गिरिडीह: रोजगार की तलाश में ओमान जाकर फंसे 30 मजदूरों में 11 की सकुशल घर वापसी हो गई है. बगोदर इलाके के 11 प्रवासी मजदूरों के घरों में होली से पहले खुशियां लौट आई है. इस दौरान प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकंदर अली ने रांची एयरपोर्ट पहुंचकर मजदूरों से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम पूछा.
ओमान में फंसे झारखंड के 30 मजदूरों में 11 मजदूरों की बुधवार को घर वापसी हो गई है. इसमें 8 मजदूर बगोदर के विभिन्न गांवों के हैं. मजदूरों की टोली ओमान से जब रांची पहुंचा, तब प्रवासी मजदूरों के हित के लिए काम कर रहे सिकंदर अली ने उनसे मुलाकात की और सभी का हालचाल जाना. सिकंदर अली ने बताया कि ओमान में फंसे मजदूरों में 11 की वापसी हुई है. वापस लौटे मजदूरों में बगोदर प्रखंड के माहुरी के खुबलाल पासवान, बेको के चंद्रीका महतो, टेकलाल महतो, मुंडरो के सोहनलाल महतो, प्रदीप महतो, डुमरडेली के डुमरचंद महतो, तुकतुको के निर्मल महतो, सोहन महतो और बिष्णुगढ प्रखंड के उदयपुर के राजेंद्र प्रसाद महतो, टाटीझरिया प्रखंड के सेवालाल महतो, कोडरमा के महेन्द्र सिंह शामिल है.
5 मार्च को भी लौटेंगे कुछ मजदूर
सिकंदर अली ने बताया कि दूसरे खेप में गुरुवार को बगोदर प्रखंड के बेको के संतोष कुमार महतो और अजय कुमार महतो, बिष्णुगढ प्रखंड के बलकमक्का के रामचंद्र महतो, उदयपुर के जगदीश महतो की वतन वापसी होनी है. बता दें कि 2017 में गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो और कोडरमा जिले के 30 मजदूर एक एजेंसी के माध्यम से ओमान गए थे. वहां पर मजदूरों के साथ ना तो अच्छा व्यवहार किया जा रहा था और ना ही उन्हें 7 महीने से कोई वेतन दिया जा रहा था. मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो वायरल कर अपना दुख साझा किया था.
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भारतीय दूतावास पहुंचे इंटक नेता
इधर, ओमान में फंसे मजदूरों की वापसी की मांग को लेकर इंटक के केंद्रीय सचिव राजकिशोर सिंह बुधवार को नई दिल्ली पहुंचकर भारतीय दूतावास को मांग पत्र भेजा. पत्र के माध्यम से ओमान में फंसे भारतीय प्रवासी मजदूरों की स्थिति से अवगत कराया.