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गिरिडीह: बारिश की वजह से दो चेक डैम टूटे, दो महीने पहले ही हुआ था निर्माण

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Published : Aug 14, 2019, 10:08 AM IST

गिरिडीह के डुमरी प्रखंड में 2 माह पहले बने मिट्टी के 2 चेक डैम बारिश में बह गए. चेक डैम टूटने के कारण पानी के तेज बहाव में रास्ते में आने वाले 2 घर बह गए. चेक डैम के टूटने की इस घटना से उसके निर्माण में अनियमितता की बात कही जा रही है.

चेक-डैम

गिरिडीह: डुमरी प्रखंड के माकन गांव में वन विभाग के बनाए गए 2 मिट्टी के चेक डैम बारिश के दौरान बह गए. जिसकी वजह से पानी का बहाव तेज हो गया. जिसकी चपेट में 2 घर और 8 मवेशी आ गए.

देखें पूरी खबर

डैम का निर्माण गिरिडीह पूर्वी वन प्रमंडल के वन पर्यावरण और जलवायु परिर्वतन विभाग ने 2 माह पहले ही कराया था. 6-6 लाख की लागत से मरघटिया नाला में बनाये गये चेक डैम के बहने से कार्य की गुणवत्ता पर सवालिया निशान उठने लगे हैं.

जानकारी के अनुसार पिछले दिनों हुई बारिश के कारण नाले से पानी का बहाव तेज होने के कारण मिट्टी से बने दोनों बांध टूट गये. बांध के टूटते ही नाले में पानी का बहाव काफी तेज हो गया. जिससे पानी ने अपने रास्ते में आने वाली सभी पेड़-पौधे को तहस-नहस कर दिया. इससे कई खेतों में लगे धान की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है.

डैम के टूटने के बाद पानी सड़क पार बने घर में घुस गया और अपने साथ सबकुछ बहा ले गया. जिसमें माकन गांव निवासी बालेश्वर महतो और रामेश्वर महतो के घर क्षतिग्रस्त हो गए. जिसमें 8 मवेशी समेत घर के सारे अनाज बह गए. इस बात की सूचना होने पर वन विभाग के कर्मी और पंचायत की मुखिया कौशल्या ने गांव पहुंचकर परिवार के सदस्यों से मुलाकत की. मुखिया ने दोनों पीड़ित परिवार को 25-25 किलो चावल और 500-500 रुपये का सहयोग किया.

ये भी पढ़ें:- रांची: मोरहाबादी मैदान में हुआ फुल ड्रेस रिहर्सल, जानिए 15 अगस्त का रूट चार्ट


क्या कहते हैं रेंजर

इस संबंध में पूछे जाने पर रेंजर राजीव रंजन ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर दोनों चैक डैम का निर्माण कराया गया था. प्राक्कलित राशि के अनुसार डैम का निर्माण 180 फीट करना था. लेकिन इस डैम को 210 फीट का बनवाया था. तेज बारिश में डैम का करीब 20 फीट हिस्सा पानी के तेज बहाव में बह गया और बाद में दोनों बांध टूट गए. विभाग के द्वारा घरवालों के हुए नुकसान का जायजा लिया गया है. नुकसान की भरपाई कराई जाएगी.

गिरिडीह: डुमरी प्रखंड के माकन गांव में वन विभाग के बनाए गए 2 मिट्टी के चेक डैम बारिश के दौरान बह गए. जिसकी वजह से पानी का बहाव तेज हो गया. जिसकी चपेट में 2 घर और 8 मवेशी आ गए.

देखें पूरी खबर

डैम का निर्माण गिरिडीह पूर्वी वन प्रमंडल के वन पर्यावरण और जलवायु परिर्वतन विभाग ने 2 माह पहले ही कराया था. 6-6 लाख की लागत से मरघटिया नाला में बनाये गये चेक डैम के बहने से कार्य की गुणवत्ता पर सवालिया निशान उठने लगे हैं.

जानकारी के अनुसार पिछले दिनों हुई बारिश के कारण नाले से पानी का बहाव तेज होने के कारण मिट्टी से बने दोनों बांध टूट गये. बांध के टूटते ही नाले में पानी का बहाव काफी तेज हो गया. जिससे पानी ने अपने रास्ते में आने वाली सभी पेड़-पौधे को तहस-नहस कर दिया. इससे कई खेतों में लगे धान की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है.

डैम के टूटने के बाद पानी सड़क पार बने घर में घुस गया और अपने साथ सबकुछ बहा ले गया. जिसमें माकन गांव निवासी बालेश्वर महतो और रामेश्वर महतो के घर क्षतिग्रस्त हो गए. जिसमें 8 मवेशी समेत घर के सारे अनाज बह गए. इस बात की सूचना होने पर वन विभाग के कर्मी और पंचायत की मुखिया कौशल्या ने गांव पहुंचकर परिवार के सदस्यों से मुलाकत की. मुखिया ने दोनों पीड़ित परिवार को 25-25 किलो चावल और 500-500 रुपये का सहयोग किया.

