गिरिडीह: बालगृह में रह रही बालिकाओं पर हो रहे जुल्म की जांच के बाद सोमवार को बालगृह को सील कर दिया गया. वहीं यहां पर रह रही 11 बच्चियों में से 7 को धनबाद और 4 को दुमका शिफ्ट करने के लिए रवाना कर दिया गया है. डीसी राहुल कुमार सिन्हा के निर्देश पर सोमवार को यह कार्यवाई जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका और बाल संरक्षण के जीतू कुमार की मौजूदगी में किया गया. यहां बता दें कि इस बालगृह का संचालन कोडरमा की समन्वय नामक संस्था कर रही थी. संस्था की संचालिका शोभा कुमारी और उसके पुत्र पर पिछले दो वर्षों से गंभीर आरोप लगता रहा था.
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क्या क्या था आरोप
दोनों पर आरोप था कि संचालिका और उसका पुत्र सीसीटीवी से लड़कियों पर नजर रखता है. गंदा खाना परोसा जाता है, पहनने लायक कपड़ा नहीं दिया जाता है. इस तरह के आरोप पर वर्ष 2019 में भी जांच हुई थी. जांच में आरोप सही मिला था लेकिन रसूखदार शोभा और उसके पुत्र पर कार्यवाई नहीं हुई.
पुराने आरोप की जांच के बाद मामला शांत पड़ गया. इस बीच सितम्बर 2020 में पाकुड़ और दुमका की दो युवतियों ने बालगृह की संचालिका पर गम्भीर आरोप लगाया. इसे लेकर मुफस्सिल थाना में लिखित शिकायत की गई. आरोप जातिसूचक शब्दों का प्रयोग के अलावा कई तरह के लगाए गए थे. इसमें यह भी कहा गया था कि संचालिका का पुत्र अक्सरा बालगृह आता है. दोनों युवतियों की शिकायत पर डीसी ने जांच शुरू की.
सही मिली शिकायत
जांच में यह साफ हुआ कि संचालिका और उसके पुत्र द्वारा लड़कियों पर जुल्म किए जा रहे हैं. संचालिका का पुत्र सीसीटीवी से पूरे बालगृह पर नजर रखता है. यह भी साफ हुआ कि यहां पर रह रही बच्चियों के साथ जुल्म हो रहा है. वर्ष 2020 में ही यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई थी. इस रिपोर्ट को टर्मिनेट कर दिया गया है. यह टर्मिनेशन डीसी राहुल कुमार सिन्हा द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व भेजे गए रिपोर्ट के आधार पर की गई है. अब इस बालगृह को सील कर दिया गया.
जल्द होगी कड़ी कार्यवाई
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका ने बताया कि बालगृह बालिका का संचालन कर रही संस्था को टर्मिनेट कर दिया गया है. अब प्रताड़ना के मामले में एफआईआर दर्ज की जाएगी.