बगोदर/गिरिडीहः आज दुनिया भर में दिव्यांग दिवस मनाया जा रहा है. बगोदर में कुछ ऐसे भी दिव्यांग हैं, जिनके कार्यों के लोग कायल हैं. शारीरिक रुप से लाचार होने के बावजूद भी संतोष कुमार और महेश कुमार महतो यहां दूसरे लोगों को सशक्त बनाने में जुटे हुए हैं.
संतोष करते हैं सराहनीय कार्य
संतोष कुमार बगोदर के खटैया गांव और महेश घाघरा गांव के रहने वाले हैं. इनकी कहानी कुछ अलग ही है. इनके कार्यों का न सिर्फ दिव्यांग वर्ग के बल्कि आम लोग भी कायल हैं. संतोष अच्छे से चलने और बोलने में असमर्थ हैं, लेकिन ये दिव्यांगों को शिक्षा बांटने का कम कर हैं. ये समय-समय पर अपने वर्ग के लोगों के बीच पाठ्य सामग्री, गर्म कपड़े, स्कूल बैग आदि का वितरण भी करते हैं. संतोष कुमार आम लोगों से मदद लेकर अपने वर्ग के लोगों के लिए इस तरह का सराहनीय कार्य कर रहे हैं.
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संतोष सोशल साइट के जरिये भी मांगते हैं मदद
संतोष सोशल साइट के जरिये भी अपने दोस्तों से सहयोग के लिए रिक्वेस्ट करते हैं और पैसे जुटाते हैं. इनके हौसलों को उड़ान भरने में इनकी पत्नी पंख लगाने का काम करती हैं. वो हमेशा उनके सभी कामों में बढ़चढ़कर साथ देती है.
महेश की भी है अनोखी कहानी
वहीं, दिव्यांग महेश कुमार महतो दोनों पैर से चलने में असमर्थ हैं, लेकिन उन्होंने किसी तरह से कॉलेज पहुंचकर एमए तक की पढ़ाई पूरी की और गांव के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. इसी दौरान गांव में ईजीएस केंद्र खुला जहां ग्राम सभा में पारा शिक्षक के रूप में उनका चयन हुआ, जिसके बाद उन्होंने अपनी सुविधा के लिए थ्री व्हीलर बाइक खरीदा और अब उसी से इधर-उधर जाकर अपना और विभागीय कार्यों का निपटारा करते हैं. महेश कहते हैं कि मन में उत्साह और उमंग हो तो कोई भी कार्य आसान हो जाता है. उन्होंने अपनी सफलता में दिव्यांगता को कभी भी बाधा नहीं बनने दिया. उसी तरह दिव्यांग मो सबिर ने भी सभी बाधाओं से मुकाबला करते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की है और वर्तमान में एक प्राईवेट स्कूल में शिक्षक हैं.