गिरिडीह: पारसनाथ को नक्सल मुक्त करने के लिए अभियान को गति देने का काम किया जाएगा. इसे लेकर पुलिस और सीआरपीएफ ने मंथन किया है. शनिवार को मधुबन के कल्याण निकेतन स्थित सीआरपीएफ 154वीं बटालियन के कैंप में महत्वपूर्ण बैठक की गई है. यह बैठक आईजी ऑपरेशन झारखंड अमोल वेनुकांत होमकर ने ली है.
बैठक में हजारीबाग डीआईजी, बोकारो डीआईजी और सीआरपीएफ के अलग अलग तीन बटालियन के कमांडेंट, गिरिडीह और बोकारो के एसपी के साथ कई पुलिस अधिकारी शामिल थे. बैठक में मुख्य रूप से नक्सल अभियान पर चर्चा की गयी.
वर्तमान में चल रहे नक्सल अभियान की समीक्षा भी आईजी अभियान ने की. इस क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों को कैसे पकड़ा जाए. इस पर भी मंथन हुआ. इस दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों के बारे में भी जानकारी ली गई. किन किन इलाकों में सड़क बन रही है, इसके बारे में भी आईजी होमकर ने अधिकारियों से पूछा.
कई बिंदुओं पर की गई समीक्षा: आईजी अमोल वेणुकांत होमकर ने बताया कि बैठक में नक्सलियों से जुड़े कई बिंदुओं की समीक्षा की गई है. वहीं अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिया गया है. उन्होंने बताया कि पारसनाथ में चल रहे विकास कार्यों की भी जानकारी ली गई है. बैठक में सीआरपीएफ सातवीं बटालियन के कमांडेट कपिंग गिल, 154वीं बटालियन के कमांडेट अच्यूतानंद, गिरिडीह एसपी अमित रेणु, एएसपी अभियान गुलशन तिर्की, डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार आदि शामिल थे.
आस्था का केंद्र पारसनाथ: बता दें कि पारसनाथ का इलाका जैन धर्म के साथ ही आदिवासियों के लिए भी आस्था का केंद्र है. लेकिन इसके जंगलों में नक्सलियों ने डेरा डाल रखा है. पुलिस के अभियान में नक्सलियों को कई हिस्सों से खदेड़ा जा चुका है, लेकिन कुछ नक्सली अभी भी बचे हुए हैं. जिन्हें पकड़ने और मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जा रही है.