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क्या कहते हैं रेंजर

इस संबंध में पूछे जाने पर रेंजर राजीव रंजन ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर दोनों चैक डैम का निर्माण कराया गया था. प्राक्कलित राशि के अनुसार डैम का निर्माण 180 फीट करना था. लेकिन इस डैम को 210 फीट का बनवाया था. तेज बारिश में डैम का करीब 20 फीट हिस्सा पानी के तेज बहाव में बह गया और बाद में दोनों बांध टूट गए. विभाग के द्वारा घरवालों के हुए नुकसान का जायजा लिया गया है. नुकसान की भरपाई कराई जाएगी.

Intro:गिरिडीह/डुमरी. डुमरी प्रखंड के माकन में वन विभाग द्वारा निर्माण कराया गया दो मिट्टी का चेकडैम बारिश के दौरान बह गया. चेकडैम के टूटने से पानी के तेज बहाव के कारण दो घरो में बंधा आठ मवेशी व डेढ़ दर्जन मुर्गी भी पानी के साथ बह गया. बताया जाता है कि डैम का निर्माण गिरिडीह पुर्वी वन प्रमंडल के वन पर्यावरण एंव जलवायु परिर्वतन विभाग ने दो माह पूर्व ही कराया था. छ:-छ: लाख की लागत से मरघटिया नाला में बनाया गया चेकडैम के बहने से कार्य की गुणवत्ता पर सवालिया निशान उठने लगा है. Body:बताया जाता है कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण नाला में जल का बहाव तेज हो गया और मिट्टी से निमार्ण कराया गया दोनों डैम का बांध टुट गया. डैम के टुटते ही नाला में पानी का बहाव काफी तेज हो गया और पानी अपने मार्ग में पङनेवाले पेङ को जङ समेत उखाङ डाला. इससे कई खेतों में लगे धान की फसल को भी नुकसान हुआ है. नाला में जल स्तर बढ़ने और नाला का एक छोर टुटने के बाद नाला का पानी रास्ते में बने सड़क को पार करते हुए माकन निवासी बालेश्वर महतो और रामेश्वर महतो के घर में घुस गया. पानी दोनों के घरों में तीन फुट तक जा घुसा था. घर में पानी के घुसते ही घर के सभी सदस्य घर से भाग कर अपनी जान बचाई. हालांकि इस दौरान गोहाल में बंधा बालेश्वर महतो का एक गाय, एक बछड़ा, चार बकरा व एक दर्जन मुर्गी सहित घर में रखा चार क्विंटल चावल, दो क्विंटल महुआ, 50 किलो आलू, 50 किलो प्याज, एक पेटी खाद्य भी बह गया. इसी तरह रामेश्वर महतो के घर से दो बकरा और 4 मुर्गी सहित 4 क्विंटल चावल, 50 किलो आलू, 50 किलो प्याज, डेढ़ क्विंटल महुआ, एक पेटी खाद्य बह गया.Conclusion:परिवार वालों के अनुसार अचानक उनके घर में पानी भरने लगा पहले तो दोनों परिवार वालों ने सोचा की बरिश का पानी है लेकिन घर में बढ़ते जल स्तर को देख कर जब वे बहार निकाले तो देखा की नाला का पानी तेज बहाव के साथ उनके घर में घुस रहा है. तब जाकर परिवार के सभी सदस्य अपने घरों से भाग कर अपनी जान बचाई.

इस बात की सूचना होने पर वन विभाग के कर्मी और पंचायत की मुखिया कौशल्या देवी अपने पति जगदिश महतो के साथ गांव पहुच कर परिवार के सदस्यों मुलाकत कर नुकासन की जानकरी प्राप्त किया. इस दौरान मुखिया ने दोनों परिवार के सदस्यों को अपनी और से 25-25 किलो चावल और पांच-पांच सौ रुपया सहयोग दिया.
क्या कहते हैं रेंजर
इस संबंध में पुछे जाने पर रेंजर राजीव रंजन ने कहा कि जल संरक्षण को लेकर दोनों चैक डैम का निमार्ण कराया गया था. प्राक्कलित राशि के अनुसार डैम का निमार्ण कार्य 180 फिट करना था लेकिन मैने इस डैम को 210 फीट बनवा दिया था. डैम का करीब 20 फीट हिस्सा पानी की तेज बहाव में बह गया. विभाग के द्वारा घर वालों के हुए नुकसान का जायजा लिया गया है नुकसान की भरपाई करायी जायेगी.
बाईट 1: जगदीश महतो
बाइट 2 : बालेश्वर महतो
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बाइट 3: राजीव रंजन, रेंजर
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