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दिव्यांग दिवस विशेष: गिरिडीह के संतोष और महेश लोगों के लिए बने एक मिसाल - बगोदर में मनाया दिव्यांग दिवस

देश-विदेश में आज दिव्यांग दिवस मनाया जा रहा है. देश दुनिया में कई ऐसे विकलांग हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा और सराहनीय कार्य से नाम रोशन किया है. बगोदर में भी कुछ ऐसे दिव्यांग हैं जो लोगों के लिए एक मिसाल बने हुए हैं.

handicapped day being celebrated in Giridih
दिव्यांग दिवस आज
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Published : Dec 3, 2019, 5:03 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 9:50 PM IST

बगोदर/गिरिडीहः आज दुनिया भर में दिव्यांग दिवस मनाया जा रहा है. बगोदर में कुछ ऐसे भी दिव्यांग हैं, जिनके कार्यों के लोग कायल हैं. शारीरिक रुप से लाचार होने के बावजूद भी संतोष कुमार और महेश कुमार महतो यहां दूसरे लोगों को सशक्त बनाने में जुटे हुए हैं.

देखें पूरी खबर

संतोष करते हैं सराहनीय कार्य
संतोष कुमार बगोदर के खटैया गांव और महेश घाघरा गांव के रहने वाले हैं. इनकी कहानी कुछ अलग ही है. इनके कार्यों का न सिर्फ दिव्यांग वर्ग के बल्कि आम लोग भी कायल हैं. संतोष अच्छे से चलने और बोलने में असमर्थ हैं, लेकिन ये दिव्यांगों को शिक्षा बांटने का कम कर हैं. ये समय-समय पर अपने वर्ग के लोगों के बीच पाठ्य सामग्री, गर्म कपड़े, स्कूल बैग आदि का वितरण भी करते हैं. संतोष कुमार आम लोगों से मदद लेकर अपने वर्ग के लोगों के लिए इस तरह का सराहनीय कार्य कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- गिरिडीह में पति-पत्नी के बीच चल रहे विवाद निपटारे को बैठी पंचायत, आरोप-प्रत्यारोप से उबले लोगों ने जमकर की मारपीट

संतोष सोशल साइट के जरिये भी मांगते हैं मदद
संतोष सोशल साइट के जरिये भी अपने दोस्तों से सहयोग के लिए रिक्वेस्ट करते हैं और पैसे जुटाते हैं. इनके हौसलों को उड़ान भरने में इनकी पत्नी पंख लगाने का काम करती हैं. वो हमेशा उनके सभी कामों में बढ़चढ़कर साथ देती है.

महेश की भी है अनोखी कहानी
वहीं, दिव्यांग महेश कुमार महतो दोनों पैर से चलने में असमर्थ हैं, लेकिन उन्होंने किसी तरह से कॉलेज पहुंचकर एमए तक की पढ़ाई पूरी की और गांव के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. इसी दौरान गांव में ईजीएस केंद्र खुला जहां ग्राम सभा में पारा शिक्षक के रूप में उनका चयन हुआ, जिसके बाद उन्होंने अपनी सुविधा के लिए थ्री व्हीलर बाइक खरीदा और अब उसी से इधर-उधर जाकर अपना और विभागीय कार्यों का निपटारा करते हैं. महेश कहते हैं कि मन में उत्साह और उमंग हो तो कोई भी कार्य आसान हो जाता है. उन्होंने अपनी सफलता में दिव्यांगता को कभी भी बाधा नहीं बनने दिया. उसी तरह दिव्यांग मो सबिर ने भी सभी बाधाओं से मुकाबला करते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की है और वर्तमान में एक प्राईवेट स्कूल में शिक्षक हैं.

बगोदर/गिरिडीहः आज दुनिया भर में दिव्यांग दिवस मनाया जा रहा है. बगोदर में कुछ ऐसे भी दिव्यांग हैं, जिनके कार्यों के लोग कायल हैं. शारीरिक रुप से लाचार होने के बावजूद भी संतोष कुमार और महेश कुमार महतो यहां दूसरे लोगों को सशक्त बनाने में जुटे हुए हैं.

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संतोष करते हैं सराहनीय कार्य
संतोष कुमार बगोदर के खटैया गांव और महेश घाघरा गांव के रहने वाले हैं. इनकी कहानी कुछ अलग ही है. इनके कार्यों का न सिर्फ दिव्यांग वर्ग के बल्कि आम लोग भी कायल हैं. संतोष अच्छे से चलने और बोलने में असमर्थ हैं, लेकिन ये दिव्यांगों को शिक्षा बांटने का कम कर हैं. ये समय-समय पर अपने वर्ग के लोगों के बीच पाठ्य सामग्री, गर्म कपड़े, स्कूल बैग आदि का वितरण भी करते हैं. संतोष कुमार आम लोगों से मदद लेकर अपने वर्ग के लोगों के लिए इस तरह का सराहनीय कार्य कर रहे हैं.

