है, जिस स्थान पर जलमीनार बनाया गया है. वहां पहले सरकारी चापाकल था, जिसका उपयोग ग्रामीण करते थे. बाद में उसी चापाकल पर जलमीनार का निर्माण किया गया और उसे चाहरदीवारी के अंदर कर लिया गया. जमीन की मापी करवाने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

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