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विकास का सच: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा 3.41 करोड़ की लागत से बना पुल, बनते ही ध्वस्त हुआ गार्डवाल के साथ एप्रोच पथ, पिलर में भी दरार

उग्रवाद प्रभावित इलाके में विकास के लिए सरकार राशि तो खर्च कर रही है लेकिन भ्रष्ट व्यवस्था काम को ही गुणवत्तापूर्ण होने नहीं दे रही है. ऐसी ही व्यवस्था ने उग्रवाद प्रभावित पीरटांड़-डुमरी की सीमा पर अवस्थित जमुनादहा नाले पर घटिया पुल का निर्माण कर दिया. इस बारिश ने निर्माण की गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी.

approach path of bridge washed away
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 26, 2023, 8:01 PM IST

नवनिर्मित पुल के गार्डवाल के साथ एप्रोच पथ धवस्त

गिरिडीह: उग्रवाद प्रभावित इलाके में विकास के नाम पर लूट की परम्परा दशकों से चली आ रही है. यहां उग्रवादियों के भय से अधिकारी योजना स्थल पर पहुंचने से कतराते हैं और इसका फायदा संवेदक और मुंशी उठाते हैं. यही कारण है कि पीरटांड़, डुमरी, देवरी जैसे प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाके में योजना जैसे तैसे पूर्ण कर दी जाती है.

ये भी पढ़ें- लगातार हो रही बारिश से कोडरमा के चंदवारा प्रखंड में दूधी नदी पर बना पुल टूटा, दर्जनों गांव मुख्यालय से कटे

ताजा मामला पीरटांड के भारती चलकरी पंचायत से जुड़ा है. इस पंचायत के कौनझिया बस्ती-नावासार टोला एवं डुमरी के बीच पड़नेवाले जमुनादहा नाले पर पुल का निर्माण हो रहा है. 12 अक्टूबर 2022 को इस पुल की आधारशिला सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ग्रामीण विकास ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफिजुल अंसारी, गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी व गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार ने रखी थी.


ग्रामीणों की उम्मीद को लगा झटका: इस विषय पर झामुमो नेता महावीर मुर्मू के अलावा स्थानीय हीरालाल मुर्मू ने बताया कि पीरटांड से कौनझिया मोड़ तक की सड़क बेहतर नहीं है. जबकि मुख्य सड़क से कौनझिया बस्ती की सड़क तो पूरी तरह बदहाल है. यहां के लोगों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने स्थानीय विधायक के प्रयास से कौनझिया-नावासार तथा डुमरी की सीमा पर पुल दिया. यह पुल बनने लगा तो लगा कि जल्द ही लोगों की समस्या का हल निकलेगा लेकिन संवेदक ने निर्माण में गड़बड़ी की.

अनियमितता का परिणाम है कि सितम्बर के पहले सप्ताह में पुल का एप्रोच पथ के साथ गार्डवाल बह गया. इसकी शिकायत विशेष प्रमंडल के पदाधिकारी से की गई. इसके अलावा मंत्री आलमगीर आलम को भी पत्र दिया गया. बताया कि इस निर्माणाधीन पुल के पिलर में भी दरार है जिसे सीमेंट प्लास्टर कर ढकने का प्रयास किया. महावीर मुर्मू ने बताया कि जिस नाले पर यह पुल बन रहा है उस नाले की पानी में आए बहाव के कारण एक वर्ष पूर्व एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी.

3.41 करोड़ की लागत से बन रहा है पुल: 3.41 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ. कार्य विशेष प्रमंडल के अधीन हो रहा है. कार्यपालक अभियंता भोला राम बताते हैं कि कार्य का टेंडर अखिल चंद्र कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था. एप्रोच पथ के साथ गार्डवाल बहने की सूचना मिलते ही संवेदक को नोटिस किया गया है.


मंत्री ने कहा होगी कार्रवाई: दूसरी तरफ इस गड़बड़ी की शिकायत मंत्री आलमगीर आलम से भी की गई. शिकायत पर मंत्री ने साफ कहा कि एक सप्ताह के अंदर जांच होगी और कार्रवाई भी.

नवनिर्मित पुल के गार्डवाल के साथ एप्रोच पथ धवस्त

गिरिडीह: उग्रवाद प्रभावित इलाके में विकास के नाम पर लूट की परम्परा दशकों से चली आ रही है. यहां उग्रवादियों के भय से अधिकारी योजना स्थल पर पहुंचने से कतराते हैं और इसका फायदा संवेदक और मुंशी उठाते हैं. यही कारण है कि पीरटांड़, डुमरी, देवरी जैसे प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाके में योजना जैसे तैसे पूर्ण कर दी जाती है.

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ताजा मामला पीरटांड के भारती चलकरी पंचायत से जुड़ा है. इस पंचायत के कौनझिया बस्ती-नावासार टोला एवं डुमरी के बीच पड़नेवाले जमुनादहा नाले पर पुल का निर्माण हो रहा है. 12 अक्टूबर 2022 को इस पुल की आधारशिला सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ग्रामीण विकास ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफिजुल अंसारी, गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी व गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार ने रखी थी.


ग्रामीणों की उम्मीद को लगा झटका: इस विषय पर झामुमो नेता महावीर मुर्मू के अलावा स्थानीय हीरालाल मुर्मू ने बताया कि पीरटांड से कौनझिया मोड़ तक की सड़क बेहतर नहीं है. जबकि मुख्य सड़क से कौनझिया बस्ती की सड़क तो पूरी तरह बदहाल है. यहां के लोगों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने स्थानीय विधायक के प्रयास से कौनझिया-नावासार तथा डुमरी की सीमा पर पुल दिया. यह पुल बनने लगा तो लगा कि जल्द ही लोगों की समस्या का हल निकलेगा लेकिन संवेदक ने निर्माण में गड़बड़ी की.

अनियमितता का परिणाम है कि सितम्बर के पहले सप्ताह में पुल का एप्रोच पथ के साथ गार्डवाल बह गया. इसकी शिकायत विशेष प्रमंडल के पदाधिकारी से की गई. इसके अलावा मंत्री आलमगीर आलम को भी पत्र दिया गया. बताया कि इस निर्माणाधीन पुल के पिलर में भी दरार है जिसे सीमेंट प्लास्टर कर ढकने का प्रयास किया. महावीर मुर्मू ने बताया कि जिस नाले पर यह पुल बन रहा है उस नाले की पानी में आए बहाव के कारण एक वर्ष पूर्व एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी.

3.41 करोड़ की लागत से बन रहा है पुल: 3.41 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ. कार्य विशेष प्रमंडल के अधीन हो रहा है. कार्यपालक अभियंता भोला राम बताते हैं कि कार्य का टेंडर अखिल चंद्र कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था. एप्रोच पथ के साथ गार्डवाल बहने की सूचना मिलते ही संवेदक को नोटिस किया गया है.


मंत्री ने कहा होगी कार्रवाई: दूसरी तरफ इस गड़बड़ी की शिकायत मंत्री आलमगीर आलम से भी की गई. शिकायत पर मंत्री ने साफ कहा कि एक सप्ताह के अंदर जांच होगी और कार्रवाई भी.

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