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संतोष सोशल साइट के जरिये भी मांगते हैं मदद
संतोष सोशल साइट के जरिये भी अपने दोस्तों से सहयोग के लिए रिक्वेस्ट करते हैं और पैसे जुटाते हैं. इनके हौसलों को उड़ान भरने में इनकी पत्नी पंख लगाने का काम करती हैं. वो हमेशा उनके सभी कामों में बढ़चढ़कर साथ देती है.

महेश की भी है अनोखी कहानी
वहीं, दिव्यांग महेश कुमार महतो दोनों पैर से चलने में असमर्थ हैं, लेकिन उन्होंने किसी तरह से कॉलेज पहुंचकर एमए तक की पढ़ाई पूरी की और गांव के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. इसी दौरान गांव में ईजीएस केंद्र खुला जहां ग्राम सभा में पारा शिक्षक के रूप में उनका चयन हुआ, जिसके बाद उन्होंने अपनी सुविधा के लिए थ्री व्हीलर बाइक खरीदा और अब उसी से इधर-उधर जाकर अपना और विभागीय कार्यों का निपटारा करते हैं. महेश कहते हैं कि मन में उत्साह और उमंग हो तो कोई भी कार्य आसान हो जाता है. उन्होंने अपनी सफलता में दिव्यांगता को कभी भी बाधा नहीं बनने दिया. उसी तरह दिव्यांग मो सबिर ने भी सभी बाधाओं से मुकाबला करते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की है और वर्तमान में एक प्राईवेट स्कूल में शिक्षक हैं.

Intro:बगोदर के दिव्यांगों के जज्बे को सलाम, निःशक्त होकर भी दूसरों को कर रहे हैं सशक्त

बगोदर/गिरिडीह


Body:बगोदर/गिरिडीहः आज विश्व विकलांगता दिवस है. दुनिया भर में विकलांगता दिवस मनाया जा रहा है एवं इस वर्ग के लोगों की हित की बात की जा रही है. ऐसे में बगोदर के दिव्यांगों की बात करें तब इलाके के कुछ ऐसे भी दिव्यांग हैं, जिनके कार्यों के लोग कायल है. यूं कहें कि निःशक्त होकर भी इसी वर्ग के दूसरे लोगों को सशक्त बनाने में जुटे हुए हैं. इन दिव्यांगों में संतोष कुमार एवं महेश कुमार महतो शामिल हैं. संतोष कुमार बगोदर के खटैया गांव के और महेश घाघरा गांव के रहने वाले हैं.


मदद लेकर करते हैं मदद

दिव्यांग संतोष कुमार की कहानी अलग है. इनके कार्यों का न सिर्फ दिव्यांग वर्ग के बल्कि सामान्य लोग भी कायल हैं. इनके द्वारा किए जा रहे कार्य सामान्य व्यक्ति के लिए आईना दिखाने जैसा है. दिव्यांग संतोष अच्छे से चलने व बोलने में असमर्थ हैं. शारीरीक रूप से भी कमजोर हैं. बावजूद इसके इस वर्ग के लोगों के बीच पाठ्य सामग्री, गर्म कपड़े, दुर्गा पूजा में कपड़े, स्कूल बैग आदि का वितरण समय- समय पर करते हैं. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इन सामग्रियों का वितरण दूसरों से मदद लेकर की जाती है. सोशल साइट फेसबुक में अपने दोस्तों से सहयोग के लिए रिक्वेस्ट करते हैं और फिर जो सहयोग राशि मिलता है उससे इन सामग्रियों की खरीददारी कर उसका वितरण करते हैं. इनके हौसलों को उड़ान भरने में इनकी पत्नी पंख लगाने का काम करती हैं. हर कार्यों में बढ़चढ़कर साथ देती है.

महेश की भी है अनोखी कहानी

दिव्यांग महेश कुमार महतो दोनों पैर से दिव्यांग है. उन्होंने जमीन पर रेंगकर चलते हुए एम ए तक की पढ़ाई पूरी की. इस बीच इन्होंने गांव के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. इसी दौरान गांव में ईजीएस केन्द्र खुला और ग्राम सभा में पारा शिक्षक के रूप में इनका चयन हुआ. समय के साथ इन्होंने अपनी सुविधा के लिए थ्री व्हीलर बाइक लिया और अब उसी बाइक से वे इधर- उधर जाकर अपनी एवं विभागीय कार्यों का निपटारा करते हैं. महेश कहते हैं कि मन में उत्साह और उमंग हो तो कोई भी कार्य आसान हो जाता है. कहा कि उन्होंने अपनी सफलता में दिव्यांगता को कभी भी बाधा बनने नहीं दिया. इसी तरह दिव्यांग मो सबिर ने कहा है कि हर बाधाओं से मुकाबला करते हुए मैंने पढ़ाई पूरी की और आज एक प्राईवेट स्कूल में टीचर हैं.




Conclusion:महेश महतो, दिव्यांग पारा शिक्षक

दिव्यांग संतोष कुमार की पत्नी

मो सबिर दिव्यांग, वैशाखी वाले

दिव्यांग बच्ची

लक्ष्मण महतो, मुखिया

Last Updated : Dec 3, 2019, 9:50 PM IST
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